एनआईए ने कहा,’यासीन मलिक का था हाफिज सईद से सीधा संपर्क’
नई दिल्ली, 05 अक्टूबर (इ ख़बर टुडे) । टेरर फंडिग मामले में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने पटियाला हाउस कोर्ट में पूरक आरोप-पत्र दाखिल कर दिया है। इसमें अलगाववादी नेता यासीन मलिक, शब्बीर अहमद शाह, मसरत आलम, आसिया अंद्राबी के साथ अब्दुल राशिद शेख उर्फ इंजीनियर को आरोपित बनाया गया है। इन सभी अलगाववादी नेताओं पर देशद्रोह का आरोप है। एनआईए का कहना है कि यासीन मलिक का सीधा संपर्क साल 2008 में मुंबई आतंकी हमले को अंजाम देने वाले आतंकी हाफिज सईद से था। अन्य आरोपित उसी के जरिये हाफिज के संपर्क बनाए हुए थे। कोर्ट ने यासीन मलिक की न्यायिक हिरासत भी 23 अक्टूबर तक बढ़ा दी है।
मार्च 2017 में दर्ज टेरर फंडिग मामले में राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने अब दूसरा पूरक आरोप-पत्र दाखिल किया है। इसके अनुसार जांच में पाया गया कि आरोपितों को जम्मू-कश्मीर में आतंक फैलाने के लिए सीमा पार से फंडिग की जाती थी। आरोपितों के नौ ठिकानों पर की गई जांच के दौरान 400 इलेक्ट्रॉनिक उपकरण मिलने के साथ कई खुफिया दस्तावेज भी बरामद हुए हैं।
एनआईए ने कहा कि सभी आरोपित मिलकर प्रदेश में बंद, प्रदर्शन, पत्थरबाजी और माहौल खराब करने के लिए कई गतिविधियां करते रहे हैं। इनके मोबाइल फोन के एसएमएस, चैट व ई-मेल से पता चला कि एक पूरा समूह मिलकर कश्मीर घाटी में हालात खराब करने के लिए काम कर रहा है। पाकिस्तान से भी उन सभी के संपर्क पाए गए। यासीन मलिक की ई-मेल से कई ऐसे साक्ष्य मिले, जिनसे पाकिस्तान से फंडिग आने का पता चलता है। पाकिस्तानी उच्चायोग से संपर्क के कई साक्ष्य मिलते हैं, इनमें शांति भंग करने के दिशा-निर्देश मिले हैं।
गौरतलब है लंबे समय से सीमापार बैठे आकाओं की मदद और उनके कहने पर ये अलगाववादी नेता कश्मीर घाटी में अशांति फैलाते रहे हैं। इन लोगों को पाकिस्तान से हवाला के जरिए भी मदद मिलती रही है। साथ ही क्षेत्र में पत्थरबाजी की घटनाओं में भी इनका हाथ रहा है।