उपभोक्ताओं के लिए सरदर्द बना एसबीआई का ई-कार्नर,एटीएम मशीनें हुई अनुपयोगी
रतलाम,27 अक्टूबर (इ खबरटुडे)। वैसे तो स्टेट बैंक आफ इण्डिया देश की सबसे बडी बैंक है,लेकिन उपभोक्ताओं को परेशान करने के मामले में भी एसबीआई पहले नम्बर पर है। सर्वाधिक एटीएम उपलब्ध कराने वाली यह बैंक सबसे ज्यादा खराब रहने वाले एटीएम की बैंक भी है। शहर में एसबीआई के दर्जनों एटीएम है,लेकिन इनमें से ज्यादातर अक्सर खराब रहते है। इसकी शिकायतों के निराकरण की भी व्यवस्था बदहाल है।
आटोमैटिक व्यवस्थाएं देने के मामले में एसबीआई स्वयं को पहले स्थान पर बताती है। पासबुक की प्रिन्टिंग हो,या नगद जमा कराने की सुविधा,स्टेट बैंक द्वारा सर्वाधिक मशीनें लगाई गई है। लेकिन अधिक मशीनें होने के बावजूद एसबीआई के उपभोक्ता सर्वाधिक परेशान है।
स्टेट बैंक की मित्र निवास रोड स्थित मुख्यशाखा के ठीक बाहर ई-कार्नर बनाया गया है। इस ई-कार्नर में कुल चार एटीएम मशीनें है। इनमें दो तो साधारण मशीनें है,जबकि दो मशीनों में नगद राशि जमा कराने की सुविधा भी है। ई कार्नर के पास ही पासबुक प्रिन्टिंग की भी मशीन लगी हुई है।
लेकिन यह ई कार्नर उपभोक्ताओं के लिए पूरी तरह अनुपयोगी साबित हो रहा है। ई कार्नर में लगी मशीनें अक्सर खराब रहती है। मशीन की खराबी की शिकायतें होने पर भी एसबीआई के जिम्मेदार अधिकारी तत्परता से इन्हे ठीक कराने में कोई रुचि नहीं लेते। नतीजा यह है कि सारा दिन लोग इस ई कार्नर के चक्कर लगाते है और निराश होकर लौट जाते है। यदि कोई उपभोक्ता बैंक की मुख्य शाखा के भीतर चला गया तो उसकी हालत और भी खराब हो जाती है।
लम्बी कतारें,खराब व्यवहार
एसबीआई की लगभग सभी शाखाओं के काउण्टरों पर लम्बी लम्बी कतारें लगी होती है। इनमें से मुख्य शाखा की हालत तो और भी ज्यादा खराब है। यहां की कतारें बेहद लम्बी होती है और उपभोक्ता को घण्टों तक अपनी बारी का इंतजार करना पडता है। बाहर के ई कार्नर की खराबी के चलते यदि कोई उपभोक्ता अपनी रकम जमा कराने भीतर मुख्य शाखा में आ जाता है,और लम्बे इंतजार के बाद जब वह खिडकी पर पंहुचता है,तो उसे बैंककर्मियों की अभद्रता झेलना पडती है। बैंककर्मी रुपए जमा करने से इंकार कर देते है। वे कहते है कि बाहर मशीन लगी है,वहां जाकर जमा कराईए। कई बार तो कर्मचारी उपभोक्ताओं को डांट डपट कर भगा ही देते है।
शिकायतों की सुनवाई नहीं
वैसे तो बैंक प्रशासन उपभोक्ताओं की संतुष्टि को सर्वाधिक महत्व देने की घोषणाएं करता है,लेकिन निचले स्तर पर उपभोक्ताओं को धेले भर का सम्मान नहीं दिया जाता। उलटे बैंक की मुख्य शाखा में आने वाले वाले अधिकांश ग्राहकों को कर्मचारियों द्वारा अपमानित किया जाता है। बेंक की कस्टमर केयर सर्विस का हाल यह है कि सामान्य ग्राहक के लिए मुख्यशाखा के अधिकारियों से मिलना तक संभव नहीं है। बैंक के टोल फ्री नम्बर पर शिकायत किए जाने पर आमतौर पर कार्यवाही नहीं होती। बैंक की सेवाओं का हाल यह है कि इस खबर पर बेंक अधिकारियों का पक्ष जानने के लिए जब बैंक के लैण्डलाइन नम्बर पर फोन लगाया गया,तो घण्टी ही बजती रही,लेकिन फोन किसी ने नहीं उठाया।
इनका कहना है
एटीएम मशीनें खराब होने की शिकायत मिलते ही उन्हे ठीक करने की प्रक्रिया शुरु कर दी जाती है। अनेक उपभोक्ता मशीनों को ठीक ढंग से आपरेट नहीं कर पाते,इसकी वजह से मशीनें बार बार खराब हो जाती है। लेकिन इन्हे जल्दी ही ठीक कर दिया जाता है।
-कपिल पानीतावने
चैनल मैनेजर