November 14, 2024

उपचुनाव मतगणना: गोरखपुर में भाजपा, फूलपुर में सपा को बढ़त, बिहार में कांटे की टक्कर

नई दिल्ली/ लखनऊ/ पटना,14 मार्च (इ खबरटुडे)।  उत्तर प्रदेश की गोरखपुर, फूलपुर और बिहार की अररिया समेत दो विधानसभा सीटों पर वोटों की गिनती जारी है। शुरुआती रुझान आना शुरू हो गया है। यूपी के गोरखपुर से भाजपा अौर फुलपुर से सपा उम्मीदवार अागे चल रहे हैं। बिहार की अररिया लोकसभा सीट से राजद उम्मीदवार सरफराज आलम आगे चल रहे हैं।
फूलपुर लोकसभा

फूलपुर सीट पर 22 उम्मीदवार मैदान में हैं। फूलपुर सीट उप मुख्यमंत्री केशव मौर्य के  विधान परिषद की सदस्यता ग्रहण करने के बाद त्यागपत्र देने के कारण खाली हुई थी। बता दें कि फूलपुर उपचुनाव के लिए 37.4 फीसदी मतदान हुआ है। जबकि 2014 के लोकसभा चुनाव में 50.2 फीसदी मतदान हुआ था। इस तरह इस बार 12.4 फीसदी वोटिंग कम हुई है। गौरतलब है कि आजादी के बाद पहली बार मोदी लहर में फूलपुर में भाजपा का 2014 के लोकसभा चुनाव में खाता खुला था। केशव प्रसाद मौर्य ने भाजपा प्रत्याशी के तौर पर जीत दर्ज की थी।

-फूलपुर में सपा नागेंद्र पटेल और भाजपा के कौशलेंद्र पटेल के बीच वोटों का अंतर बढ़ गया है।

– तीसरे राउंड की गणना के बाद प्रत्याशी नागेंद्र पटेल को मिले 33227 मत, भाजपा प्रत्याशी को 30786 मत, सपा प्रत्याशी नागेंद्र प्रताप सिंह पटेल भाजपा प्रत्याशी कौशलेंद्र पटेल से 2441 मतों से आगे चल रहे हैं। कांग्रेस प्रत्याशी मनीष मिश्रा को सिर्फ 1398 मत मिले हैं।

-चौथे राउंड में फूलपर से सपा उम्मीदवार नागेंद्र पटेल 3607 वोटों से आगे।

गोरखपुर लोकसभा

गोरखपुर सीट के लिये 10 उम्मीदवार मैदान में हैं। गोरखपुर सीट मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के विधान परिषद की सदस्यता ग्रहण करने के बाद त्यागपत्र देने के कारण खाली हुई थी। यहां से भाजपा प्रत्याशी उपेंद्र शुक्ल बढ़त बनाए हुए हैं।

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-शुरुआती रुझान आने शुरू हो गए हैं और यहां से भाजपा के उम्मीदवार आगे चल रहे हैं। पहले चरण की काउंटिंग के दौरान भाजपा उम्मीदवार उपेंद्र शुक्ल 3200 वोटों से आगे हैं।

– चार राउंड की गिनती पूरी, भाजपा प्रत्याशी उपेंद्र शुक्ला बढ़त बनाए हुए हैं।

– भाजपा प्रत्याशी उपेंद्र शुक्ला को 15577 अौर सपा प्रत्याशी प्रवीण कुमार निषाद को 13911 वोट मिले हैं। भाजपा उम्मीदवार अागे चल रहे हैं।

अररिया लोकसभा

वहीं बिहार में पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव पर सभी की निगाहें हैं। अररिया लोकसभा सीट आरजेडी उम्मीदवार सरफराज आलम के पिता और सांसद तस्लीमुद्दीन के निधन के बाद खाली हुई थी। बिहार की सीटों पर हुए उपचुनाव के नतीजे इसलिए भी महत्वपूर्ण हैं क्योंकि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के एनडीए के साथ आने के बाद यह पहला उपचुनाव है।

-अररिया से राजद उम्मीदवार सरफराज आलम भाजपा उम्‍मीदवार प्रदीप सिंह से आगे चल रहे हैं।

-अररिया में पोस्ट बैलेट की गिनती में आरजेडी के सरफराज आलम 2000 वोटों से आगे चल रहे थे।
-अररिया लोकसभा सीट की पहले राउंड की गिनती पूरी हो गई है। भाजपा उम्मीदवार प्रदीप सिंह आगे चल रहे हैं।
-अररिया लोकसभा सीट पर आरजेडी के सरफराज आलम 2 हजार वोटों से आगे चल रहे थे। लेकिन पहले चरण की काउंटिंग के बाद भाजपा उम्मीदवार ने बढ़त बना ली है। इसके बाद फिर से सरफराज आलम ने लीड ले ली है।

-अररिया लोकसभा सीट की दूसरे राउंड की काउंटिंग पूरी। भाजपा उम्मीदवार प्रदीप सिंह 3780 वोट से आगे आगे चल रहे हैं।

-अररिया सीट से भाजपा प्रत्याशी  प्रदीप सिंह 5500 वोट से आगे चल रहे हैं।

-बिहार की अररिया लोकसभा सीट पर भाजपा उम्मीदवार प्रदीप सिंह अब पिछड़ गए हैं। एक बार फिर आरजेडी के सरफराज आलम आगे निकल गए हैं। दोनों के बीच कड़ा मुकाबला देखने को मिल रहा है।

-अररिया सीट से भाजपा के प्रदीप कुमार सिंह 4203 वोटों से आगे चल रहे हैं। यहां आरजेडी के उम्मीदवार सरफराज आलम से उनकी कड़ी टक्कर देखने को मिल रही है।

 यूपी में औसत मतदान

उत्तर प्रदेश में हुए लोकसभा उपचुनाव में मतदान का प्रतिशत कम रहा। इन सीटों पर हुए मतदान को आगामी आम चुनावों से पहले भाजपा के लिए एक इम्तिहान माना जा रहा है। उत्तर प्रदेश राज्य निर्वाचन कार्यालय से जारी बयान में कहा गया कि गोरखपुर में 43 फीसदी मतदाताओं ने जबकि फूलपुर में 37.39 फीसदी मतदाताओं ने अपने मताधिकार का उपयोग किया। उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य की साख दांव पर है।

 क्या होगा असर

इन लोकसभा सीटों के नतीजे न सिर्फ यूपी बल्कि केंद्र की राजनीति के सियासी समीकरणों में भी बड़ा बदलाव लाएंगे। खासतौर पर गोरखपुर और फूलपुर उपचुनाव को राज्य के सीएम योगी आदित्यनाथ, डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य और सपा-बसपा की प्रतिष्ठा से जोड़कर देखा जा रहा है। गोरखपुर-फूलपुर उपचुनाव से पहले यूपी की राजनीति ने नई करवट ली है। मतदान से ठीक पहले जहां चिर प्रतिद्वंद्वी सपा-बसपा ने हाथ मिला लिया, वहीं राज्यसभा चुनाव में सपा-बसपा के साथ कांग्रेस भी भाजपा के खिलाफ एक मंच पर आ गई है।

जाहिर तौर पर अगर उपचुनाव के नतीजे सपा के पक्ष में रहे तो इन तीनों दलों के लोकसभा चुनाव से पूर्व एक मंच पर आने की संभावना और मजबूत हो जाएगी। चूंकि ये दोनों सीटें सीएम योगी और डिप्टी सीएम मौर्य के इस्तीफे से खाली हुई है, इसलिए इसे न सिर्फ भाजपा बल्कि योगी-मौर्य की प्रतिष्ठा से भी जोड़ कर देखा जा रहा है। अगर सत्तारूढ़ दल अपनी दोनों सीटें जीतने में कामयाब रहा तो सपा-बसपा-कांग्रेस के एक मंच पर आने की संभावनाओं पर ग्रहण लगने के आसार बनेंगे। सभी सीटों पर 11 मार्च को वोट डाले गए थे।

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