उत्तर प्रदेश में मृतकों का आंकड़ा 13 पहुंचा, धारा 144 लागू, स्कूल बंद
नई दिल्ली,21 दिसंबर (इ खबरटुडे)।नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ सबसे ज्यादा विरोध प्रदर्शन उत्तर प्रदेश में देखा जा रहा है। शुक्रवार को भी जुमे की नमाज के बाद कानपुर, मेरठ, फीरोजाबाद, बिजनौर, वाराणसी, संभल और मुजफ्फरनगर में हिंसा हुई। इन शहरों में मृतकों का आंकड़ा 6 से बढ़कर 13 हो गया है।
मेरठ में चार, कानपुर, फीरोजाबाद और बिजनौर में दो-दो, वाराणसी, संभल और मुजफ्फरनगर में एक-एक की मौत हुई है। हालंकि डीजीपी ने स्पष्ट किया है कि एक भी मौत पुलिस फायरिंग में नहीं हुई है। पूरे प्रदेश में धारा 144 लागू है और स्कूल तथा कॉलेज बंद हैं। कई शहरों में सुबह से इंटरनेट के साथ फोन सेवा भी बाधित है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने देर रात वीडियोकॉन्फ्रेंसिंग के जरिए अधिकारियों की बैठक ली और हिंसा पर नाराजगी जाहिर की।
शुक्रवार की हिंसा के बाद यूपी के पुलिस महानिदेशक ओपी सिंह ने कहा था कि शुक्रवार को नमाज के बाद सुनियोजित ढंग से प्रदर्शनकारी सड़क पर उतरे और पुलिस पर हमला बोला। उपद्रवियों ने कम उम्र के बच्चों को आगे किया, जिनकी सुरक्षा के दृष्टि से पुलिस ने संयम बरतते हुए त्वरित कार्रवाई की।
इन शहरों में तनाव: कानपुर नगर, फीरोजाबाद, मेरठ, बुलंदशहर, गोरखपुर, बिजनौर, हापुड़, सहारनपुर, अमरोहा, बहराइच, बरेली, मुजफ्फरनगर।
पुलिस ने की कार्रवाई
डीजीपी ने बताया कि पूरे प्रदेश में 667 आरोपितों को हिरासत में लिया गया है। कुल 38 पुलिसकर्मी घायल हुए हैं। स्थानीय प्रशासन ने कई जिलों में इंटरनेट सेवाओं को बाधित करा दिया है।
सीतापुर, हरदोई, लखीमपुर सुलतानपुर, गोंडा और बलरामपुर में भी उपद्रव की कोशिश हुई, लेकिन पुलिस सतर्क रही।
आईजी (कानून-व्यवस्था) प्रवीण कुमार त्रिपाठी के मुताबिक, सपा, कांग्रेस व अन्य पार्टियों की ओर से सीएए के विरोध में विभिन्न जिलों में किए गए धरना-प्रदर्शन के मामलों कुल 17 मुकदमे दर्ज कर 144 को गिरफ्तार किया गया है।