November 22, 2024

उज्जैन संभाग में गेहूं उपार्जन का कार्य 18 मार्च से 18 मई तक संचालित होगा

गेहूं का समर्थन मूल्य 1350 रूपये प्रति Ïक्वटल घोषित

उज्जैन 13 मार्च (इ खबरटुडे)। खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग द्वारा जानकारी दी गई कि वर्ष 2013-14 हेतु संभाग में गेहूं उपार्जन का कार्य 18 मार्च से 18 मई तक संचालित किया जायेगा। भारत सरकार द्वारा वर्ष 2013-14 के लिये गेहूं का समर्थन मूल्य 1350 रूपये प्रति Ïक्वटल घोषित किया गया है। इसके अतिरिक्त राज्य शासन द्वारा किसानों को डेढ़ सौ रूपये प्रति Ïक्वटल पर बोनस दिया जायेगा। इस प्रकार मध्य प्रदेश में गेहूं का कुल खरीदी मूल्य 1500 रूपये प्रति Ïक्वटल निर्धारित किया गया है। उल्लेखनीय है कि इस बोनस राशि पर कोई भी कर, ड¬ूटी, लेव्ही इत्यादि नहीं लगेगा।

उपार्जन केन्द्रों के तौलकांटों का सत्यापन कराने के निर्देश
खाद्य विभाग द्वारा सभी सम्बन्धित अधिकारियों को निर्देश दिये गये हैं कि खरीदी एजेन्सियों द्वारा यह सुनिश्चित किया जाये कि गेहूं का निर्धारित मापदण्ड अनुसार ही क्रय हो। इसके अतिरिक्त नियंत्रक नापतौल द्वारा यह सुनिश्चित किया जाये कि 15 मार्च के पूर्व सभी मंडियों एवं उपार्जन केन्द्रों के तौलकांटे एवं बांटों सत्यापन हो जाये। कृषि विभाग से प्राप्त आंकड़ों के अनुसार इस वर्ष 115 लाख मै.टन गेहूं के समर्थन मूल्य पर उपार्जन हेतु प्राप्त होने का प्राक्कलन किया गया है। अत: खरीदी एजेन्सियों द्वारा इस संभावित मात्रा के अनुरूप बारदाना, साख सीमा, भण्डारण, परिवहन की व्यवस्था, पर्यवेक्षण एवं उपार्जन केन्द्रों के लिये स्टाफ की व्यवस्था सुनिश्चित की जाये।
खाद्य विभाग द्वारा गेहूं उपार्जन के कार्य हेतु प्रमुख निर्देश :-
1  ई-उपार्जन एप्लीकेशन साफ्टवेयर के माध्यम से किसानों के पंजीयन डाटा (सुधार उपरान्त) के आधार पर खरीदी केन्द्रवार अनुमानित आवक की जानकारी भी एजेन्सी द्वारा प्राप्त कर ली जाये, जिससे योजना बनाने में सुविधा रहे।
2    सभी कलेक्टर्स उपार्जन अवधि के दौरान नवीन उपार्जन केन्द्र खोलने का निर्णय अपने स्तर पर न लें। नवीन उपार्जन केन्द्र खोलने सम्बन्धी प्रस्ताव औचित्य सहित आयुक्त खाद्य को भेजे जायें।
3    समर्थन मूल्य पर उपार्जित गेहूं के लिये किसानों को समिति द्वारा स्थल पर ही ई-उपार्जन परियोजना के तहत रसीद प्रदान की जाये। किसानों के खाते में राशि अधिकतम सात दिवस के अन्दर जिला केन्द्रीय सहकारी बैंक द्वारा जमा की जाना सुनिश्चित की जाये।
4    विगत वर्ष गेहूं खरीदी केन्द्रों पर हुई औसत 15 दिवस की गेहूं खरीदी की मात्रा का 1500 रूपये प्रति Ïक्वटल के मान से साख सीमा स्वीकृत कराई जाये। किसानों को समय पर भुगतान हो, इसके लिये समितियों को पर्याप्त साख सीमा जिला केन्द्रीय सहकारी बैंक द्वारा दी जाये।
5    ज्ञात हो कि किसानों से समर्थन मूल्य पर गेहूं की प्राप्ति उनकी पात्रता के आधार पर ही की जाना है। उनकी पात्रता तहसील की उत्पादकता के आधार पर किसान के खाते की भूमि के मान से निर्धारित की गई है, जो ई-उपार्जन एप्लीकेशन में केन्द्र पर दर्शित रहेगी। इसी पात्रता अनुसार गेहूं की प्राप्ति सुनिश्चित की जाये। ई-उपार्जन एप्लीकेशन से खरीदी केन्द्रों द्वारा किसानों को पूर्व में ही एसएमएस द्वारा यह जानकारी दी जायेगी कि उन्हें अपना गेहूं खरीदी केन्द्र पर किस दिन लेकर आना है।
6    बारदानों की सिलाई लाल रंग के धागे से विद्युतचलित मशीन से की जाये तथा प्रत्येक बोरे पर नीले रंग की सील लगाई जाये। केवल मशीन से सिले हुए एवं सीलयुक्त बोरे ही परिवहनकर्ता को सौंपे जायेंगे।
7    खरीदी केन्द्रों पर गेहूं की तुलाई के लिये पर्याप्त संख्या में तौलकांटे एवं तुलावटियों की व्यवस्था खरीदी संस्था द्वारा सुनिश्चित की जाये। जिन खरीदी केन्द्रों पर गेहूं की आवक अत्यधिक संभावित है, उनमें इलेक्ट्रॉनिक तौलकांटे की व्यवस्था सुनिश्चित की जाये।
8    उपार्जन केन्द्रों से गोदाम तक गेहूं के परिवहन की विस्तृत योजना ई-उपार्जन साफ्टवेयर से प्राप्त केन्द्र से गोदाम पर पर्याप्त समय में पूर्व खरीदी एजेन्सियों एवं स्टेट वेयर हाउसिंग एण्ड लॉजिस्टिक कॉर्पोरेशन के जिला अधिकारियों द्वारा तैयार कर ली जाये। प्रतिदिन आवक की निरन्तर समीक्षा करते हुए समिति के स्वयं की गोदाम की क्षमता के 80 प्रतिशत भर्ती पूर्ण होने पर केन्द्र से गेहूं के परिवहन की व्यवस्था सुनिश्चित कर ली जाये। परिवहनकर्ता द्वारा बिलटी प्रस्तुत करने पर ही उसे गेहूं सौंपा जाये।
9    रबी विपणन वर्ष 2013-14 में मध्य प्रदेश शासन की ओर से भारत सरकार से गेहूं के विकेन्द्रीकृत उपार्जन की प्रतिपूर्ति प्राप्त करने हेतु मध्य प्रदेश स्टेट सिविल सप्लाईज कॉर्पोरेशन नोडल एजेन्सी रहेगी। इसके लिये उनके द्वारा भारत सरकार से एमओयू निष्पादन किया जाये। यह प्रयास किया जाये कि उपार्जन अवधि के दौरान ही अधिक से अधिक गेहूं का परिदान भारतीय खाद्य निगम को उनके गोदाम/रैक से कर दिया जाये।
गेहूं उपार्जन हेतु जिला स्तरीय समिति गठित
जिले स्तर पर उपार्जन के पर्यवेक्षण, स्कंद की गुणवत्ता तथा अन्य विषयों पर निर्णय लेने हेतु समिति तैयार की गई है, जिसके अध्यक्ष कलेक्टर रहेंगे तथा जिला सूचना अधिकारी एनआईसी, जिला विपणन अधिकारी मार्कफेड, जिला आपूर्ति नियंत्रक/आपूर्ति अधिकारी, प्रबंधक जिला सहकारी बैंक, उप पंजीयक, सहायक पंजीयक सहकारी संस्थाएं, वेयर हाउसिंग एण्ड लॉजिस्टिक कॉर्पोरेशन के स्थानीय प्रतिनिधि, भारतीय खाद्य निगम के प्रतिनिधि और म.प्र.स्टेट सिविल सप्लाईज कॉर्पोरेशन के जिला प्रबंधक सदस्य रहेंगे।
उक्त समिति खरीदी सम्बन्धी समस्त विवादों का अन्तिम निराकरण करेगी तथा उपार्जित स्कंद की गुणवत्ता की निगरानी भी करेगी। सभी कलेक्टरों को निर्देश दिये गये हैं कि वे अपने जिले में उपार्जन सम्बन्धी सभी विषयों के लिये एक अधिकारी सिंगल पाइन्ट ऑफ कान्टेक्ट (एसपीओसी) के रूप में नियुक्त करेंगे, जो जिले का वरिष्ठ अधिकारी होगा। यह अधिकारी राज्य स्तर पर वरिष्ठ अधिकारियों से सीधे सम्पर्क में रहेगा। इसके अतिरिक्त खरीदी केन्द्रों का आकस्मिक निरक्षण, ई-उपार्जन कार्य सम्बन्धी तकनीकी समस्याओं के निराकरण हेतु मोबाईल टीम के गठन तथा उपार्जन में साप्ताहिक अवकाश रखे जाने के भी निर्देश दिये गये हैं।

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