उज्जैन के व्यक्ति की इंदौर के मुकाबले आधी आय
जिला योजना समिति की बैठक में योजना आयोग उपाध्यक्ष बोले- वी वांट रिजल्ट देट टू विथ क्वालिटी
उज्जैन,14 अक्टूबर(इ खबरटुडे)। राज्य योजना आयोग उपाध्यक्ष बाबूलाल जैन ने मंगलवार को बृहस्पति भवन में आयोजित जिला योजना वर्ष 2016-17 के लिये आयोजित बैठक में स्पष्ट रुप से कहा कि अब केवल कार्य और विकास ही होगा। जो भी कार्य हाथ में लें वह समय सीमा में पूर्ण हों। वे बोले- वी वांट रिजल्ट देट टू विथ क्वालिटी। बैठक के दौरान यह स्थिति भी उभरकर आई कि इंदौर जिले में प्रति व्यक्ति की आय के मुकाबले उज्जैन के व्यक्ति की आय आधी भी नहीं है।
यह मामला उस समय सामने आया जब शाजापुर जिले के प्रस्तुतिकरण में पाया गया कि जिले में प्रतिव्यक्ति आय राज्य के औसत से 20 प्रतिशत कम है। यहां प्रति व्यक्ति आय 20 हजार 797 रुपये है। जबकि राज्य में 25 हजार 463 रुपये। इंदौर जिले में प्रति व्यक्ति आय सर्वाधिक 55 हजार 348 रुपये है। सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में भी शाजापुर जिला राज्य के औसत से पीछे है। जिले में जनसंख्या का घनत्व अधिक है। लिंगानुपात बेहतर है तथा साक्षरता कमजोर। कलेक्टर ने इस दौरान बताया कि जिले में भू-जल स्तर की स्थिति खराब है। जिले को सिंचाई की बड़ी योजनाओं की आवश्यकता है।
शिलान्यास के साथ ही तय हो लोकार्पण की तारीख
योजना आयोग उपाध्यक्ष ने शासकीय कार्यों को समय-सीमा में पूरा करने पर विशेष बल दिया। कार्यों में विलम्ब होने से उनकी लागत बढ़ती है व समय पर जनता को उनका लाभ नहीं मिल पाता है। अब यह आवश्यक है कि कार्यों के शिलान्यास के साथ ही उनके लोकार्पण की तारीख भी निर्धारित हो। जो अधिकारी समय पर कार्य पूरा करते हैं, उन्हें पुरस्कृत किया जाये।
विलेज मास्टर प्लान बनेगा
राज्य योजना विभाग के प्रमुख सचिव दीपक खांडेकर ने बताया कि प्रत्येक ग्राम की आवश्यकताओं एवं ग्रामीणों की भावनाओं के अनुरूप योजनाएं बनें, इसके लिये शासन अब विलेज मास्टर प्लान बना रहा है। इसमें स्थानीय व्यक्तियों की अधिक से अधिक सहभागिता होगी।
कार्य उज्जैन जिले से प्रारम्भ
योजना आयोग के प्रमुख सलाहकार मंगेश त्यागी ने जिला योजना वर्ष 2016-17 का कार्य उज्जैन जिले से प्रारम्भ होने पर अधिकारियों को बधाई दी। उन्होंने कहा कि चूंकि 12वीं पंचवर्षीय योजना अपने अन्तिम चरण में है, अत: पुराने अपूर्ण कार्यों को समय के साथ पूरा कर लिया जाये।
उज्जैन में डेयरी में अच्छा कार्य
बैठक में चार जिलों के कलेक्टर्स द्वारा अपने जिलों का प्रेजेंटेशन दिया गया। उज्जैन जिले के विकास के सम्बन्ध में यह तथ्य सामने आया कि गत तीन वर्षों में उज्जैन जिले में टरशरी सैक्टर (तृतीयक क्षेत्र) में विकास दर में कमी आई है। इससे इंगित होता है कि यहां व्यापार-व्यवसाय में वांछित प्रगति नहीं हुई है। वहीं उज्जैन में प्राइमरी सैक्टर (प्राथमिक क्षेत्र) कृषि, डेयरी आदि में अच्छी प्रगति हुई है।
देवास में बेटियों की स्थिति अच्छी
देवास जिले के प्रस्तुतीकरण में पाया गया कि देवास जिले में पुरूष-महिला लिंगानुपात में बेटियों की स्थिति अच्छी है। मध्य प्रदेश में यह अनुपात 931 है, जबकि देवास जिले में यह अनुपात 942 है, जो राष्ट्रीय अनुपात 943 के निकट है। वहीं साक्षरता में देवास जिले की दर राज्य की दर 69.3 से नीचे 60.94 है। देवास कलेक्टर ने बताया कि देवास जिले में शासन के ‘बेटी बचाओ अभियान’ के परिणामस्वरूप बेटियों की संख्या में वृद्धि हुई है। साक्षरता दर कम होने का कारण जिले में अनुसूचित जाति बहुल क्षेत्र होना है। जिला जीडीपी के मामले में राज्य के औसत से पीछे पाया गया।
शाजापुर जिले में टैलीमैडीसिन एवं टैलीएजुकेशन
कलेक्टर शाजापुर ने बताया कि जिले में एक नवाचार किया गया है, जिसमें ग्रामों से सीधे नगर में वीसी के माध्यम से ग्रामीणों की बात डॉक्टर्स से कराई जाती है तथा डॉक्टर्स उन्हें बीमारियों का इलाज बताते हैं। इस टैलीमैडीसिन योजना के अच्छे परिणाम आ रहे हैं।
रिफ्लेक्टर्स लगायें, जानें बचेंगी
योजना आयोग के उपाध्यक्ष ने बताया कि बहुत-सी ट्रालियों में रिफ्लेक्टर्स नहीं होने से आकस्मिक दुर्घटनाएं होती रहती हैं, अत: प्रत्येक ट्रॉली पर रिफ्लेक्टर्स अनिवार्य रुप से लगाये जायें। शाजापुर एवं आगर-मालवा जिलों ने बताया कि वहां शत-प्रतिशत ट्रॉलियों में रिफ्लेक्टर्स लगवा दिये गये हैं। अन्य कलेक्टर्स ने भी जिलों में यह कार्य सुनिश्चित किये जाने का उपाध्यक्ष को आश्वासन दिया।