उज्जैन के कलाकार धार में ठगाये
एक दीवार पर मांडने के 100 रुपये मिले, 300 दूसरे हजम कर गये
उज्जैन31 दिसम्बर(इ खबरटुडे)।मालवा में कहावत है नाचे-कूदे बांदरी-माल-मलंगे खाये.. ऐसा ही कुछ उज्जैन के मालवी मांडना बनाने वाले कलाकारों के साथ हुआ है। धार में प्रति दीवार मांडना बनाने के उन्हें 100 रुपये मिले और एक अन्य उनके नाम से 300 रुपये ले गया। कुल जमा 400 रुपये प्रति दीवार के भुगतान में उज्जैन के कलाकारों को मात्र 100 रुपये मिल पाये। मामला अब चर्चाओं में आया है।
धार के उत्कृष्ट सड़क पर वहां के नगर पालिका ने दीवारों पर मालवा के चित्रों के मांडने मंडवाये थे। इसके लिये एक मध्यस्थ के द्वारा उज्जैन के कलाकारों को बुलवाया गया था। उज्जैन के कलाकार धार पहुंचे और उन्होंने वहां ढेर सारी दीवारों को मालवा के मांडने से सजा दिया। प्रति चित्र मांडने के लिये कलाकारों को 100 रुपये का भुगतान किया गया बताया जा रहा है। कलाकारों को उज्जैन से लाने और ले जाने के लिये भी व्यवस्था जुटाई गई थी। यह व्यवस्था परबारे ही संचालित हो गई। अब जाकर उज्जैन के कलाकारों की आँखें खुलने लगी हैं।
मात्र 25 फीसदी ही मेहनताना मिल पाया
सूत्रों के मुताबिक उज्जैन के कलाकारों को अब जाकर पता लगा है कि जिस चित्र के इन्हें 100 रुपये के मान से भुगतान किया गया है, प्रति चित्र के नगर पालिका से 400 रुपयेप्रति के मान से भुगतान निकाला गया है। कलाकारों को ये जानकारी होने के बाद कि उन्हें मात्र 25 फीसदी ही मेहनताना मिल पाया और फ्री में ही 75 फीसदी राशि को लेकर अच्छी-खासी व्यवस्थाएं जुटी तो उनकी जान जल गई है। सूत्र जानकारी दे रहे हैं कि इस भुगतान में जमकर बंदरबांट हुई है।