इ खबरटुडे परिवार की ओर से सभी पाठकों को नववर्ष की शुभकामना
चैत्र मास की शुक्ल प्रतिपदा को सृष्टि आरंभ दिवस माना जाता है. आज ही के दिन ब्रम्हा जी ने सृष्टि का निर्माण किया था. वर्ष प्रतिपदा का यह दिन अत्यंत शुभ होता है. आज के ही दिन गुड़ी पड़वा,उगादि (युगादि) चेटिचंड,लोहाडी इत्यादि पर्व मनाए जाते है. आज ही के दिन आज से 2074 वर्ष पहले उज्जैन के पराक्रमी सम्राट विक्रमादित्य ने विक्रम संवत का शुभारंभ किया था. विक्रम संवत 2075 सभी के लिए मंगलमय हो.तिथियों का भारतीय कैलेंडर में महत्व
भारत व्रत पर्व व त्योहारों का देश है। यूं तो काल गणना का प्रत्येक पल कोई न कोई महत्व रखता है किन्तु कुछ तिथियों का भारतीय काल गणना (कैलेंडर) में विशेष महत्व है। भारतीय नव वर्ष (विक्रमी संवत्) का पहला दिन (यानी वर्ष-प्रतिपदा) अपने आप में अनूठा है। इसे नव संवत्सर भी कहते हैं। इस दिन पृथ्वी सूर्य का एक चक्कर पूरा करती है और दिन-रात बराबर होते हैं। इसके बाद से ही रात्रि की अपेक्षा दिन बड़ा होने लगता है। काली अंधेरी रात के अंधकार को चीर चंद्रमा की चांदनी अपनी छटा बिखेरना शुरू कर देती है। वसंत ऋतु का राज होने के कारण प्रकृति का सौंदर्य अपने चरम पर होता है। फाल्गुन के रंग और फूलों की सुगंध से तन-मन प्रफुल्लित और उत्साहित रहता है।