September 29, 2024

आलनिया हत्याकांड के 7 आरोपियों को आजीवन कारावास, 13 बरी

रतलाम,10 जनवरी (इ खबरटुडे)। चतुर्थ अपर सत्र न्यायाधीश प्रियदर्शन शर्मा ने मंगलवार को स्टेशन रोड थाना क्षेत्र के ग्राम आलनिया में ढ़ाई वर्ष पूर्व हुए बहुचर्चित बिहारीलाल हत्याकांड का फैसला सुनाया। उन्होंने इस हत्याकांड शामिल रहे 7 आरोपियों को आजीवन कारावास दिया, जबकि 13 अन्य आरोपियों को संदेह का लाभ देते हुए बरी कर दिया।
लोक अभियोजक सुभाष जैन ने बताया कि आलनिया में 12 जून 2014 को सुबह 7.30 बजे 20 लोगों ने एकमत होकर ग्राम रूपाखेड़ा से आए लोगों पर लट्ठ, कुल्हाड़ी, तलवार आदि से हमला किया था। इस हमले में बिहारीलाल की मौत हो गई थी, जबकि वर्धमान पाटीदार, सोहनलाल, विजय, आनंदीलाल, बद्रीलाल और दशरथ घायल हो गए थे। वर्धमान की रूपाखेड़ा में 10 बीघा जमीन थी और उसके आसपास केबल काटने व ट्रिप की लाईन की घटनाए हो रही थी। उसने बिलपांक थाना में आलनिया के 4-5 लोगों के खिलाफ खेतों में आकर वन्य जीवों का शिकार करने की रिपोर्ट की थी। इसी रंजिश को लेकर आलनिया के लोगों ने 12 जून की सुबह फूल बेचने रतलाम जा रहे वर्धमान पर पहले हमला किया। हमले में घायल होने के बाद उसने रूपाखेड़ा पहुंचकर घटना की जानकारी दी, तो गांव के लोग समझौता करवाने के मकसद से आलनिया पहुंचे। उन लोगों पर भी आरोपियों ने हमला किया जिसमें बिहारीलाल की मौत हो गई और अन्य घायल हो गए।

इन्हें मिला आजीवन कारावास

स्टेशन रोड थाना के तत्कालीन प्रभारी राजेश सिंह चौहान ने 20 लोगों के खिलाफ विभिन्न धाराओं में हत्या, हत्या का प्रयास, रास्ता रोकने, बलवा कार्य करने और षडयंत्र रचने का प्रकरण दर्ज कर न्यायालय में चालान  पेश किया था।  न्यायालय ने सुनवाई पश्चात आरोपी आलनिया निवासी गिरधारी पिता नंदराम 31 वर्ष, छगन उर्फ छंगा उर्फ श्रीपाल पिता मुन्नालाल 20 वर्ष,  बसंतीलाल पिता हीरालाल 50 वर्ष, समरथ पिता हीरालाल 60 वर्ष, लक्ष्मीचंद पिता भागीरथ 65  वर्ष बद्रीलाल पिता हेमराज 19 वर्ष, तथा मूंदड़ी निवासी शंभुलाल पिता नंदा 55 वर्ष को धारा 302/149 के तहत आजीवन कारावास व 1 हजार रुपए अर्थदंड, धारा 148 के तहत 1 वर्ष सश्रम कारावास व 500 रुपए अर्थदंड तथा धारा 323/149 के तहत 6 माह सश्रम कारावास व 500 रुपए अर्थदंड से दंडित किया।

इनको किया दोषमुक्त

न्यायालय ने अन्य आरोपियों की उपस्थिति के बारे में गवाही नही दिए जाने पर संदेह का लाभ देते हुए सभी को बरी कर दिया। बरी किए गए आरोपियों में हेमराज पिता नंदराम, नर्मदाबाई पति गिरधारी, तुलसीबाई पति लक्ष्मीचंद, सुगनाबाई पति नंदराम, कलाबाई पति बाबूलाल, रामीबाई पति लाडू, मुकेश पिता मांगीलाल, भूरालाल पिता मांगीलाल, अमरसिंह पिता नंदराम, दिलीप पिता कैलाश, मुकेश पिता रामलाल, जितेंद्र पिता मुन्नालाल और रामप्रभु पिता हीराजी सभी निवासी आलनिया शामिल हैं।

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