आने वाली पीढि़यों के लिये बेहतर पर्यावरण निर्मित करेगें – कलेक्टर बी.चन्द्रशेखर
ऑपरेशन प्राणवायु हरियाली महोत्सव अंतर्गत प्रारम्भ
रतलाम 30 जून(इ खबरटुडे)।रतलाम जिले में 6 में से चार विकासखण्डों के गिरते भू-जल स्तर को देखते हुए ‘‘ओवर एक्सलॉइटेड झोन’’ घोषित किया गया है। इस क्षेत्र में भू-जल स्तर खतरनाक स्थिति से नीचे चला गया हैं एवं वह क्षेत्र धीरे-धीरे रेगिस्तान में बदलने की कगार पर हैं, ऐसा माना जा रहा हैं। आने वाले समय में इस क्षेत्र में पीने एवं सिंचाई हेतु पानी की समस्या विकराल रूप धारण कर सकती है।
स्थिति से निपटने के लिये और सुधार की दिशा में ठोस कदम उठाकर क्षेत्र में गिरते भू-जल स्तर को बेहतर बनाने और क्षेत्र को रेगिस्तान में बदलने से रोकने के लिये कलेक्टर बी.चन्द्रशेखर ने अधिक से अधिक वृक्षारोपण करने के लिये ऑपरेशन प्राणवायु प्रारम्भ किया है। इस अभियान से वर्षा के पानी को अधिक से अधिक रोका जा सकेगा। साथ ही उसे सरक्षित और संर्वधित भी किया जा सकेगा। इससे क्षेत्र में निश्चित ही हरियाली को पुर्नजीवन मिलेगा।
ऑपरेशन प्राणवायु अंतर्गत इस वर्ष विभिन्न योजनाआंे के अंतर्गत पात्र हितग्राही कृषकों की निजी भूमियों पर नंदन फलोद्यान उप योजनान्तर्गत फलदार वृक्षों के पौधे लगाये जायेगे। शासकीय परिसरों जैसे-शालाओं, छात्रावासों, ग्राम पंचायत भवनों, आंगनवाड़ी भवनों में फलदार वृक्षों का मिश्रण करते हुए पौध रोपण किया जावेगा। सड़को के दोनों और छायादार पौधों का पौधरोपण होगा। ग्रामों में खाली पड़ी शासकीय भूमियों पर सघन वन एवं उद्यान विकास के कार्य किये जायेगे। कुछ चिन्हित पेड़ रहित बंजर पहाडि़यों पर योजनाबद्ध तरीके से वानिकी संबंधी पौध रोपण किया जावेगा। कलेक्टर ने बताया कि उपरोक्त समस्त प्रकार के पौध रोपण के कार्य जिले में पूर्व से प्रचलित शासकीय योजनाओं में उपलब्ध संसाधनों एवं उपलब्धता अनुसार जन सहयोग से किये जायेगे। उन्होने बताया कि ऑपरेशन प्राण वायु अभियान की तैयारियॉ मार्च 2016 से ही प्रारम्भ कर दी गई थी। तैयारियों को बारिश के पूर्व ही मूर्त रूप दिया जाने लगा है जिससे की जिले में अधिक से अधिक तकनीकी रूप से सु-संगत और पुख्ता रूप से शत्प्रतिशत उत्तरजीविता को सुनिश्चित करते हुए पौधरोपण किया जा सके।
ग्रीन टीम बनेगी, जिला स्तर पर जिला पंचायत सीईओ के नेतृत्व में कार्य होगा
कलेक्टर बी.चन्द्रशेखर ने बताया कि ऑपरेशन प्राणवायु अंतर्गत विभिन्न विभागीय अधिकारियों की सक्रिय सहभागिता सुनिश्चित की जा रही है। इसके लिये तीन स्तरों पर ग्रीन टीम का गठन किया जावेगा जिसमें ग्राम पंचायत स्तरीय,विकासखण्ड स्तरीय एवं जिला स्तरीय ग्रीन टीमे गठित की जा रही है। जिला स्तर पर इस अभियान को सक्षम नेतृत्व प्रदान करने का दायित्व मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत को सौंपा गया हैं वह फ्लेग बियरर के रूप में कार्य करेगे।
प्रेक्षक की निगरानी में होगा पौध रोपण
कलेक्टर बी.चन्द्रशेखर ने बताया हैं कि ग्राम पंचायतों में होने वाले पौध रोपण का कार्य विकासखण्ड स्तर से नियुक्त प्रेक्षक की निगरानी और उपस्थिति में ही किया जायेगा। पौध रोपण का कार्य समस्त तैयारियों को पूर्ण करने के बाद ही किया जा सकेगा। इसके लिये अनिवार्य रूप से 1ग1ग1 वर्ग मीटर का गड्ढ़ा होना अनिवार्य है। गड्ढा खोदने के बाद और उसमें मिट्टी भरने व पौधा लगाने के पूर्व गड्ढ़ा का मूल्यांकन उपयंत्री के द्वारा किया जायेगा। बगैर मूल्यांकन के मिट्टी नहीं भरी जायेगी। गड्ढ़ो में भरी जाने वाली मिट्टी भी गुणवत्ता पूर्ण होना अनिवार्य है। कलेक्टर ने कहा हैं कि जिन स्थानों पर अपेक्षित गुणवत्ता वाली मिट्टी उपलब्ध नहीं हैं वहा अन्य स्थानों से मिट्टी लाकर गड्ढ़ों में खाद के साथ सही अनुपात में मिलाकर भरी जायेगी।
पौधों की सुरक्षा पौध रक्षक एवं स्व सहायता समूह करेगें
ऑपरेशन प्राणवायु अंतर्गत सड़क किनारे होने वाले पौध रोपण में पौधों की सुरक्षा के लिये प्रत्येक किलोमीटर पर एक पौध रक्षक को रखे जाने हेतु भी प्रावधान किया जा रहा है। पौध रक्षक मस्टर रोल पर तकनीकी एवं प्रशासकीय स्वीकृति अनुसार रखा जायेगा। ये पौध रक्षक मार्ग के दोनों और लगे पौधों की सिंचाई के साथ ही उनकी सुरक्षा करने का कार्य भी करेगा। यदि ग्राम में महिलाओं के सक्रिय स्व सहायता समूह उपलब्ध हैं तो उन्हें भी सड़क किनारे या शासकीय परिसरों में लगाये गये पौधों की सुरक्षा की जिम्मेदारी सौपी जा सकती है। आवश्यकता अनुसार पौधों को जानवरों से बचाने के लिये मार्गदर्शिका में दर्शाये गये उपायों के अतिरिक्त स्थानीय रूप से उपलब्ध कॅटिली झाडि़यांे इत्यादि से ट्री गार्ड बनाकर पौधों की सुरक्षा भी सुनिश्चित की जायेगी। इस कार्य में स्थानीय जनप्रतिनिधियों और नागरिकों की सहभागिता भी आवश्यक है। इसलिये पौध रोपण के कार्य समारोहपूर्वक उनकी उपस्थिति और सहभागिता में ही सम्पादित किये जायेगे।
नाम कमायेगे, दाम कमायेगे, जिम्मेदारी निभायेगे
ऑपरेशन प्राणवायु अंतर्गत लगाये जाने वाले पौधो की सुरक्षा करते हुए छात्र या छात्र समूह गणतंत्र दिवस के अवसर पर सम्मानित होगे और प्रशस्ति प्रमाण पत्र प्राप्त कर सकेगे। कलेक्टर ने बताया कि शासकीय परिसरों में होने वाले पौध रोपण कार्य में पौधों की सिंचाई एवं सुरक्षा का दायित्व संबंधित संस्था प्रमुख का होगा। उन्होने बताया कि शालाओं, छात्रावासों आदि में विद्यार्थियों का विभिन्न नामों से समूह गठित कर रोपित पौधों की सिंचाई एवं सुरक्षा का दायित्व सौपा जायेगा। जितने पौधे उतने समूह हो सकते है। अधिक पौधे होने पर एक -एक विद्यार्थी को भी नामजद जिम्मेदारी सौपी जा सकती है। सबसे उत्तम पौधे पाये जाने पर संबंधित विद्यार्थी अथवा समूह सम्मानित होगे।
जिसकी जमीन पर पौधा वही उसका मालिक
ऑपरेशन प्राणवायु अंतर्गत सड़क के किनारे किये जाने वाले वृक्षारोपण में अधिकांशतः उन पौधों का रोपण किया जायेगा जिनको सामान्य तौर पर मवेशी नुकसान नहीं पहुॅचाते है। कलेक्टर ने स्पष्ट रूप से निर्देश जारी करते हुए बताया हैं कि सड़क किनारे यदि शासकीय भूमि पर्याप्त रूप उपलब्ध नहीं होती हैं तो निजी भूमि पर पौध रोपण का कार्य किया जायेगा। उन्होने बताया हैं कि सड़क किनारे एक या दो पंक्तियों में पौधे लगाये जायेगे। रोपित होने वाले पौधे जिस कृषक की भूमि पर पुष्पित और पल्लवित होगे उन पौधों और वृक्षों का मालिकाना हक उसी कृषक का रहेगा।