आनंदक के रूप में पंजीयन करायें, लोगों के जीवन को खुशहाल बनाये,रतलाम में इच्छुक व्यक्तियों के नाम आमंत्रित
रतलाम 24 नवम्बर (इ खबरटुडे)। कलेक्टर बी.चन्द्रषेखर ने म.प्र.शासन द्वारा गठित किये गये आनंद विभाग के अंतर्गत आनंदक के रूप में पंजीयन हेतु इच्छुक गणों के नाम आमंत्रित किये है। मध्यप्रदेश शासन द्वारा नवगठित आनंद विभाग के द्वारा संचालित होने वाले कार्यक्रमों के माध्यम से प्रदेश के आमजन की जीवन शैली में तथा कार्य संस्कृति में सकारात्मक बदलाव लाने और लोगों में आपसी सौहाद्र्व एवं विष्वास की भावना उत्पन्न करने का अभिनव प्रयास किया जा रहा है। इसके माध्यम से प्रयास किया जा रहा हैं कि लोगों का जीवन आनंद और खुषी से परिपूर्ण हो सके।
कलेक्टर ने बताया हैं कि इच्छुक व्यक्ति इस कार्य हेतु आनंदक के रूप में स्वयं का पंजीयन वेबसाईट ूूूण्ंदंदकेंदेजींदउचण्पद पर कर सकते है।उन्होने बताया हैं कि आनन्द विभाग ने आनंदोत्सव, आनंद सभा एवं आनंदम नाम के तीन कार्यक्रम प्रारम्भ करने का निर्णय लिया है। सभी कार्यक्रम निःषुल्क कार्य करने वाले स्वयंसेवी कार्यकर्ताओं के माध्यम से संचालित किये जायेगे। आनन्द विभाग ऐसे सभी इच्छुक व्यक्तियों का आव्हान करता हैं जो निःषुल्क आनन्द विभाग को सेवा देने को तैयार हैं, वे आनन्दक के रूप में पंजीयन कराए। पंजीयन कराने वाले स्वयंसेवी कार्यकर्ताओं जो आनंद विभाग के लिए कार्य करेगें आनंदक कहा जायेगा।
आनंदकों से आनंद विभाग की अपेक्षा हैं कि वह अपने अन्य सामान्य कार्यकलापों के अतिरिक्त आनंद विभाग की गतिविधियांे का संचालन करने के लिये तैयार हो। चुने हुए आनंदकों को आनंद विभाग द्वारा प्रषिक्षण दिया जावेगा। प्रषिक्षण के दौरान आने – जाने का किराया तथा ठहरने की व्यवस्था राज्य आनंद संस्थान द्वारा की जावेगी। यदि कोई आनंदक शासकीय सेवारत हो तो प्रषिक्षण एवं कार्यक्रम में भाग लेने की अवधि को ड्युटी पर माना जावेगा। राज्य आनंद संस्थान द्वारा आनंदकों के लिये अपनी वेबसाईट पर समय-समय पर आवष्यक निर्देष जारी किये जावेगे।
कलेक्टर बी.चन्द्रषेखर ने बताया हैं कि शासन के आनंद विभाग को आनंदक से अपेक्षा हैं कि संस्थान को समय-समय पर ऐसे फीडबेक देते रहेगें जिससे संस्थान की गतिविधियों में निरंतर सुधार आ सकें व अपने कर्तव्य तथा विचारों से दुसरों के लिये भी उदाहरण बन सकें तथा अन्य व्यक्तियों को भी आनंद विभाग की गतिविधियों में भाग लेने के लिए प्रेरित करें।
व्यक्ति तथा समाज की भलाई तथा खुषहाली की दिषा में कार्य करने वाले ऐसे सभी व्यक्तियों, सामाजिक एवं सांस्कृतिक संस्थाओं से अपेक्षा हैं कि वे शासन के इस अभिनव कार्यक्रम में यथा योग्य योगदान देवें तथा अधिक से अधिक आनंदक के रूप में अपना पंजीयन करायें। साथ ही अधिक से अधिक व्यक्तियों और संस्थाओं को भी इस कार्य हेतु प्रेरित करेगे।