November 24, 2024

आधुनिक खगोल विज्ञान को समृद्ध बनाने के लिये प्राचीन विज्ञान से जोड़ने की आवश्यकता-डॉ.कलाम

मानव कल्याण के लिये वैज्ञानिक विज्ञान की खोज करते रहें -मुख्यमंत्री श्री चौहान

उज्जैन 12 जून(इ खबर टुडे)। । भारत रत्न डॉ.एपीजे अब्दुल कलाम ने उज्जैन में प्रथम अत्याधुनिक तारा मण्डल का लोकार्पण करते हुए कहा कि राजनीति दो तरह की होती है- एक केवल राजनीति और दूसरी विकासात्मक राजनीति। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अपना पूरा ध्यान विकास की राजनीति पर केन्द्रित किया है। इस आधार पर कहा जा सकता है कि 2020 तक भारत दुनिया में आर्थिक रूप से विकसित राष्ट्रों की बिरादरी में आ जायेगा। उन्होंने कहा कि सीखने के लिये सृजन क्षमता जरूरी है। विचार करने की क्षमता से ज्ञान मिलता है और अन्तत: ज्ञान हमें महान् बनाता है।

पूर्व राष्ट्रपति डॉ.कलाम ने तारामण्डल की चर्चा करते हुए कहा कि यह एक वैज्ञानिक केन्द्र है, जो विद्यार्थियों को खगोल विज्ञान के रहस्यों को समझने में अहम भूमिका निभायेगा। भारतीय खगोल विज्ञान के गौरवशाली इतिहास की चर्चा करते हुए कहा कि आर्य भट्ट, भास्कराचार्य, वराह मिहिर आदि विभूतियों ने इस क्षेत्र में ऐतिहासिक योगदान दिया है। डॉ.कलाम ने कहा कि आधुनिक खगोल विज्ञान को समृद्ध बनाने के लिये प्राचीन विज्ञान से जोड़ने की आवश्यकता है। उन्होंने विख्यात वैज्ञानिक डॉ.जयन्त नार्लीकर की पुणे स्थित प्रयोगशाला “आयुका’ की चर्चा करते हुए कहा कि मैंने उनकी प्रयोगशाला देखी और मुझे खगोल विज्ञान की कई नई और महत्वपूर्ण जानकारियाँ मिलीं। डॉ.कलाम ने कहा कि वास्तव में खगोल विज्ञान जिज्ञासा का विषय है जिसका हमेशा आकर्षण बना रहेगा।
उन्होंने कहा कि उज्जैन में तारामण्डल की स्थापना मध्य प्रदेश के खगोल विज्ञान के इतिहास की एक अनुपम घटना है। यह केन्द्र शोध कार्यों को बढ़ावा देने में भूमिका निभायेगा।  इस अवसर पर उपस्थित युवाओं से विज्ञान को आजीवन मिशन बनाने की अपील की। उन्होंने कहा कि विज्ञान के माध्यम से ऊर्जा और जल संकट, वेस्ट मैनेजमेंट आदि चुनौतियों का सामना किया जा सकता है। डॉ.कलाम ने “उज्जैनी’ को एक काल्पनिक पात्र के रूप में प्रस्तुत करते हुए खगोल विज्ञान की भावी यात्रा की झलक प्रस्तुत की। इस अवसर पर पूर्व राष्ट्रपति डॉ.कलाम ने स्कूली छात्रों को अंग्रेजी में विज्ञान को बढ़ावा देने के लिये शपथ दिलाई।

तारा मण्डल परिसर में 5 करोड़ रूपये की लागत से
थ्रीडी आइमैक्स थिएटर का निर्माण होगा

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने थ्रीडी आइमैक्स थिएटर के लिये पाँच करोड़ रूपये की घोषणा की। तारामण्डल परिसर में थिएटर का आने वाले समय में निर्माण होगा। आपने कहा कि वेधशाला एवं तारामण्डल के लिये विश्व स्तर के विद्वानों के चयन के लिये विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिये। बच्चे ब्राहृाण्ड की खोज कर सकते हैं, परन्तु उनके विचार उच्च कोटि के होना चाहिये। बच्चे आज का भविष्य ही नहीं कल का भविष्य भी हैं। मुख्यमंत्री ने मध्य प्रदेश विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद में शोधपीठ स्थापना करने की भी घोषणा की।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने तारामण्डल के लोकार्पण कार्यक्रम में उपस्थित जनसमुदाय को सम्बोधित करते हुए कहा कि मानव कल्याण के लिये वैज्ञानिक खोज करते रहें। विज्ञान के क्षेत्र में किसी भी प्रकार की धन की कमी नहीं आने दी जायेगी। ब्राहृाण्ड को जानना बहुत आवश्यक है और इस पर हमारे वैज्ञानिक निरन्तर खोज करते चले जा रहे हैं। ब्राहृाण्ड का न कोई आदि…..यह अनन्त है। उज्जयिनी आध्यात्म की नगरी है, इसलिये उज्जैन के विकास में किसी भी प्रकार की कोई कोर-कसर नहीं छोड़ी जायेगी। आपने राज्य सरकार के द्वारा किये जा रहे विकास कार्यों की उपलब्धियों की जानकारी से भी अवगत कराया। आपने कहा कि सिंहस्थ-2016 की तैयारियाँ अभी से उज्जैन में शुरू हो चुकी है और बड़े निर्माण कार्य भी शुरू हो गये हैं। अतीत में उज्जैन का गौरवशाली इतिहास रहा है। यह नगरी महाकवि कालिदास की नगरी है, इसका अतीत बहुत पुराना है। आपने प्रशंसा व्यक्त करते हुए कहा कि उज्जैन जिले की महिदपुर तहसील के ग्राम डोंगला में वेधशाला तथा उज्जैन में तारा मण्डल का निर्माण हुआ है। इनके बन जाने से लोगों को खगोल विज्ञान की जानकारी मिलेगी, इसके साथ ही साथ वैज्ञानिकों को शोध करने का मौका मिलेगा।
उज्जैन जिले के प्रभारी मंत्री  कैलाश विजयवर्गीय ने इस अवसर पर कहा कि उज्जयिनी किसी न किसी रूप में विश्व में पहचान रखती है। दुनिया को अगर किसी ने मार्ग दिखाया है तो वह हमारे भारत देश ने दिखाया है। उज्जयिनी कालगणना का केन्द्र बिन्दु रहा है। आपने कहा कि गांव-गांव में विज्ञान बसा है। आपने विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के द्वारा किये जा रहे कार्यों की विस्तृत जानकारी दी। आपने प्रशंसा व्यक्त की कि उज्जैन में तारा मण्डल व डोंगला में वेधशाला का निर्माण मुख्यमंत्री  शिवराज सिंह चौहान एवं संघ के सह-सरकार्यवाह सुरेश सोनी के अथक प्रयासों का ही नतीजा है।
प्रारम्भ में म.प्र.विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद के संसाधन वैज्ञानिक एवं तारा मण्डल प्रभारी डॉ.राजेश शर्मा ने तारा मण्डल और उसको स्थापित करने के उद्देश्यों के बारे जानकारी दी। कार्यक्रम के प्रारम्भ में पूर्व राष्ट्रपति डॉ.एपीजे अब्दुल कलाम तथा मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान आदि अतिथियों ने तारामण्डल का लोकार्पण कर डोम का निरीक्षण किया। कार्यक्रम के आरम्भ में अतिथियों ने दीप प्रज्वलन कर कार्यक्रम का शुभारम्भ किया।
इस अवसर पर खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्री पारस जैन, विधायक  शिवनारायण जागीरदार, म.प्र.पर्यटन विकास निगम के अध्यक्ष डॉ.मोहन यादव, म.प्र.जनअभियान परिषद के उपाध्यक्ष  प्रदीप पाण्डेय, म.प्र.हज कमेटी के अध्यक्ष  सनवर पटेल, उज्जैन विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष  किशोर खंडेलवाल, महापौर  मदनलाल ललावत,  इकबालसिंह गांधी,  जगदीश अग्रवाल, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के प्रमुख सचिव देवराज बिरदी एवं महानिदेशक प्रो.प्रमोद के.वर्मा, संभागायुक्त अरूण पाण्डेय, आईजी  वी.मधुकुमार, डीआईजी  आई.पी.कुलश्रेष्ठ, कलेक्टर बी.एम.शर्मा, पुलिस अधीक्षक  अनुराग, कार्यकारी संचालक अजीत श्रीवास्तव, देशभर के तारामण्डलों के निदेशक और विज्ञान संचारक, पत्रकार आदि उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन संजय श्रीवास्तव ने किया तथा अन्त में आभार विभाग के महानिदेशक प्रो.प्रमोद के.वर्मा ने प्रकट किया।

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