आज 100 दिन पूरे करेगी -नमामि देवि नर्मदे-सेवा यात्रा
औसतन हर तीसरे दिन शामिल हुए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान
500 से अधिक राष्ट्रीय-अंतर्राष्ट्रीय ख्यातिलब्ध गणमान्य हुए शामिल
भोपाल ,27 मार्च (इ खबरटुडे)। विश्व में ज्वलन्त होती पर्यावरणीय समस्याओं के बीच शीतल बयार की भाँति ‘नमामि देवि नर्मदे”-सेवा यात्रा ने दुनिया का ध्यान अपनी ओर खींचा है। अनूपपुर जिले के अमरकंटक से 11 दिसम्बर, 2016 को आरंभ हुई यात्रा ने आज 28 मार्च को अपने 15वें जिले सीहोर में शतक दिवस पूर्ण किया।
यात्रा में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की औसतन हर तीसरे दिन भागीदारी रही, जो अपने-आप में एक अनोखा कीर्तिमान बनने जा रहा है। आज सीहोर जिले के नांदनेर में होने वाले जन-संवाद कार्यक्रम में ज्ञानी दिलीप सिंह और ग्वालियर के डॉ. ए.एस. भल्ला सिख धर्म के 100 प्रतिनिधियों के साथ शामिल हो रहे हैं।
यात्रा 99 दिनों में 2465 किलोमीटर की दूरी तय कर चुकी है। इसमें 48 विकासखण्ड, 591 गाँव और 409 ग्राम पंचायत शामिल हैं। यात्रा के दौरान 591 जन-संवाद कार्यक्रम में 16 लाख 88 हजार लोगों ने भाग लिया। आसपास के स्थलों से 1052 उप-यात्राएँ भी मुख्य यात्रा में शामिल हो चुकी हैं। यात्रा के लिये अब तक 74 हजार 174 नर्मदा सेवक वेबसाइट पर अपना पंजीयन करवा चुके हैं।
मुख्यमंत्री 34 स्थान पर हुए यात्रा में शामिल
मुख्यमंत्री श्री चौहान रामघाट-अमरकंटक, बोंदर एवं करंजिया, गाड़ासरई, डिण्डौरी, चाबी, रामनगर-मण्डला, घंसौर-सिवनी, बरगी नगर हरदुली-जबलपुर, ब्रह्मकुण्ड गोटेगाँव-नरसिंहपुर, सांडिया सांगाखेड़ाखुर्द, सेठानी घाट-होशंगाबाद, हण्डिया, करनपुरा-हरदा, सिंगाजी, पूरनी/हनुवंतिया, ओंकारेश्वर-खण्डवा, नावडाटौडी, नाव घाट, खेड़ी-खरगोन, नेमावर-देवास, तुरनाल-सीहोर, छीपानेर, मण्डी, बावरी, आँवली घाट, होलीपुरा, बुदनी घाट, शाहगंज, सुडानिया और जैत घाट के जन-संवाद कार्यक्रमों में दिग्गजों के साथ शामिल हुए हैं।
यात्रा में अब तक सांकेतिक रूप से 37 हजार 349 पौध-रोपण हो चुका है। वन विभाग ने नर्मदा के दोनों तटों के 16 जिलों में 882 गाँव के एक लाख 18 हजार 85 कृषक परिवार के माध्यम से एक लाख 44 हजार 377 हेक्टेयर से अधिक क्षेत्र में पौध-रोपण की कार्यवाही आरंभ की है। इसकी अनुसंधान विस्तार नर्सरियों में 3 फीट से अधिक लम्बाई के सागौन, खमेर, सिरिस, बाँस, आँवला, महुआ, नीम, जामुन और मुनगा आदि के 148 लाख पौधे उपलब्ध हैं। उद्यानिकी विभाग वर्ष 2016-17 में 5000, वर्ष 2017-18 और वर्ष 2018-19 में 20-20 हजार फलदार वृक्षों के पौधे लगायेगा।
619 नर्मदा सेवा समिति गठित
जन-अभियान परिषद, ग्राम विकास प्रस्फुटन समिति और मुख्यमंत्री सामुदायिक नेतृत्व क्षमता विकास पाठ्यक्रम से जुड़े कार्यकर्ता और सामाजिक नेतृत्वकर्ता के माध्यम से वचन-पत्र भरवा रहा है। अब तक नशा-मुक्ति एवं नर्मदा संरक्षण के लिये 16 लाख 88 हजार लोगों को संकल्प दिलवाया जा चुका है। तटीय ग्राम पंचायतों में 619 नर्मदा सेवा समितियों का गठन हो चुका है। लगभग 2000 सामाजिक संस्थाएँ और स्वयंसेवी संगठन यात्रियों की भोजन और अन्य व्यवस्थाओं में सहयोग दे रही हैं।
नर्मदा सेवा मिशन के गठन की पहल
राज्य शासन नर्मदा संरक्षण एवं संवर्धन के लिये नर्मदा सेवा मिशन गठन कर रहा है। नदी के संरक्षण, वानस्पतिक एवं जल-संरक्षण की प्राचीन पारम्परिक पद्धति का संकलन और दस्तावेजीकरण का काम मध्यप्रदेश काउंसिल ऑफ साइंस एण्ड टेक्नालॉजी के माध्यम से नेशनल इनोवेटिव फाउण्डेशन, अहमदाबाद द्वारा किया जा रहा है।
नर्मदा यात्रा जल-स्वच्छता की जन-जागरूकता के साथ बहुत से नवाचार लायेगी। अगले साल से नर्मदा नदी के किनारे शराब की दुकानें नहीं होंगी, तटों पर जैविक खेती होगी, चेंजिंग-रूम और अंतिम संस्कार का स्थान बनेगा। सभी शौचालय-विहीन पात्र घरों में शौचालयों का निर्माण होगा, पक्की दुकानें बनेंगी, सीवेज का पानी रोकने के लिये प्लांट लगेंगे, दोनों तटों पर शासकीय एवं निजी भूमि पर पेड़ लगेंगे आदि।
नर्तक-दलों को 5-5 हजार रुपये
यात्रा में शामिल नर्तक-दलों को मुख्यमंत्री स्वैच्छानुदान मद से 5-5 हजार और नर्मदा गीत-गायन के लिये बालिकाओं को एक-एक हजार रुपये दिये जायेंगे। नर्तक-दल हैं बैगा नर्तक-दल, धुरकुटा, नर्मदा संघ कीर्तन मण्डली हर्राटोला, जागरण मण्डली डिण्डौरी, आदिवासी धुलिया जनजाति, गुदुम दल पटपरा, गुदुम बाजा नर्तक-दल चौरामाल, गोंडशैला नर्तक-दल बरसोद, गुदुम पार्टी एवं नर्तक-दल उदरी, आदिवासी सांस्कृतिक गुदुम दल मेढाखार, शैला नर्तक मण्डली लालपुर, गुदुम लोक-नृत्य मण्डली लालपुर, बाल मण्डली (पुलिस विभाग नशा-मुक्ति) डिण्डौरी, नाटक मण्डली कन्या कस्तूरबा शाला डिण्डौरी।