May 19, 2024

आखिर इतने पत्थर आये कहां से?

सोमवार के घटनाक्रम के बाद व्यवसायिक क्षेत्र में हुई पत्थरबाजी पर उठ रहे सवाल

उज्जैन,8 अक्टूबर (इ खबरटुडे)। सोमवार शाम आकस्मिक रुप से व्यवसायिक क्षेत्र में अशांति की स्थिति खड़ी हो गई। एक चल समारोह के साथ कुछ युवकों का विवाद और बाद में विवाद की परिणिति पत्थरबाजी के रुप में सामने आई। सबसे शर्मनाक बात तो यह रही कि मासूम बच्चों के साथ भी मारपीट हुई। इस पूरे विवाद में बड़ा सवाल यह खड़ा हो गया है कि व्यवसायिक क्षेत्र में पत्थर आये कहां से और इनके एकत्रीकरण के पीछे उद्देश्य क्या था?
सोमवार शाम छत्रीचौक से लगे तमाम हिस्सों में उत्पात साफतौर पर देखा गया। कई सारे चेहरे इस दौरान बेनकाब हुए हैं। पहले बच्चों से मारपीट का घटनाक्रम और उसके उपरांत घरों की छत से पत्थरबाजी इस बात को स्पष्ट कर रही है कि कहीं न कहीं इस पूरे मामले में पूर्व से ही चिंगारी सुलग रही है। यही कारण रहा कि कुछ ही देर में दनादन घरों की छतों से पत्थर बरसना शुरु हो गए। खास बात तो यह है कि यह पत्थर भी कोई घरों में लगाई जाने वाली ईंट का नहीं था। सड़कों पर पत्थरबाजी के बाद देखे गये पत्थरों में पक्का पत्थर साफतौर पर दिखाई दिया है। इसका आशय सीधा सा यह लगाया जा सकता है कि पक्का पत्थर एकत्रित किया गया। आखिर किस उद्देश्य के साथ यह पत्थर एकत्रित किये गये और अगर पत्थर एकत्रित किये गये थे तो इसका आशय साफ है कि पूर्व नियोजित तरीके से यह सबकुछ किया गया। घटनाक्रम के बाद पुलिस को इस पूरे मामले में पत्थरबाजी वाले क्षेत्रों में सघन जांच करवाना थी। जिसकी अपेक्षा अब भी बाजार में की जा रही है। यही कारण रहा कि मंगलवार को पटनी बाजार लखेरवाड़ी क्षेत्र में व्यापारिक प्रतिष्ठान खुलने में देरी हुई। भय का वातावरण मंगलवार को भी कायम था। यहां तक कि कलेक्टर के पहुंचने और आश्वासन के बाद जैसे-तैसे दोपहर में प्रतिष्ठान खुले थे। त्योहार के समय में बाजार के न खुलने से शहर को बड़ा आर्थिक नुकसान उठाना पड़ सकता है।

कवर गेम की आशंका

सोमवार शाम को हुए आकस्मिक घटनाक्रम के पीछे खुफिया सूत्र इस बात की आशंका जता रहे हैं कि यह कवर गेम का हिस्सा हो सकता है। उज्जैन संवेदनशील क्षेत्रों में गिना जाता है। दिल्ली तक उज्जैन की इात काफी मजबूत है। खास बात यह है कि एक संगठन विशेष के सरगना का यहां से सीधा वास्ता है। खुफिया सूत्रों के मुताबिक जिस तरह से घटनाक्रम हुआ है उससे यही लगता है कि यह कवर गेम का हिस्सा हो सकता है। सोमवार को हुए घटनाक्रम की विशेष समीक्षा होना आवश्यक बन पड़ा है। सिंहस्थ-2016 को देखते हुए यह महत्वपूर्ण भी बन गया है।

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