December 24, 2024

अवमानना मामला /’चौकीदार चोर है’ पर सुप्रीम कोर्ट की राहुल को फटकार- आप बयान देते हैं, फिर सही ठहराने की कोशिश करते हैं

rahul gandhi

नई दिल्ली,30अप्रैल (इ खबर टुडे)।अवमानना मामले की सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने राहुल गांधी को फटकार लगाई। चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने राहुल द्वारा दायर हलफनामे पर सवाल उठाए। चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने राहुल के वकील अभिषेक मनु सिंघवी से कहा कि आपके मुवक्किल बयान देते हैं और फिर उसे सही ठहराने की कोशिश करते हैं।सिंघवी ने कहा कि हलफनामे में खेद जाहिर किया गया है, जो कि माफी मांगने जैसा है। इस पर अदालत ने कहा कि हमें यह समझने में बहुत मुश्किल हो रही है कि आप हलफनामे में क्या कहना चाहते हैं। इस पर सिंघवी ने राहुल गांधी की तरफ से कोर्ट से माफी मांगी और नया हलफनामा दाखिल करने के लिए वक्त मांगा। अब अदालत 6 मई को इस मामले की सुनवाई करेगी।

राफेल मामले में सुप्रीम कोर्ट लीक दस्तावेजों के आधार पर दोबारा सुनवाई के लिए तैयार हो गई थी। इस पर राहुल गांधी ने कहा था कि अदालत ने भी मान लिया कि चौकीदार चोर है। इस बयान पर भाजपा नेता मीनाक्षी लेखी ने राहुल के खिलाफ अवमानना याचिका दाखिल की थी।

कुछ जगहों पर गलती मानी, कुछ जगहों पर इनकार किया- कोर्ट
सुप्रीम कोर्ट ने राहुल के हलफनामे पर कहा- कुछ जगहों पर वह अपनी गलती मानते हैं और कुछ जगहों पर उससे इनकार करते हैं। हमें इस हलफनामे में दिए गए राजनीतिक पहलू से कोई लेना-देना नहीं है। आपको खेद जाहिर करने के लिए 22 पन्नों का हलफनामा दाखिल करना पड़ा। कोष्ठक में खेद जाहिर करने का क्या मतलब है। उधर, लेखी के वकील मुकुल रोहतगी ने कहा कि अवमानना मामलों में कानून स्पष्ट है कि पहली लाइन ही बिना शर्त माफी से शुरू होनी चाहिए।

राहुल ने सोमवार को भी खेद जाहिर किया, माफी नहीं मांगी
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने चौकीदार चोर है वाले अपने बयान को लेकर सुप्रीम कोर्ट में सोमवार को नया हलफनामा दायर किया था। उन्होंने इसमें भी खेद ही जताया, माफी नहीं मांगी। राहुल ने हलफनामे में कहा था कि राजनीतिक लड़ाई में उनका कोर्ट को घसीटने का कोई इरादा नहीं है।

कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा था, ‘‘जाहिर तौर पर कोई भी अदालत ऐसा नहीं कहेगी। इसलिए अदालती आदेश का दुर्भाग्यपूर्ण तरीके से संदर्भ देना (जिस पर मैं अफसोस जताता हूं) और उसके साथ राजनीतिक नारा लगाना प्रचार के गर्म महौल में हुआ। हम यह समझाना नहीं चाहते थे कि अदालत ने इस मुद्दे पर कोई निष्कर्ष दिया है।’’

क्या है मामला?
दरअसल, हाल ही में शीर्ष अदालत राफेल डील के लीक दस्तावेजों को सबूत मानकर मामले की दोबारा सुनवाई के लिए राजी हो गई थी। इस पर राहुल ने कहा था कि कोर्ट ने मान लिया कि ‘चौकीदार ही चोर है।’ इसके बाद लेखी ने कांग्रेस अध्यक्ष के खिलाफ अवमानना का केस दायर कर दिया था। इस पर कोर्ट ने राहुल को बिना नोटिस जारी किए ही जवाब मांगा था। राहुल ने 22 अप्रैल को माना था कि कोर्ट ने ऐसा कुछ नहीं कहा और गर्म चुनावी माहौल में जोश में उनके मुंह से यह बात निकल गई। उन्होंने अपनी टिप्पणी पर खेद जताया था।

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