November 20, 2024

अयोध्या मामला: मुस्लिम पक्ष के वकील ने पांच दिन सुनवाई होने पर जताई आपत्ति

नई दिल्‍ली,09 अगस्त(इ ख़बर टुडे)। उच्चतम न्यायालय ने राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद मामले में लगातार चौथे दिन सुनवाई शुरू कर दी है। मुस्लिम पार्टियों का प्रतिनिधित्व कर रहे वरिष्ठ वकील राजीव धवन ने अदालत से कहा कि यह अफवाह है कि अदालत मामले की सुनवाई के लिए पूरे पांच दिन बैठेगी। उन्होंने पांच दिन सुनवाई किए जाने को लेकर आपत्ति जताई। उन्होंने कहा, ‘यदि सुनवाई हफ्ते में पांच दिन होती है तो यह अमानवीय है और न्यायालय की सहायता करना संभव नहीं होगा। हम अदालत की इस गति के साथ नहीं चल सकेंगे। मुझे इस केस को छोड़ने के लिए मजबूर होना पड़ेगा।’ इस पर मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) रंजन गोगोई ने कहा, ‘हमने आपकी परेशानी सुन ली है। हम आपको जल्द ही सूचित कर देंगे।’ इससे पहले यह फैसला लिया गया था मामले की सुनवाई हफ्ते में तीन दिन होगी लेकिन चौथे दिन भी इसकी सुनवाई जारी है। कहा जा रहा है कि अब हफ्ते में पांच दिन मामले की सुनवाई होगी।

सुप्रीम कोर्ट में रामजन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद की सुनवाई आज भी जारी है. 6 अगस्त से शुरू हुई रोजाना सुनवाई का आज चौथा दिन है. शुक्रवार को रामलला के वकील अपनी दलीलों को आगे बढ़ाएंगे. इस महत्वपूर्ण मसले को सुनने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने अपनी एक परंपरा तोड़ दी है. रोजाना सुनवाई के तहत हफ्ते में तीन दिन सुनवाई होती थी, लेकिन इस मामले की सुनवाई अब हफ्ते में पांच दिन होगी.

सुप्रीम कोर्ट ने तोड़ी परंपरा

रामजन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद पर पूरे देश की नज़र है, ये मामला पिछले कई दशकों से अटका हुआ है. ऐसे में अबकी बार अदालत इसकी फाइनल सुनवाई कर रहा है और अब ये मामला एक तरह से फास्ट ट्रैक हो गया है. यही कारण रहा कि अदालत ने गुरुवार को कहा कि अब इस मामले की सुनवाई हफ्ते के पांच दिन की जाएगी.

13 अगस्त यानी मंगलवार की कॉज लिस्ट में इस मामले का नाम शामिल है. सोमवार को ईद पर अदालत की छुट्टी रहेगी, इसलिए अगले हफ्ते मंगल-बुध-गुरु और शुक्रवार को मामले की सुनवाई होगी. अभी तक रोजाना सुनवाई का मतलब हफ्ते में तीन दिन यानी मंगल-बुध-गुरुवार को होती थी.

रामलला के वकील ने रखे थे तर्क

गुरुवार को सुनवाई के दौरान रामलला के वकील के. परासरण ने अपने तर्क रखे. इस दौरान अदालत में सवाल-जवाब का सिलसिला चला. चीफ जस्टिस रंजन गोगोई और अन्य जजों की संविधान पीठ ने रामलला के वकील से कई तरह के सवाल पूछे. अपनी बात कहते हुए के. परासरण ने कहा कि रामजन्मभूमि उनके लिए एक सजीव है और वह उनकी पूजा करते हैं.

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