December 26, 2024

अब कैसे बचेगा कालाधन : सरकार ने बैंक अकाउंट के लिए बनाया ये नियम

notes_burn

नई दिल्ली, 08 जनवरी(इ खबरटुडे)। कालाधन पर पूरी तरह से रोक के लिए सरकार ने फिर एक और कदम उठाया है. केंद्र सरकार ने नया आदेश पारित किया है. सरकार का मानना है कि इस आदेश के बाद बैंक और डाकघरों में कई साल से चल रहे बचत खातों में जमा अघोषित आय पकड़ में आ जाएगी. माना जा रहा है कि इस आदेश के बाद सरकार ने विपक्ष के उन हमलों की धार कम करने की कोशिश भी की है जिसके तहत विपक्ष लगातार कहता आ रहा था कि सरकार ने अपने पार्टी के नेताओं को पहले से ही इस कदम के बारे में आगाह कर दिया था.

नए आदेश के अनुसार सरकार ने सभी बचत खाते के लिए पैन नंबर विस्तार देना जरूरी कर दिया है. जिन खाताधारकों ने यह सूचना अब तक बैंक को नहीं दी है, उनके लिए सरकार ने 55 दिन का वक्त दिया है. नरेंद्र सरकार के इस आदेश के बैंकों में कालाधन रखने वालों पर कार्रवाई संभव है.

वित्त मंत्रालय द्वारा जारी नए आदेश में बचत खाताधारकों (Savings bank account) को पैन नंबर विस्तार या फार्म-60 28 फरवरी तक अनिवार्य तौर पर जमा कराने को कहा गया है. दरअसल, 9 नवंबर से लेकर 30 दिसंबर के बीच जिन खातों में ढाई लाख रुपये से अधिक रकम जमा हुई है, उसका ब्योरा बैंकों और डाकघरों को आयकर विभाग को 15 जनवरी तक सौंपना होगा. इस नियम के लागू होने के बाद उन खातों के ग्राहकों को जानो (केवाईसी) की पड़ताल की जाएगी.

मंत्रालय द्वारा जारी नोटिफिकेशन में बैंकों और डाकघरों से चालू खाते के बारे में भी रिपोर्ट मांगी गई है. इसमें कहा गया है कि 1 अप्रैल 2016 से लेकर 9 नवंबर के बीच ऐसे खातों की जानकारी दें, जिनमें नोटबंदी के दौरान 12.50 लाख रुपये और एक या उससे ज्यादा बचत खातों में कुल ढाई लाख रुपये से ज्यादा रकम जमा कराई गई.

अधिसूचना के मुताबिक पचास हजार रुपये से ज्यादा के नकद लेनदेन पर बैंकों, डाकघरों, रेस्टोरेंट और होटलों को रिकार्ड रखने के साथ पैन नंबर या फार्म 60 लेना जरूरी होगा. यह प्रक्रिया अनिवार्य होगी, जिसके बिना लेनदेन नहीं किया जाएगा. मंत्रालय का मानना है कि इस फैसले से नोटबंदी के बाद फर्जी बैंक खातों में जमा गैरकानूनी आय पकड़ में आ जाएगी, इसलिए यह नियम लाया गया है. चालू खातों में आम तौर पर पैनकार्ड विस्तार और केवाईसी की प्रक्रिया पूरी है, लेकिन बड़ी तादाद में बचत खाते हैं, जो कई साल से चल रहे हैं, लेकिन खाताधारकों की ओर से पैनकार्ड संबंधी विस्तार से जुड़ा फार्म-60 नहीं भरा गया है. 28 फरवरी के बाद सरकार ऐसे बैंक खातों के खिलाफ कड़ा कदम उठा सकती है.

वित्त मंत्रालय ने बैंकों तथा डाकघरों से यह पूरी जानकारी 15 जनवरी तक तलब की है. इसके अलावा चालू खाते (current account) पर भी रिपोर्ट इसी तारीख तक मांगी गई है. इसमें को-ऑपरेटिव बैंकों में जमा कराई गई राशि भी शामिल है. मंत्रालय ने यह भी स्पष्ट किया है कि अगर एक ही व्यक्ति ने विभिन्न खातों में पैसे जमा कराए हैं, और उसका कुल योग निर्धारित सीमा यानी बचत खातों में ढाई लाख से ज्यादा है, तो उसकी भी रिपोर्ट आयकर विभाग को सौंपी जाए.

गौरतलब है कि सरकार ने ऐसे खातों का चालू वित्त वर्ष का नोटबंदी से पहले का रिकॉर्ड भी मांगा है. बैंकों से इन खातों के बारे में चार जानकारी मांगी गई है. इनमें खाते में जमा कराई गई कुल राशि, निकाली गई कुल राशि और नोटबंदी के बाद जमा कराई गई राशि का विवरण. बता दें कि सरकार ने इसके लिए आयकर कानून, 1962 की संबंधित धाराओं में जरूरी संशोधनों के लिए शुक्रवार को अधिसूचना जारी की थी.

You may have missed

Here can be your custom HTML or Shortcode

This will close in 20 seconds