अन्वेषण और कानून-व्यवस्था के लिये पृथक-पृथक पुलिस बल होंगे
गृह मंत्री श्री गौर ने की 100 दिवसीय कार्य-योजना पर चर्चा
भोपाल ,28 दिसम्बर (इ खबरटुडे)। गृह एवं जेल मंत्री बाबूलाल गौर ने निर्देश दिये हैं कि प्रदेश के महानगरों के थानों में अन्वेषण और कानून-व्यवस्था की जिम्मेदारी पृथक-पृथक पुलिस बल को दी जाये। शुरूआती चरण में महानगर के थानों में मौजूदा पुलिस बल के बीच जिम्मेदारी सौंपकर व्यवस्था तत्काल शुरू की जाये। मंत्री श्री गौर ने मंत्रालय में आज गृह विभाग के अधिकारियों को सौ दिवस की कार्य-योजना पर चर्चा के दौरान यह निर्देश दिये। बैठक में सचिव गृह श्रीमती सीमा शर्मा, पुलिस महानिदेशक नंदन दुबे सहित अन्य प्रमुख अधिकारी मौजूद थे।
बैठक में प्रदेश के महानगरों में अन्वेषण और कानून-व्यवस्था के लिये थानों में पृथक-पृथक पुलिस अमले की तैनाती के लिये पुलिस अधिकारियों और कर्मचारियों के नवीन पदों की व्यवस्था सहित अन्य जानकारी दी गई। मंत्री श्री गौर ने कहा कि शुरूआत में महानगरों में मौजूदा पुलिस बल में से अन्वेषण और कानून-व्यवस्था के लिये पृथक-पृथक दल बनायें। उन्होंने वेब पोर्टल के माध्यम से एफ.आई.आर. दर्ज करवाने की व्यवस्था शुरू करने के संबंध में कार्यवाही करने के लिये भी कहा।
मंत्री श्री गौर ने कहा कि प्रदेश में मादक पदार्थों के क्रय-विक्रय में लिप्त अपराधियों के खिलाफ पुलिस सख्त कार्यवाही करें। पुलिस अनिवार्य रूप से मैदान में दिखें। विशेषकर व्यस्ततम समय में मुस्तैदी से मौजूद रहें। पुलिस बल में अफसर से लेकर कर्मचारी तक शारीरिक फिटनेस पर ध्यान दें। हर पुलिसकर्मी सप्ताह में तीन दिन मैदान में जरूर खेलें।
मंत्री श्री गौर ने कहा कि 5 जनवरी 2014 से ट्रेफिक सप्ताह के दौरान यातायात पुलिस और थाने की पुलिस, जन सहयोग से यातायात नियमों से आमजन को परिचित करवायें। इसके लिये कॉलेज के छात्र-छात्राओं को उनके कॉलेज परिसर में ही जानकारी दी जाये।
सुरक्षा, कानून-व्यवस्था में ड्यूटी करने वाले पुलिस बल की सुविधाओं और उनके कल्याण को ध्यान में रखते हुए मंत्री श्री गौर ने पुलिस महानिदेशक को कहा कि हुडको से पुलिस के लिये 1000 करोड़ के आवास ऋण का प्रस्ताव तैयार करें, जिससे पुलिस कर्मियों को पर्याप्त संख्या में आवास दिये जा सकें। उन्होंने पुलिस बल को प्रशिक्षण देने के लिये प्रत्येक पुलिस रेन्ज में एक पुलिस ट्रेनिंग स्कूल खोलने के लिये कहा।
मंत्री श्री गौर ने कहा कि आई.जी., डी.आई.जी. क्षेत्र के भ्रमण पर जायें तो इसकी जानकारी आमजन को दें। प्रेस के माध्यम से यह सूचना दी जाये। उन्होंने कहा कि इससे समस्याओं का निराकरण करने के साथ फीडबेक भी मिल सकेगा।