May 3, 2024

अनुसूचित वर्ग के उत्पीडितों के लिए राहत राशि की दरों में परिवर्तन

अंतर की राशि के लिए आदिवासी विकास विभाग से संपर्क करें

रतलाम 20मार्च (इ खबरटुडे)। अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम 1989 के तहत अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति वर्ग के लिए प्रदाय की जाने वाली राहत राशि की दरों में परिवर्तन किया गया है।राहत की पुनरीक्षित दरें 23 जून 2014 से प्रभावशील हो गई है। नवीन दरों के अनुसार राहत राशि प्राप्त नहीं होने पर एवं जिन्हे पुरानी दरों पर राहत राशि मिली है वे अंतर की राशि प्राप्त किए जाने हेतु आदिवासी विकास विभाग कार्यालय में संपर्क कर सकते है। पुनरीक्षित दरों के अनुसार अखाद्य या घृणात्मक पदार्थ पीना या खाना,क्षति पहुंचाना, अपमानित करना,अनादर सूचक कार्य होने पर पीडित को अपराध के स्वरूप और गंभीरता को देखते हुए 90 हजार रूपए या उससे अधिक राशि का भुगतान होगा। उक्त राशि का 25 प्रतिशत न्यायालय को आरोप पत्र भेजा जाने पर शेष 75 प्रतिशत राशि न्यायालय व्दारा दोषसिद्ध ठहराए जाने पर प्रदान की जाती है। सदोष भूमि अधिभोग में लेना या उस पर कृषि करने की स्थिति में कम से कम 90 हजार रूपए या उससे अधिक भूमि या जल की आपूर्ति जहां आवश्यक हो सरकार के खर्च पर पुनः वापिस की जाएगी जब आरोप पत्र न्यायालय को भेजा जाए तब पूरा भुगतान किया जाता है। बेगार या बलात् श्रम या बंधुआ मजदूरी होने पर पीडित को कम से कम 90 हजार रूपए प्रदान किए जाते है। जिसमें प्रथम सूचना रिपोर्ट होने पर 25 प्रतिशत और न्यायालय में दोष सिद्ध होने पर 75 प्रतिशत राशि दी जाती है। मतदान के अधिकार के संबंध में पीडित व्यक्ति 75 हजार रूपए, मिथ्या द्वेषपूर्ण तंग करने पर 90 हजार रूपए,अपमान और अवमानना पर 90 हजार रूपए,महिला की लज्जा भंग होने पर एक लाख 80 हजार रूपए, पानी गंदा करने पर 3 लाख 75 हजार रूपए, मार्ग के रूढिजन्य अधिकार से वंचित करने पर 3 लाख 75 हजार रूपए, किसी को निवास छोडने पर मजबूर करने पर 90हजार रूपए, मिथ्या साक्ष्य देने पर 3 लाख 75 हजार रूपए, लोकसेवक के हाथों उत्पीडन होने पर उसी प्रकार के प्रतिकर का भुगतान किया जाता है जिस प्रकार से अभियुक्त लोकसेवक न हो,निःशक्तता की स्थिति में अपराध होने पर परिवार के न कमाने वाले सदस्य पीडित को 3लाख 75 हजार रूपए, परिवार के कमाने वाले सदस्य को 75 हजार रूपए,शत-प्रतिशत से कम असमर्थता होने पर 60 हजार रूपए, हत्या अथवा मृत्यु की स्थिति में 3 लाख 75 हजार रूपए, हत्या, मृत्यु या नरसंहार, सामुहिक बलात्संग की स्थिति में मृतक की विधवा और अन्य आश्रितों को 4 हजार 500 रूपए प्रतिमास की दर से या मृतक के परिवार के एक सदस्य को रोजगार या कृषि भूमि,मकान यदि आवश्यक हो तो तत्काल खरीदकर दिया जाता है। पीडित के बच्चों की शिक्षा और उसके भरण-पोषण का पूरा खर्च तीन मास तक की अवधि का खाद्यान्न की व्यवस्था की जाती है। पूर्णतया मकान नष्ट होना या जलाया जाने की स्थिति में शासकीय खर्च पर ईंट पत्थर के मकान का निर्माण या उसकी व्यवस्था की जाती है।     उक्त दरों एवं नवीन आदेश से संबंधित जानकारी तथा अंतर की राहत राशि के लिए कार्यालय आदिवासी विकास रतलाम से संपर्क किया जा सकता है।

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