अखाड़ों की सहमति के बगैर न दें राशन- अखाड़ा परिषद अध्यक्ष
उज्जैन 14 अप्रैल (इ खबर टुडे)।अभा अखाड़ा परिषद की बुधवार रात नीलगंगा पर चली ढाई घंटे की बैठक में तय किया गया है कि प्रशासन सिर्फ अखाड़ों से पूछकर ही या उनके लिखित पत्र के आधार पर ही साधु-संतों को शासकीय राशन उपलब्ध कराएं।
निर्मोही अखाड़ा विवाद दो दिन में सुलझाएं
नीलगंगा पड़ाव स्थल पर शाम 7 बजे से बैठक शुरू हुई जो रात 9.30 बजे तक चली। बैठक में अखाड़ा परिषद अध्यक्ष महंत नरेन्द्र गिरी महाराज, सचिव महंत हरि गिरी महाराज सहित प्रमुख 13 अखाड़ों के प्रतिनिधिगण व श्रीमहंत शामिल थे। बैठक में निर्मोही अखाड़ा में चल रहे श्रीमहंत विवाद को लेकर व्यवस्था तय की गई कि दिगम्बर अखाड़ा गादी से इन विवादों का फैसला होता है। अत: दो दिन में गादी पर बैठक रख मामला निपटाया जाए,
अभद्र भाषा में बात तो संतों पर कार्रवाई
महंत मदनमोहनदास श्रीमहंत पद पर अपना दावा जता रहे हैं जबकि निर्मोही अखाड़ा के श्रीमहंत राजेन्द्रदास महाराज अपने साथ दूसरे श्रीमहंत के रूप में अयोध्यादास महाराज को मान्यता दे रहे हैं। इसके अलावा यह भी तय किया गया कि कोई भी साधु-संत अमर्यादित भाषा में प्रशासनिक अधिकारियों से बात न करें। ऐसे मामलों में प्रशासन अपनी कड़ी कार्रवाई करेगा। अखाड़ा परिषद अभद्रता करने वाले साधु-संत का साथ नहीं देगी।