September 24, 2024

अंतरिक्ष में भारत की एक और छलांग, ISRO ने लॉन्च किया जीसेट-6A सैटेलाइट

चेन्नई, 29 मार्च(इ खबरटुडे)।  अंतरिक्ष की दुनिया में भारत ने एक और कामयाबी हासिल की है. आज गुरुवार को भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने जीसैट-6ए संचार उपग्रह का सफल लॉन्च शाम चार बजकर, 56 मिनट किया गया. जीसैट-6ए के साथ इसरो के जीएसएलवी-एफ08 मिशन के यहां से करीब 110 किलोमीटर दूर श्रीहरिकोटा के अंतरिक्ष केन्द्र से प्रक्षेपण किया. इस उपग्रह की उल्टी गिनती बुधवार को दिन में एक बजकर 56 मिनट पर शुरू हुई थी. यह इस प्रक्षेपण यान की 12 वीं उड़ान होगी.

इसरो ने कहा कि उपग्रह की एक मुख्य बात मल्टी बीम कवरेज सुविधा के जरिए भारत को मोबाइल संचार प्रदान करना है. इस सेटेलाइट में S-बैंड कम्युनिकेशन लिंक के लिए 6 मीटर व्यास का एक एंटीना लगा है. साथ C-बैंड फ्रीक्वेंसी के लिए 0.8 मीटर का एक एंटीना हब कम्युनिकेशन लिंक के लिए लगा हुआ है. इस उपग्रह से सैटेलाइट आधारित मोबाइल कम्युनिकेशन उपकरणों के संचालन में काफी मदद मिलेगी.

प्रक्षेपण यान की 12वीं उड़ान
यह इस प्रक्षेपण यान की 12वीं उड़ान होगी. इसरो ने कहा कि उपग्रह की एक मुख्य बात मल्टी बीम कवरेज सुविधा के जरिये भारत को मोबाइल संचार प्रदान करना है. यह उपग्रह विकसित प्रौद्योगिकियों के प्रदर्शन के लिए एक मंच प्रदान करेगा, जिसमें 6 एम एस-बैंड अनफ्लेरेबल एटीना, हैंडहेल्ड ग्राउंड टर्मिनल व नेटवर्क प्रबंधन प्रौद्योगिकी शामिल हैं. ये उपग्रह आधारित मोबाइल संचार अनुप्रयोगों में उपयोगी हैं. इसरो के चेयरमैन के सिवन ने कहा कि जीसैट-6 ए के बाद एक नेविगेशन उपग्रह का प्रक्षेपण किया जाएगा, जो अगले वित्तवर्ष में लॉन्‍च होगा.

इंटरनेट की दुनिया में भारत का लोहा
भारत सैटेलाइट के जरिए इंटरनेट की दुनिया में नई क्रांति लाने की तैयारी कर रहा है. जीसैट-6ए सैटेलाइट उसी कड़ी का एक हिस्सा है. इसरो इस समय देश का सबसे वजनी कम्युनिकेशन सैटेलाइट जीसैट-11 पर काम कर रहा है. इसका वजन 5.6 टन है. हालांकि, भारत के पास चार टन से ज्यादा वजनी सैटेलाइट भेजने की क्षमता रखने वाले रॉकेट नहीं हैं. भारत इसे साउथ अमेरिकी आइलैंड फ्रेंच गुयाना से एरियन-5 रॉकेट के जरिए लॉन्च करेगा. सैटेलाइट की कामयाब लॉन्चिंग से भारत के पास खुद का सैटेलाइट बेस्ड इंटरनेट होगा. सैटेलाइट बेस्ड इंटरनेट से हाई स्पीड कनेक्टिविटी बढ़ जाएगी.

सैटेलाइट सीरीज का हिस्सा
जीसैट-11 सैटेलाइट इसरो के इंटरनेट बेस्ड सैटेलाइट सीरीज का हिस्सा है. इसका मकसद इंटरनेट स्पीड को बढ़ाना है. इस मिशन के तहत अंतरिक्ष में 18 महीने में तीन सैटेलाइट भेजे जाने हैं. पहला सैटेलाइट जीसैट-19 जून 2017 में भेजा गया था.

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