November 16, 2024

हमें अपने प्राचीन ज्ञान -विज्ञान का अध्ययन करके उसके महत्व को समझना चाहिए – संघ जिला प्रचारक दिनेश तेजरा

वर्ष प्रतिपदा के उपलक्ष्य में आयोजित कार्यक्रम में कही

रतलाम, 06 अप्रैल (इ खबर टुडे)। भारतवर्ष एक चिरंतन राष्ट्र है हमारी कालगणना सर्वाधिक प्राचीन और सर्वाधिक वैज्ञानिक है। आज का दिन सृष्टि आरंभ का दिन है और इस दिन संघ संस्थापक डॉ केशव हेडगेवार का जन्म दिवस भी है। उक्त उद्गार राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के वर्ष प्रतिपदा उत्सव के मुख्य वक्ता के रूप में संघ के जिला प्रचारक दिनेश तेजरा ने कही कहीं।

श्री तेजारा ने कहा कि भारत ने विश्व को कालगणना सिखाई है। शून्य की खोज भी भारत में ही हुई.आज पूरे विश्व का वैज्ञानिक उन्नति शून्य के कारण ही संभव हो पाई हैं। स्थानीय पोलो ग्राउंड पर आयोजित वर्ष प्रतिपदा कार्यक्रम में आयोजित स्वयंसेवकों को संबोधित करते हुए श्री तेजरा ने कहा कि जब अंग्रेज भारत में आए तो लॉर्ड मैकाले ने भारत का भ्रमण करने के बाद इंग्लैंड के संसद में एक रिपोर्ट प्रस्तुत की जिसमें उसने कहा कि भारत पर यदि कब्जा करना है तो यहां के लोगों से उनका ज्ञान छिनना पड़ेगा जब तक उन्हें उनकी प्राचीन धरोहर ज्ञान विज्ञान से दूर नहीं किया जाएगा भारत पर प्रभुत्व को नहीं जमाया जा सकता है।

अंग्रेजों ने हमारी शिक्षा व्यवस्था को नष्ट करके अंग्रेजीयत की शिक्षा स्थापित की इस वजह से हम अपने अतुल्य गौरव को भूल गए। आज आवश्यकता है कि हम अपने प्राचीन ज्ञान -विज्ञान का अध्ययन करके उसके महत्व को समझें।

कार्यक्रम की अध्यक्षता डॉ पदम घाटे ने की कार्यक्रम में संघ के जिला संचालक वीरेंद्र वाफगावकर व नगर संघचालक सुरेंद्र सुरेखा और बड़ी संख्या में स्वयंसेवक उपस्थित रहे। संघ परंपरा के अनुसार ध्वज फहराकर ध्वज प्रणाम व गीत से शुरू हुए कार्यक्रम में स्वयंसेवकों ने शारीरिक प्रदर्शन करते हुए स्वयंसेवकों ने अनुशासन के साथ दंड के प्रयोग नियुद्ध, सूर्य नमस्कार, योगासन के कार्यक्रम प्रस्तुत किए ।

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