सिंहस्थ-2016 की व्यवस्था में खुल गई पोल
पीएचई का पटिया उलाल
नल की टोटी में भ्रष्टाचार, गोलमाल जवाब में उलझे, प्रेस ने किया बहिष्कार
उज्जैन,15अप्रैल (इ खबरटुडे)। सिंहस्थ-2016 की व्यवस्था में बड़ी पोल उजागर हो रही है। कहां तो प्रशासन मिनरल वाटर पिलाने के दिवास्वप्न दिखा रहा था और कहां जंग लगे टैंकरों से पानी पिला दिया गया है।
स्थिति देख पत्रकारों ने पत्रकार वार्ता का बहिष्कार कर दिया
विभाग के आला अधिकारियों ने खुद मुंह से सामान की गुणवत्ता पर सवाल खड़ा किया है और खुद ही बताया कि जंग लगे गंदगी वाले टैंकरों से पानी सप्लाय कर पिला दिया। इस तरह लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग का पटिया उलाल हो चुका है। अधिकारियों के मुंह से निकले बोल से पोल खुल गई है। भ्रष्टाचार सामने आ चुका है। यह सब सुनने के बाद पत्रकारों के सवालों के गोलमाल जवाब देने से भी अधिकारी नहीं चुके। यह स्थिति देख पत्रकारों ने पत्रकार वार्ता का बहिष्कार कर दिया।
गुरुवार को पीएचई विभाग के प्रमुख सचिव पंकज अग्रवाल, मुख्य अभियंता जी.एस. डामोर सहित अन्य अधिकारियों ने सिंहस्थ मेला कार्यालय में विभाग की पत्रकार वार्ता आयोजित की थी। पत्रकार वार्ता में प्रमुख सचिव ने बजट और उसके तहत किये गये कार्यों की जानकारी दी। दिये गये प्रेसनोट पर कहीं से कहीं तक न तो विभाग का नाम ऊपरी तौर पर अंकित किया गया, न ही किसी अधिकारी ने इसे अधिकृत तौर पर जारी किया।
12 हजार टोटियां गुणवत्ताहीन बदली
विभाग के मुख्य अभियंता और विभाग की गोलमाल प्लानिंग के मुख्य कर्ताधर्ता जी.एस. डामोर ने प्रेस को बताया कि विभिन्न शौचालयों पर लगे 12 हजार पुश वाली गुणवत्ताहीन नल की टोटियां बदली गई हैं। कुल करीब 25 हजार टोटियां लगाई गई हैं। अभी टोटी बदलने की और भी संख्या बढ़ सकती है। उन्होंने जानकारी देते हुए कहा कि पूर्व में टैंकरों में जो गंदगी और बदबू की शिकायत थी, वह टैंकरों में जंग लगने के कारण हुई। जंग लगे टैंकरों से पानी सप्लाय किया गया। बाद में इसे देखा गया, इस पर तत्काल निर्देश दिये गये कि टैंकरों की सफाई की जाये और व्यवस्थित रूप से पानी सप्लाय किया जाये।
सवालों पर गोलमाल जवाब तो बहिष्कार
विभागीय मुख्य अभियंता जी.एस. डामोर से पत्रकारों ने पेयजल लाइन और सीवर के मामले को लेकर धड़ाधड़ सवाल किये। मजबूत सवालों के गोलमाल जवाब काफी देर तक आते रहे। स्थिति यह रही कि पत्रकारों ने आवाहन अखाड़े के एक संत से पानी की समस्या को लेकर सीधी बातचीत मुख्य अभियंता से करवाई। मामला सामने आने के बाद भी अधिकारी अपने गोलमाल जवाब पर ही अडिग रहे। यह स्थिति देखते हुए वरिष्ठ पत्रकारों ने गोलमाल जवाबों का विरोध दर्ज कराया और वार्ता का बहिष्कार कर दिया।
मजबूर झोन अधिकारी बोले- साफ करा लो, बिल दे देना पेमेंट कर दूंगा
सिंहस्थ क्षेत्र में सीवर लाइन की स्थिति यह है कि कई जगह यह चोक हो रही है और गंदगी बाहर बह रही है। ऐसी स्थिति महाकाल झोन अंतर्गत एक महाराज के यहां होने पर उन्होंने झोन अधिकारी को स्थिति बयान की, इस पर मजबूर झोन अधिकारी ने जवाब दिया, आप कार्य पर्सनल करवा लें, बिल मुझे दे देना, मैं पेमेंट कर दूंगा। कई स्थानों पर शौचालय सीवर लाइन से जोड़े नहीं गये हैं, जिससे हालात नियंत्रण के बाहर हो चुके हैं।
कैसे पिलायेंगे मिनरल वाटर
सिंहस्थ के कुछ माह पूर्व ही आला अधिकारी मिनरल वाटर पिलाने का दिवास्वप्न दिखाते अघाते नहीं थे। स्टेण्ड-अप से लेकर तमाम बैठकों में डिंगे हांकी जा रही थी। धरातल पर स्थिति प्रथम स्नान से पूर्व ऐसी हो चुकी है कि मिनरल तो ठीक है साफ पानी उपलब्ध नहीं हो रहा है। आखिर क्यों न हो? हाईटेक सिंहस्थ होगा तो ग्राउंड लेबल पर समस्या बनना तय है।