November 17, 2024

साफ्टवेयर से रखी जायेगी स्कूलों पर निगरानी – कलेक्टर

रतलाम 13 मई(इ खबरटुडे)। कलेक्टर बी.चन्द्रशेखर ने आज स्कूल चले हम कार्यक्रम के द्वितीय चरण के संबंध में बैठक ली। बैठक के दौरान जिला शिक्षा अधिकारी द्वारा बताया गया कि समग्र पोर्टल पर पी.आर.सर्वे पंजी पर शुन्य से 18 वर्ष तक के आयु के बच्चों की जानकारी प्रविष्ठि करायी जा रही है।

 इसके अंतर्गत सभी खण्ड स्त्रोत समन्वयक द्वारा परिवार वार घर-घर सर्वे के कार्य हेतु दल बनाये गये है। इसके माध्यम से ग्रामीण क्षेत्र का लगभग 85 प्रतिशत क्षेत्र का सर्वे पूर्ण हो चूका है किन्तु शहरी क्षेत्र में सर्वे कार्य का प्रतिशत कम है। इस संबंध में निगम आयुक्त सोमनाथ झारिया ने जिला शिक्षा समन्वय को सभी आवश्यक सहयोग उपलब्ध कराकर सर्वे कार्य पूर्ण कराने हेतु आश्वस्त किया।
बैठक में कलेक्टर बी.चन्द्रशेखर ने कहा कि स्कूलों में शिक्षकों की एवं बच्चों की उपस्थिति सुनिश्चित करने के लिये जिला स्तर पर साफ्टवेयर निर्मित किया जा रहा है। इसके अंतर्गत शाला प्रधान को मोबाईल नम्बर से स्कूल में उपस्थित शिक्षकों एवं बच्चों की संख्या एस.एम.एस. द्वारा भेजना होगी। शाला प्रधान को स्कूल प्रारम्भ होने के समय के बाद एक घण्टे का समय एस.एम.एस. भेजने के लिये विडो पिरियड के रूप में दिया जायेगा ताकि नेटवर्क की समस्या होने पर भी एस.एम.एस. आसानी से भेजा जा सकेगा। शाला प्रधान को दूसरा एस.एम.एस. बच्चों द्वारा मध्यान्ह भोजन करने के उपरांत भेजना होगा। इस एस.एम.एस. के माध्यम से मध्यान्ह भोजन करने वाले बच्चों की संख्या का भी पता लग सकेगा। भेजे गये एस.एम.एस. में संख्या का प्रमाणीकरण करने हेतु प्रत्येक विकासखण्ड में दो व्यक्तियों की तीन टीमें मोबीलाईज होगी। इन टीमों को संबंधी स्कूलों के नाम एस.एम.एस. पर प्राप्त होगें।
ये टीम नामाकिंत स्कूलों में पहुॅच कर भेजी गई जानकारी का सत्यापन करेगें। गलत जानकारी भेजने वाले शाला प्रधान के विरूद्ध सेवा समाप्ति की कार्यवाही की जायेगी। शाला प्रधान के अवकाश पर रहने की दशा में अन्य शिक्षक को नामाकिंत कर जानकारी प्राप्त की जायेगी। आवश्यकतानुसार ग्रामीण क्षेत्र में निवास करने वाले कार्यकर्ताओं को नामाकिंत कर वेलिडेशन की कार्यवाही करायी जायेगी। एस.एम.एस. में आने वाले व्यय की बुकिंग शाला के फण्ड से संबंधित शिक्षक को की जायेगी।
कलेक्टर ने कहा कि बच्चों को कक्षा प्रथम में प्रवेश दिलाने की जिम्मेदारी आंगनवाड़ी कार्यकर्ता की रहेगी। महिला एवं बाल विकास विभाग के सहयोग से बच्चों का शतप्रतिशत दाखिला सुनिश्चित किया जा सकता है। शहरी क्षेत्र में ऐसे बच्चे जो कुछ समय के लिये शहर में आते हैं एवं ऐसे बच्चे जो पन्नी बिनते देखे जाते हैं उन्हें भी स्कूली शिक्षा से विशेष प्रयास कर जोड़ा जायेगा।

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