December 25, 2024

साधुओं की यात्रा के दौरान बवाल, 5 थाना क्षेत्रों में कर्फ्यू-वाराणसी

05.10.15..

वाराणसी 05 अक्टूबर(इ खबरटुडे)। संतों की अन्याय प्रतिकार यात्रा सोमवार को ठीक उसी स्थान पर पहुंच कर हिंसक हो गई जहां पुलिस ने 22 सितंबर की रात लाठीचार्ज किया था। बवाल की शुरुआत एक सांड़ के भड़कने और उसके बाद भगदड़ मचने से हुई। भीड़ को आशंका हुई कि पुलिस ने लाठीचार्ज कर दिया है। इसकी  प्रतिक्रिया में उग्र हुए युवकों ने पुलिस पर पथराव कर दिया और गोदौलिया पुलिस बूथ में आग लगा दी। बूथ के पास खड़ी एक मजिस्ट्रेट की जीप, फायर ब्रिगेड की गाड़ी व पुलिस की वैन, लगभग दो दर्जन बाइक आग के हवाले कर दी गईं।

इस दौरान गोदौलिया तांगा स्टैंड पर कहीं से दो पेट्रोल बम भी फेंके गए। इससे आग और तेजी से फैली। उपद्रवियों को तितर-बितर करने के लिए पुलिस ने पहले लाठियां पटकीं, फिर आंसू गैस और रबड़ बुलेट का इस्तेमाल किया। हवाई फायरिंग भी हुई। लगभग ढाई घंटे तक चले बवाल के फैलने की आशंका को देखते हुए प्रशासन ने दशाश्वमेध, चौक, कोतवाली और लक्सा थाना क्षेत्रों में कर्फ्यू लगा दिया। वहीं, यात्रा का नेतृत्व कर रहे स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद और अन्य साधुओं को पुलिस सुरक्षा में दशाश्वमेध घाट तक लाने के बाद नाव से केदारघाट स्थित विद्या मठ छोड़ा गया।22 सितम्बर को गंगा में ही गणेश प्रतिमा विसर्जन पर अड़े लोगों पर हुए लाठीचार्ज के खिलाफ स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने 5 अक्तूबर को मैदागिन के टाउनहाल से दशाश्वमेध तक अन्याय प्रतिकार यात्रा निकालने का फैसला किया था। तय कार्यक्रम के अनुसार दोपहर साढ़े बारह बजे स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद केदारघाट स्थित अपने आश्रम से टाउनहाल के लिए पैदल ही निकले।

उनके साथ सतुआ बाबा आश्रम के महंत संतोष दास, पातालपुरी मठ के महंत बालकदास, अखिल भारतीय साधु समाज के अध्यक्ष स्वमी चक्रपाणी, दंडी स्वामी, साध्वी प्राची और विमलेश तीर्थ आदि भी मौजूद रहे। टाउनहाल में शाम चार बजे तक शांतिपूर्ण ढंग से सभा हुई। इसके बाद गोदौलिया के लिए यात्रा शुरू हुई। हजारों की संख्या में लोग नारेबाजी करते हुए गोदौलिया की ओर बढ़ने लगे।

पुलिस और यात्रा में शामिल लोगों के बीच शाम 4.35 बजे शुरू हुआ बवाल 6.30 बजे तक चला। पथराव में वीडीए सचिव एमपी सिंह, सिगरा थानाध्यक्ष, पीएसी का एक जवान और एक चैनल का फोटोग्राफर बुरी तरह घायल हो गये। पुलिस ने उपद्रव प्रभावित इलाकों को जाने वाले रास्तों को सील कर दिया। हालात काबू में नहीं आता देख कोतवाली, चौक, दशाश्वमेध, लक्सा और चेतगंज थाना क्षेत्रों में कर्फ्यू लगा दिया गया।

बवाल के कारण बीच रास्ते में फंसे स्वामी अविमुक्तेश्वरानन्द से अधिकारियों ने मठ चले जाने का आग्रह किया। स्वामी जी ने शांतिपूर्ण तरीके से दशाश्वमेध घाट तक जाकर यात्रा पूरी करने की बात कही। इसके बाद स्वामी जी के नेतृत्व में कुछ लोग दशाश्वमेध पहुंचे। यहां से स्वामी अविमुक्तेश्वरानन्द और बालकदास शिवजी की पालकी लेकर नाव से विद्यामठ रवाना हो गए। उनके साथ रहे विधायक अजय राय व अन्य लोग दूसरे रास्तों से लौट गए।

 

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