सरकारी नाला विवाद के बाद अब मण्डी की जमीन पर निजी कालोनी,एसडीएम की भूमिका पर फिर से प्रश्चचिन्ह,किसान संघ ने ज्ञापन दिया
रतलाम,15 फरवरी (इ खबरटुडे)। एक कालोनाईजर द्वारा सरकारी नाले को दबा कर सड़क बनाने का मामला अभी चल ही रहा है कि एक अन्य कालोनाईजर द्वारा मण्डी के लिए आरक्षित जमीन पर नियम विरुध्द कालोनी काटने का मामला सामने आ गया है। जिम्मेदार अधिकारी आंखे मूंदे बैठे है। भारतीय किसान संघ ने इस बारे में एक ज्ञापन देकर यह कार्य तुरंत रुकवाने की मांग की है। इस पूरे मामले ने एक बार फिर एसडीएम की भूमिका पर प्रश्चचिन्ह खडे कर दिए है।
उल्लेखनीय है कि रतलाम के हाल में स्वीकृत हुए मास्टर प्लान में कृषि उपज मण्डी के लिए कुल 110 बीघा भूमि का प्रावधान रखा गया है। वर्तमान में कृषि उपज मण्डी 55 बीघा में संचालित हो रही है और मास्टर प्लान में मण्डी के निकट की रिक्त पडी भूमि को इसके विस्तार के लिए रखा गया है। कृषि उपज मण्डी में वर्तमान समय में उपलब्ध भूमि अब कम पडने लगी है। कृषि जीन्सों की भारी आवकों के समय पर किसानों को दो दो दिन यहां इंतजार करना पडता है और इन दिनों में मण्डी प्रांगण छोटा पड जाता है यहां तिल धरने की जगह नहीं बचती। किसान समुदाय और मण्डी से जुडे लोग मण्डी के तुरंत विस्तार को आवश्यक मानते है।
मण्डी विस्तार की तत्काल आवश्यकता के बावजूद सरकारी जमीनों के हडपने के विशेषज्ञ बन चुके भू माफियाओं की नजरे मण्डी के पास पडी खाली भूमि पर गड चुकी है। मण्डी विस्तार के लिए आरक्षित भूमि पर शुभम कंस्ट्रक्शन द्वारा नियम विपरित कालोनी काटी जा रही है। प्रत्यक्षदिर्शयों के मुताबिक मण्डी के पास में टाउनशिप विकसित करने की शुरुआत हो चुकी है और यहां सड़के आदि बनाने का काम शुरु कर दिया गया है।
भारतीय किसान संघ के जिलाध्यक्ष ललित पालीवाल ने बुधवार को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को सम्बोधित एक ज्ञापन एडीएम डॉ कैलाश बुन्देला को दिया। ज्ञापन में कहा गया है कि कालोनी के लिए आरक्षित भूमि पर कालोनी विकसित करने की अनुमति नहीं दी जा सकती। नगर एवं ग्राम निवेश कार्यालय द्वारा बनाए गए मास्टर प्लान में उक्त भूमि मण्डी के लिए आरक्षित है तो उसके लिए टी एण्ड सी पी विभाग ने एनओसी कैसे दे दी? डाइवर्शन करने वाले अधिकारी ने डायवर्शन कैसे किया? इस पूरे मामले में भारी भ्रष्टाचार किए जाने के संकेत मिल रहे है। कुछ अधिकारियों ने लाखों करोडों रुपए की कमाई कर किसानों के हित पर डाका डालने का काम किया है। ज्ञापन में मांग की गई है कि इस पूरे प्रकरण की जांच आर्थिक अपराध शाखा (इ ओ डब्ल्यू) से करवाई जाए।
किसान संघ के ज्ञापन में कहा गया है कि सीजन की शुरुआत में ही मण्डी प्रांगण छोटा पडऩे लगा है और किसानों के लिए बनी कृषि उपज मण्डी में किसानों की ही प्रवेश निषेध कर दिया गया है,क्योंकि मण्डी प्रांगण में कृषि उपज रखने के लिए जगह ही नहीं बची है। ज्ञापन में मांग की गई है कि मण्डी के लिए आरक्षित जमीन का तत्काल अधिग्रहण कर दोषी अधिकारियों के विरुध्द पुलिस प्रकरण दर्ज करवा कर कठोर कार्यवाही की जाए। ज्ञापन में किसान संघ ने यह चेतावनी भी दी है कि मण्डी प्रांगण के लिए आरक्षित भूमि को हर कीमत पर मण्डी विस्तार के उपयोग में लाया जाए अन्यथा भारतीय किसान संघ विरोध प्रदर्शन कर मण्डी को बन्द कर देगा।