November 25, 2024

समस्याएं हल होने तक जारी रहेगी सेवा प्रदाताओं की हडताल

सम्पत्तियों का इ पंजीयन सिस्टम पूरी तरह असुरक्षित,सेवा प्रदाताओं के लाखों रुपए गायब हुए

रतलाम,10 दिसम्बर (इ खबरटुडे)। ई-पंजीयन की समस्याओं को लेकर अनिश्चिकालीन हड़ताल कर रहे सेवा प्रदाताओं का कहना है कि ई पंजीयन सिस्टम असुरक्षित है। इस सिस्टम के कारण रतलाम के सेवा प्रदाताओं के ही लाखों रुपए खातों से गायब हो चुके है। पूरे प्रदेश में यह आकंड़ा करोड़ों में होगा। ई पंजीयन से सिर्फ रतलाम ही नहीं पूरे प्रदेश में परेशानी आ रही है और अब अन्य जिलों में भी सेवा प्रदाता हड़ताल का रास्ता अपना रहे है। जब तक समस्या का समाधान नहीं हो जाता और जो राशी खातों से गायब हुई है, वह वापस नहीं मिलती, तब तक सेवा प्रदाता हड़ताल जारी रखेगें।
गुरुवार को पावर हाउस रोड स्थित प्रेस क्लब भवन पर रतलाम जिला सेवा प्रदाता संघ की और से आयोजित पत्रकार वार्ता में सेवा प्रदाताओं ने यह बात कही। संघ के अध्यक्ष निलेश गांधी, अभिभाषक दिलीप कोठारी, हर्षेन्दु भरगट, दशरथ बाफना, अभय मूणत ने बताया कि प्रदेश सरकार द्वारा 1 जुलाई 2015 से आनलाइन ई-पंजीयन सिस्टम लागू किया। इस व्यवस्था के पहले तक स्टाप वेण्डर और दस्तावेज लेखक दो व्यवस्था होती थी,लेकिन ई-पंजीयन में दोनों को मिलाकर सर्विस प्रोवाइडर बना दिया गया। जिले में कुल 54 सर्विस प्रोवाइडर है और रतलाम शहर में 30 के लगभग है। सेवा प्रदाताओं का कहना है कि ई-पंजीयन सिस्टम में कई तरह की परेशानियां है, जिसके चलते यह सिस्टम असुरक्षित है। सबसे बड़ी समस्या सेवा प्रदाताओं के खातों से अपने आप राशि का कटना है। जिले में कई सेवा प्रदाता है जिनके खातों से एक से आठ लाख रु. तक की राशि अपने आप कट गई और यह राशि कहां गई, किसी को नहीं पता। सेवा प्रदाताओं के अनुसार रतलाम शहर में ही 20 लाख से अधिक की राशि खातों से गायब हो चुकी है। सबसे बड़ी बात यह है कि इसकी शिकायत सुनने के लिए कोई अधिकारी नहीं है ,बल्कि काल सेेंटर बनाया गया है, जहां कई बार शिकायतें की जा चुकी है और वहां से शिकायतों का निराकरण करने का मेल आ गया है, जबकि वास्तविकता यह है कि राशि खातों में जमा ही नहीं हुई है। सेवा प्रदाताओं ने बताया कि जिला पंजीयक के द्वारा भी शिकायत की गई, तो उन्हे भी निराकरण करने का मेल आ गया, जबकि अभी तक सिर्फ दो लोगों का ही निराकरण हुआ है। सेवा प्रदाताओं ने बताया कि खातों से राशि कटने की परेशानी सिर्फ रतलाम की नहीं है, बल्कि अन्य जिलों की भी है। ग्वालियर में तो एक ही व्यक्ति के खाते से 70 लाख रुपए कटने की सूचना है, वहीं नीमच में भी 12 लाख रुपए खाते से गायब हो चुके है।
पत्रकार वार्ता में सेवा प्रदाताओं ने कहा कि जब तक उनकी समस्याओं का निराकरण नहीं हो जाता और खातों से गायब उनकी राशि वापस नहीं आ जाती तब तक अनिश्चितकालीन हड़ताल जारी रहेगी।

सेवा प्रदाताओं ने रखी मांगे

-पंजीयन प्रक्रिया में सर्वर काफी धीमा चलने से अत्यधिक समय लग रहा है, जिसे सही किया जाए।
-सेवा प्रदाताओं के खाते सुरक्षित किए जाए, जिससे उनसे से राशि नहीं कटे।
-सेवा प्रदाताओं की जो राशि काटी गई है, उसे शीघ्र सेवा प्रदाता के खाते में वापस डाली जाए।
-दस्तावेज पंजीयन होने के पश्चात कई दस्तावेजों की प्रिंट नहीं आ रही है, जिसका निराकरण तत्काल किया जाए।
-ई-स्टाप में आ रही समस्याओं का निराकरण तत्काल उसी दिन किया जाए।
-कई बार यदि 50 रुपए का ई-स्टाप निकाला गया है, तो सिस्टम उससे अधिक राशि काट देता है, जिसे तुरंत सुधारा जाए।
-जब तक उक्त समस्याओं का निराकरण नहीं हो जाता तब तक अन्य वैकल्पिक व्यवस्था लागू की जाए।

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