लोकसभा चुनाव / बंगाल में वोट डालने से रोकने पर लाठीचार्ज, माकपा उम्मीदवार के वाहन पर हमला
दार्जिलिंग,18 अप्रैल (इ खबर टुडे)। पश्चिम बंगाल में वीरवार को दूसरे चरण में तीन लोकसभा सीटों दार्जिलिंग, रायगंज व जलपाईगुड़ी पर कड़ी सुरक्षा के बीच मतदान जारी है। दार्जिलिंग में 10 बजे तक 32 फीसद मतदान की खबर है। इससे पहले सुबह नौ बजे तक बंगाल की तीनों सीटों पर 0.55 फीसद मतदान हुआ। वहीं, दार्जिलिंग लोकसभा क्षेत्र अंतर्गत 17 फीसद मतदान की खबर है। उत्तर दिनाजपुर के इस्लामपुर अनुमंडल में चोपड़ा के दिगिरपर मतदान केंद्र पर अज्ञात बदमाशों द्वारा कथित रूप से वोट डालने से रोकने के बाद सुरक्षा कर्मियों ने आंसू गैस के गोले दागे और लाठीचार्ज किया।
इस बीच, माकपा उम्मीदवार मोहम्मद सलीम के वाहन पर हमले की भी खबर है।इस बीच, कांग्रेस प्रत्याशी दीपा दासमुंशी ने आरोप लगाया कि मतदान में गड़बड़ी हो रही है। कांग्रेस कार्यकर्ताओं को डराया धमकाया जा रहा है। निर्वाचन अधिकारी शिकायत नहीं सुन रहे हैं। वे काफी असंतुष्ट हैं।
रायगंज निर्वाचन क्षेत्र से भाजपा उम्मीदवार देबाश्री चौधुरी ने आरोप लगाया कि टीएमसी कार्यकर्ता रायगंज कोरोनेशन हाई स्कूल में बूथ पर कब्जा करने की कोशिश कर रहे हैं।
कहां-कितना मतदान
पश्चिम बंगाल में तीन सीटों के लिए दूसरे चरण के लिए सुबह 11 बजे तक औसतन 33.45 फीसद मततान।
जलपाईगुड़ी- 36.22 फीसद
दार्जिलिंग- 30.12 फीसद
रायगंज – 34.01 फीसद
पश्चिम बंगाल में तीन सीटों के लिए दूसरे चरण के लिए सुबह नौ बजे तक औसतन 16.78 फीसद मतदान।
जलपाईगुड़ी- 16.84 फीसद
दार्जिलिंग- 16.14 फीसद
रायगंज – 17.45 फीसद
स्रोत : सीईओ कार्यालय, पश्चिम बंगाल
तीनों सीटों पर चतुष्कोणीय मुकाबला है। लेकिन तीन प्रमुख राजनीतिक पार्टियों की प्रतिष्ठा दांव पर लगी हुई है। तीनों सीटों पर 2014 में अलग-अलग तीन पार्टियों की जीत हुई थी। लेकिन इस बार राजनीतिक पार्टियों के चुनावी रणनीति बदल देने से उनके समक्ष चुनौतियां बढ़ गई है। बदलती परिस्थिति में चुनावी मोहरे भी बदल गए हैं।
पिछली बार दार्जिलिंग से भाजपा के एसएस अहलूवालिया चुनाव जीते थे। वह केंद्र में मंत्री भी बने लेकिन भाजपा ने इस बार उन्हें दार्जिलिंग से टिकट नहीं दिया। हालांकि अहलूवालिया दार्जिलिंग से ही दोबारा चुनाव लड़ना चाहते थे। भाजपा ने कुछ सोच विचार कर ही अहलूवालिया को दार्जिलिंग से टिकट नहीं देकर बर्द्धमान से उम्मीदवार बनाया।
दार्जिलिंग में भाजपा ने नए उम्मीदवार राजूसिंह विष्ट पर खेला दांव
भाजपा ने इस बार दार्जिलिंग में नए उम्मीदवार राजूसिंह विष्ट पर दांव खेला है। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने गोरखा जनमुक्ति मोर्चा(गोजमुमो) के विधायक अमरसिंह राई को दार्जिलिंग में उम्मीदवार बनाकर एक तरह से पहाड़ में भाजपा के लिए कड़ी चुनौती पैदा कर दी है। पिछली बार गोजमुमो के समर्थन से भाजपा के एसएस अहलूवालिया चुनाव जीते थे। 2009 में भी गोजमुमो के समर्थन से भाजपा के जसवंत सिंह दार्जिलिंग से सांसद निर्वाचित हुए थे। इस बार गोजमुमो टूट गया है। विनय तमांग वाला गुट खुद को असल गोजमुमो बता रहा है और वह तृणमूल कांग्रेस के साथ है, जबकि इसके पूर्व अध्यक्ष विमल गुरुंग हाशिए पर चले गए हैं और अधिकांशत: भूमिगत रहते हैं। भूमिगत रहकर विमल गुरुंग भाजपा के लिए कितने मददगार साबित होंगे यह तो अब चुनाव नतीजा आने के बाद पता चलेगा। लेकिन इतना तो कहा ही जा सकता है कि पहाड़ में भाजपा की प्रतिष्ठा इस बार दांव पर लगी है। माकपा के समन पाठक और कांग्रेस के शंकर मालाकार भी दार्जिलिंग सीट पर अपनी किस्मत आजमा रहे हैं।
रायगंज में माकपा की प्रतिष्ठा दांव पर
इसी तरह रायगंज में माकपा की प्रतिष्ठा दांव पर लगी है। माकपा के निर्वतमान सांसद मोहम्मद सलीम को पार्टी ने दोबारा यहां से उम्मीदवार बनाया है। राजनीतिक पर्यवेक्षकों का मानना है कि एकमात्र रायगंज सीट को लेकर इस बार राज्य का राजनीतिक समीकरण बदल गया। वाममोर्चा और कांग्रेस में चुनावी गठबंधन लगभग तय हो गया था। लेकिन कांग्रेस की दीपा दासमुंशी के रायगंज सीट पर लडऩे के लिए अड़ जाने से दोनों दलों के बीच गठबंधन टूट गया। पहले राहुल गांधी गठबंधन के तहत रायगंज सीट माकपा को छोडऩे के लिए तैयार हो गए थे। इस पर दीपा दासमुंशी के भाजपा के संपर्क में जाने की संभावना देखकर राहुल पीछे हट गए। अंत में कांग्रेस ने दीपा दासमुंशी को रायगंज से उम्मीदवार बनाया और वाममोर्चा के साथ उसका गठबंधन टूट गया। 2014 में 1500 वोट से जीतने वाले मोहम्मद सलीम को इस बार दीपा दासमुंशी खुली चुनौती दे रहीं। दीपा दासमुंशी को इस बार अपने पति स्वर्गीय प्रियरंजन दासमुमंशी की सहानुभूति मिलने की उम्मीद है। तृणमूल कांग्रेस के कन्हैयालाल अग्रवाल और भाजपा की देवश्री चौधरी भी यहां से चुनाव मैदान में डटी हैं। भाजपा और तृणमूल के उम्मीदवार भी चुनावी मुकाबला में कड़ी टक्कर देने की स्थिति में हैं।
जलपाईगुड़ी में तृणमूल कांग्रेस को निवर्तमान सांसद विजयचंद्र बर्मन पर भरोसा
तृणमूल कांग्रेस ने जलपाईगुड़ी से अपने निवर्तमान सांसद विजयचंद्र बर्मन पर भरोसा किया है। ममता ने उन्हें यहां से दोबारा उम्मीदवार बनाया है। भाजपा के डॉ जयंत राय और कांग्रेस के मनी कुमार दर्नाल भी यहां से ताल ठोक रहे हैं। माकपा के भगीरथ राय यहां से अपना भाग्य आजमा रहे हैं। तृणमूल कांग्रेस हर हाल में इस सीट पर अपना कब्जा बरकरार रखना चाहती है। पिछली बार यहां तीसरे नंबर पर रही भाजपा को इस बार कुछ ज्यादा ही उम्मीद है। तीनों सीटों के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह तक चुनाव प्रचार कर चुके हैं।