November 17, 2024

रतलाम,17 अप्रैल( (इ खबरटुडे)। पिछले साल रतलाम ऐतिहासिक चातुर्मास करने वाले लोकसन्त, आचार्य व गच्छाधिपति श्रीमद विजय जयन्तसेन सूरीश्वरजी का 81 वर्ष की आयु में 16-17 अप्रैल की मध्य रात्रि भाण्डवपुर जैन तीर्थ (राज.) में देवलोकगमन हो गया। वे पिछले कुछ दिनों से अस्वस्थ थे। देवलोकगमन का समाचार मिलते ही देशभर के श्रीसंघों में शोक की लहर फैल गई। अंतिम संस्कार 18 अप्रैल को प्रात: 10.00 बजे भाण्डवपुर तीर्थ (जालौर, राज.) में होगा।
अ.भा. राजेन्द्र जैन नवयुवक परिषद् के राष्ट्रीय जनकल्याण मंत्री सुशील छाजेड़ ने बताया कि लोकसन्त के देवलोकगमन का समाचार मिलते ही अ.भा. त्रिस्तुतिक जैन श्वेताम्बर श्रीसंघ के राष्ट्रीय परामर्शदाता राज्य योजना आयोग उपाध्यक्ष व विधायक चेतन्य काश्यप ने भाण्डवपुर पहुॅचकर लोकसन्त अंतिम दर्शन किए। रतलाम सहित देशभर के श्रीसंघों के सदस्यों का भी भाण्डवपुर तीर्थ पहुॅचने का सिलसिला प्रारंभ हो गया।
श्री काश्यप ने लोकसन्त के देवलोकगमन पर श्रद्धांजलि व्यक्त करते हुए कहा कि आचार्य का चिंतन विशिष्ठ था, जिसके माध्यम से उन्होंने जनसन्त के रूप में समग्र मानव समाज को एक नई दिशा दी। उनके सदुपदेश से देशभर के विभिन्न शहरों नगरों में संचालित जनकल्याण के कार्यों ने उन्हें वास्तविक रूप से लोकसन्त बनाया। ऐसे युगपुरूष, विरल व्यक्तित्व, मार्गदृष्टा का देवलोकगमन मानव समाज के लिए अपूरणीय क्षति है।
श्री छाजेड़ ने बताया कि लोकसन्तश्री का अंतिम चातुर्मास वर्ष 2016 में चेतन्य काश्यप परिवार द्वारा नवोदित तीर्थ जयन्तसेन धाम में आयोजित किया गया था। ऐतिहासिक चातुर्मास के दौरान विभिन्न कार्यक्रमों की स्मृति आज भी रतलाम के सर्व समाज के मानस पटल पर अंकित है। रतलाम श्रीसंघ में लोकसन्त के देवलोकगमन से शोक स्वरूप समाजजनों ने अपने प्रतिष्ठान बंद रखे तथा श्रद्धांजलि देने हेतु भाण्डवपुर तीर्थ रवाना हुए।

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