राष्ट्रसंत आचार्यश्री पुलकसागरजी ने जेल परिसर में कैदियों को दिया प्रेरक उद्बोधन
कलेक्टर श्रीमती रुचिका चौहान भी उपस्थित थी
रतलाम,20 फरवरी(इ खबर टुडे)। जिला जेल परिसर रतलाम में राष्ट्रसंत आचार्य श्री पुलकसागरजी महाराज द्वारा कैदियों को प्रेरक उद्बोधन दिया गया। इस अवसर पर कलेक्टर श्रीमती रुचिका चौहान, जेल अधीक्षक आर.के. डांगी तथा जैन समाज के कई व्यक्ति उपस्थित थे।
राष्ट्रसंत आचार्य श्री पुलकसागरजी ने कैदियों से कहा कि अच्छाई के मार्ग पर चलें, बुरी संगत से बचें, आत्म नियंत्रण रखें, अच्छी संगति करें। आप यहां जेल में प्रायश्चित के लिए आए हैं। संत के प्रवचन सुनने के बाद आपकी आंखों से आंसू आते हैं तो इन्हें बहने दे, यह प्रायश्चित के आंसू है। जेल सुधारालय हैं, यहां से बाहर निकलने के बाद अच्छे कार्यों में जुट जाएं। उन्होंने कहा कि जेल में गौशाला भी होनी चाहिए।
कलेक्टर श्रीमती रुचिका चौहान ने कहा कि जेल में निरुद्ध कैदियों को जेल से बाहर निकलने के बाद अच्छा जीवन मिले, वह रोजगारलक कार्य कर सकें, इसके लिए प्रशासन द्वारा कैदियों को विभिन्न रोजगारमूलक प्रशिक्षण प्रदान करने के प्रयास किए जा रहे हैं। संतो के सानिध्य से प्रत्येक व्यक्ति में सकारात्मक भाव उत्पन्न होते हैं। व्यक्ति अच्छे कार्यों की ओर उन्मुख होता है। कार्यक्रम के अंत में जेल अधीक्षक आर.के. डांगी ने आभार व्यक्त किया।