December 25, 2024

राग रतलामी/ चौकीदार और शहजादी एक ही दिन शहर में,इधर सुनने और उधर देखने के लिए उमडेगी भीड,परेशानी में प्रशासन

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-तुषार कोठारी

रतलाम। सात चरण वाले लंबे चुनाव में ऐसे मौके कम ही आए होंगे,जब किसी एक ही शहर में एक ही दिन दो वीवीआईपी मौजूद रहे हों। लेकिन ये रेकार्ड रतलाम के हिस्से में आ रहा है। फूल छाप के सुप्रीम चौकीदार और पंजा पार्टी की शहजादी दोनो ही सोमवार को शहर में रहेंगे। चौकीदार जी पहले आएंगे और चीलगाडी से शहर के बाहर ही उतरेंगे और वहीं पचास मिनट मंच पर गुजार कर,लोगों को चौकीदारी का मन्त्र देकर वापस उड जाएंगे। पंजा पार्टी की दीदी अपने परनाना जी के नाम पर बने और आजकल उजडे हुए स्टेडियम पोलो ग्राउंड में सभा को संबोधित करेगी।
दोनो ही पार्टियों के नेता ताकत झोंक रहे है कि सभाएं सफल हो जाए। बडी समस्या फूलछाप वालों के लिए है। एक तो सुबह का वक्त,दूसरे शहर से बाहर का स्थान,टार्गेट एक लाख का। वो लोगों को पीले चांवल देकर बुला रहे हैं। हांलाकि उन्हे इस बात का भरोसा है कि चौकीदार के नाम पर भीड खुद ब खुद उमडती है। पंजा पार्टी के लोग भी भिडे हुए है। उन्हे फायदा इस बात का है कि उनका स्थान शहर के बीचोबीच है। चौकीदार की सभा से निकलने के बाद लोग इधर भी आ ही जाएंगे। उधर सुनने का क्रेज है तो इधर देखने का। इसलिए भीड तो दोनो जगहों पर उमडेगी।
सबसे बडी समस्या सरकार बहादुर की है। इस चुनाव में आज तक तो कोई दिक्कत ही नहीं थी। कहने को जिले के मतदाता तीन संसदीय इलाकों के लिए वोट डालेंगे,लेकिन प्रशासन को कोई मशक्कत नहीं करना पड रही। फार्म भराने से लेकर नाम वापसी जैसी सारी प्रक्रियाएं दूसरी जगहों पर हो रही है। यहां ले देकर मशीनों की देखरेख और चुनाव कराने का मामला था। अब तक तो पार्टियां भी सुस्त पडी हुई थी। ना कोई सभा,ना रोड शो। ले देकर दो चार भोंगले घूम रहे थे। लेकिन एकाएक जोर का झटका आ गया। दो दो वीवीआईपी एक ही दिन आ रहे है। एसपीजी वाले बार बार इंतजाम परख रहे हैं। पूरा अमला इधर से उधर दौड लगा रहा है। पहले तो स्थल चयन के लिए चक्कर,फिर व्यवस्थाओं को जांचने परखने के लिए चक्कर,फिर एसपीजी वालों के साथ व्यवस्थाएं समझने के लिए चक्कर। हालत ये हो गई है कि चौराहों पर ट्रैफिक व्यवस्था के लिए रखे गए बैरिकेट्स भी उठाकर कर वहां भेज दिए गए है।
अब इंतजार है सोमवार का। सोमवार को जब तक दोनो वीवीआईपी रतलाम से रवाना नहीं हो जाएंगे,प्रशासन की सांस चढी ही रहेगी।

असर का आकलन

जब वीवीआईपी की सभा होती है,तो माना जाता है कि उसका असर आसपास या दूर दूर तक होगा। सोमवार को शहर में पंजा पार्टी और फूल छाप दोनो ही पार्टियों के सुप्रीम वीवीआईपी यानी शहजादी और चौकीदार मौजूद रहेंगे। दोनो ही पार्टियों में उनके दौरे से पडने वाले असर का आकलन किया जा रहा है। फूल छाप वालों का तो साफ मानना है कि चोकीदार की वजह से झाबुआ,मन्दसौर और उज्जैन तीनो सीटों पर असर पडेगा,इसलिए तीनों सीटों के प्रत्याशियों को मंच पर मौजूद रखा जाएगा। पंजा पार्टी वाले झाबुआ के साथ मंदसौर प्रत्याशी को भी बुला रहे है। ये तो हुआ दूर तक पडने वाले असर का आकलन। लेकिन जहां ये कार्यक्रम होने वाला है,यानी रतलाम पर इसका क्या असर होगा? राजनीति की जोड बाकी समझने वालों का मानना है कि बडा फायदा तो फूलछाप वालों को ही होने वाला है। रतलाम शहर और ग्रामीण तो वैसे ही फूलछाप के पक्ष वाले क्षेत्र है। चौकीदार जी की रैली के बाद यहां फूल छाप की लीड बढने का पूरी संभावना है,जबकि पंजा छाप की दीदी कितना भी भाषन दे दें,वे रतलाम से फूल छाप की बजाय पंजे को लीड नहीं दिलवा सकती। इस लिहाज से पंजा पार्टी के लिए इससे कोई बडा फायदा होता नहीं दिखता।

काली टोपी का कमाल

चुनाव में फूल छाप वाले चाहे जैसे काम करें,लेकिन उन्हे पीछे से बैकिंग देने के लिए काली टोपी वाले मौजूद है। काली टोपी वालों का कमाल ये है कि वो नजर नहीं आते और भीतर भीतर अपना एजेंडा चलाते रहते है। जब नतीजे आते है तो उनका कमाल सामने आता है। इस बार भी काली टोपी वाले पूरे दमखम से लगे हुए है। गांव गली मोहल्लों में जनता को जगाने के नाम पर वे सबको चोकीदार बनने के लिए प्रोतसाहित कर रहे है।

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