December 25, 2024

राग रतलामी/ आ गया मैडम जी की बिदाई का वक्त,बुरे सपने की तरह भूलना चाहेंगे लोग उन्हे

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-तुषार कोठारी

रतलाम। पूरे पांच साल गुजर गए। अब मैडम जी की बिदाई में महज दो दिन बाकी बचे है। शहर ने बडी उम्मीदों से उन्हे कुर्सी सौंपी थी। उम्मीदें पूरी होना तो दूर,उलटे शहर की हालत पहले से भी खराब हो गई। शहर के बाशिन्दों ने सोचा था कि मोदी जी की फूल छाप पार्टी ने शहर को उच्चशिक्षित नेतृत्व देने की तैयारी की है,तो शहर को इसका भरपूर फायदा होगा। लेकिन हुआ इसका उलटा।
पांच साल का वक्त गुजर गया। मोदी जी हर साल अपना रिपोर्ट कार्ड पेश करते है। लेकिन मैडम जी ने पूरे पांच साल में कभी अपना रिपोर्ट कार्ड पेश नहीं किया। करती भी कैसे,कुछ बताने को होता,तो बताती। जो कुछ था,वह बताने का नहीं बल्कि छुपाने का विषय था। कमीशन की बातें बताने की नहीं होती,छुपाने की होती है। लेकिन आखरी वक्त में जब रवानगी में केवल दो दिन बचे,तब उन्होने खबरचियों को बुलाया।
पांच साल की लंबी अवधि में उनके खाते में अगर कुछ है,तो नगर निगम को नरक निगम बनाना है। केन्द्र की पहल पर स्वच्छता अभियान चला,लेकिन यहां सिर्फ दिखावा हुआ। स्वच्छता अभियान के लिए आए बजट की बंदरबांट हुई,लेकिन स्वच्छता नजर नहीं आई। सड़कों की स्थिति खराब होती रही। नालियों में गंदगी और बदबू बनी रही। शहर की व्यवस्थाएं तार तार होती रही। लेकिन प्रथम नागरिक को कभी इससे कोई फर्क नहीं पडा।
बिदाई के वक्त बीती बातों को याद किया जाता है। अब सवाल ये पूछा जा रहा है कि मैडम जी को शहर में क्यो याद रखा जाएगा? उन्होने शहर के लिए क्या किया है,जिससे उन्हे याद रखा जाए? इस सवाल का अलग अलग लोगों के पास अलग अलग जवाब है। शहर के लोग तो इसीलिए याद रखेंगे कि नगर निगम अब नरक निगम में बदल गया है। निगम में ठेकेदारी करने वाले बढे हुए परसेन्टेज के लिए उन्हे याद रखेंगे। उनके आने के पहले जो बंटता था,उनके आने के बाद उसमें जोरदार इजाफा हो गया।
फूल छाप पार्टी के नेता भी वैसे तो उन्हे याद रखने को तैयार नहीं है। लेकिन फिर भी उन्हे इसलिए याद रखा जाएगा कि शहर में फूल छाप पार्टी की इज्जत को उन्होने रसातल में पंहुचा दिया। गली मोहल्लों के लोग जब फूल छाप पार्टी के नेताओं को अपनी समस्याओं के लिए फटकारते है,तो फूल छाप वाले मैडम जी को कोसने के अलावा कुछ नहीं कर पाते। फूल छाप के नेताओं को पता है कि मैडम जी की वजह से अगली बार नगर निगम में फूल छाप वालों को हार का मुंह देखना पड सकता है। पिछले वक्तों में जब कभी चुनाव हुआ समझदार नेताओं ने अपने प्रचार से उन्हे दूर ही रखा था। वे जानते थे कि मैडम जी की वजह से वोटर नाराज हो सकते है और नुकसान उठाना पड सकता है। फूल छाप वाले अपना ये दुखडा बताने से हिचकते भी नहीं। जिससे पूछो वही एक नई कहानी सुनाने लगता है कि मैडम जी ने कैसे पार्टी की इज्जत उतरवाई।
अब आखरी वक्त में मैडम जी ने मीडीयावालों को बुलाया है। मजेदार बात यह है कि उन्होने भोजन भी रखा है। बताने वाले बताते है कि इससे पहले पारपंरिक भोज के कार्यक्रमों को उन्होने आर्थिक तंगी का कारण बताते हुए बंद करवा दिया था। इस बार उन्होने आर्थिक तंगी को कैसे दूर किया होगा,इस पर भी लोग दिमाग खपा रहे है।
बहरहाल शहर के बाशिन्दे उन्हे बुरे सपने की तरह भूल जाना चाहेंगे। नए साल में नई उम्मीदों की उम्मीद करना ही समझदारी है। उम्मीद की जाए कि भविष्य में रतलाम के लोगों को अच्छा नेतृत्व मिलेगा और इस तरह के बुरे सपने अब नहीं देखना पडेंगे। इसी के कारण लोग खुश भी है कि पांच साल के बाद उन्हे अब बेकार नेतृत्व से छुटकारा मिल पाएगा।

माफिया अभियान चलेगा या…….

खबर है कि अब जिले में माफिया के खिलाफ अभियान चलाया जाएगा। वैसे यह अभियान एक हफ्ते पहले भी शुरु हुआ था,लेकिन एक ही दिन में ठप्प पड गया था। फिर जब खबरचियों ने चिल्ल पों मचाई,तब बडी मैडम को याद आया कि माफिया के खिलाफ अभियान चलाना है। मैडम जी ने आनन फानन में मीटींग बुलाकर तमाम अफसरों को निर्देश जारी कर दिए। इसकी खबरें भी जारी कर दी गई। अब देखना यह है कि इस बार भी ये मामला आगे बढेगा या सिर्फ खबरें छपने तक ही रह जाएगा। जानकारों की मानें,तो कहानी ज्यादा आगे तक नहीं जाने वाली। मीटींग और खबरें केवल उपर वालों को दिखाने के लिए है।

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