मोम के उपयोग से बनी डिजाईन महिलाओं के लिए विशेष आकर्षण का केंद्र
रतलाम,29 दिसम्बर (इ खबरटुडे)।संत रविदास मप्र हस्तशिल्प एवं हाथकरघा विकास निगम के मेले को अच्छा प्रतिसाद मिल रहा है। उज्जैन भैरवगढ की बटिक शिल्प महिलाओं के लिए विशेष आकर्षण का केंद्र है। रोटरी हाल में 03 जनवरी 2018 तक जारी मेले के आयोजक दिलीप सोनी ने बताया कि भैरवगढ का बटिक शिल्प देश में अदभुत है। इसे बनाने वाले कलाकार अब्दुल हमीद बडवाला इस कला में पारंगत है। इस कला के लिए उन्हे राज्स सरकार की तरफ से राज्य स्तरीय अवार्ड मिला है।वर्तमान में रतलाम में आए श्री बडवाला के पास साडियां, सलवार सूट, बेडशीट, गाउन, कुर्ति, स्कार्फ, कप्तान आदि उपलब्ध है। ड्रेस मटेरियल को बनाने की तकनीक भी बहुत ही उम्दा है। बडवाला के अनुसार मोम को पिघलाकर जिस भी ड्रेस मटेरियल पर डिजाईन उभारना होती है उसे बालू रेत की जमीन पर बिछाया जाता है। फिर डिजाईन अनुसार उस पर पिघला मोम डाला जाता है। इसके बाद कलर किया जाता है। गरम पानी में कलर के लिए कपडा डाला जाता है उसमें मोम पिघलकर बाहर आ जाता है और बाकी स्थान पर कलर से डिजाईन बन जाती है। इसके साथ ही बडवाला कपडों पर मोम के पेन से भी डिजाईन बनाते हैं।
यह बहुत मेहनत का काम है और वर्तमान में इस कला में पारंगत लोगों की आवश्यकता महससू की जा रही है। मोम के पेन से डिजाईन बनाने के बाद वही प्रक्रिया अपनाई जाती है। श्री बडवाला ने बताया कि पहले भैरवगढ उज्जैन से ही सभी ड्रेस मटेरियल और साडियां विदेश जाती थी, लेकिन अब यह सभी सामग्री पहले जयपुर जाती है और फिर वहां से विभिन्न देशों को भेजी जाती है। उन्होंने बताया कि पूरी तरह से शरीर के माफिक होने से अधिकांश महिलाएं, लडकियां इसे पसंद करती है। राज्य स्तरीय अवार्ड के बारे में उन्होंने बताया कि वर्ष 1983-84 में उनके कार्य की गुणवत्ता को पसंद किया गया और मप्र के हस्तशिल्प निगम ने उन्हें राज्य स्तरीय अवार्ड से सम्मानित किया।
श्री सोनी ने बताया कि उनके पास 400 रुपए से लेकर 3000 हजार रुपए की कीमत की सामग्री उपलब्ध है। मेला आयोजन श्री सोनी ने कहा कि मेला 03 जनवरी 2018 तक आम लोगों के लिए रोटरी हाल रतलाम में सुबह 11 बजे से रात्रि 9 बजे तक खुला है।