मुख्यमंत्री की घोषणा के बाद बन्द समाप्त ( band called off after CM’s assurance)
व्यापारियों ने आतिशबाजी कर मिठाईयां बांटी
रतलाम,11 अप्रैल(इ खबरटुडे)। खाद्य सुरक्षा अधिनियम के खिलाफ पिछले तीन दिनों से जारी महाबन्द हडताल आज मुख्यमंत्री की घोषणा के बाद समाप्त कर दी गई। दोपहर बाद होटल व्यवसाय को छोड़कर अन्य दुकाने खुल गई थी। व्यापारियों ने आतिशबाजी कर एवं मिठाई कर खुशियां जताई। इसके पूर्व सुबह व्यापारियों ने रैली निकालकर राष्ट्रपति के नाम कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा। उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री शिवराजसिंह ने विसंगतियों को दूर किए बिना इस कानून को लागू नहीं किए जाने की घोषणा की है।
मध्य प्रदेश प्रोडक्स निर्माता एवं विक्रेता संघ, म.प्र. अनाज दलहन, तिलहन व्यापारी महासघं के तत्वावधान में खाद्य सुरक्षा अधिनियम के खिलाफ आक्रोश व्यक्त करने के लिए आयोजित तीन दिवसीय बंद पूर्णत: सफल रहा। इस दौरान दुध, सब्जी, फल-फ्रुट की दुकाने, चाय-नाश्ते की होटल ,किराना दुकाने सभी बंद रही। आवश्यक वस्तुए नहीं मिलने के कारण आम जनता को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा। आंदोलन के अंतिम दिन बुधवार को भी बंद पूर्णत: सफल रहा।
रैली निकालकर दिया ज्ञापन
बुधवार सुबह संयुक्त व्यापारी महासंघ द्वारा 6 बजे से खाद्य सुरक्षा अभियान के खिलाफ जनजागरण अभियान चलाया गया। सुबह 10 बजे से व्यापारी संभा का आयोजन किया गया, जिसमें व्यापारियों ने इस कानुन के खिलाफ एकजुट होकर लड़ने का संकल्प लिया। सुबह 11 बजे समस्त व्यापारी रैली के रुप में रानी जी के मंदिर से नारेबाजी करते हुए निकले और शहर के प्रमुखमार्गो से होते हुए कलेक्टोरेट पहुंचे, जहां राष्ट्रपति और मुख्यमंत्री के नाम कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा गया।संयुक्त व्यापारी महांसघ और रतलाम व्यापारी महासंघ के बैनर तले अलग-अलग रैली के माध्यम से व्यापारी कलेक्टोरेट पहुंचे और अलग-अलग ज्ञापन सौंपा। संयुक्त व्यापारी संघके प्रदर्शन का नेतृत्व मनोज झालानी, अशोक चौटाला, महेन्द्र कोठारी, सुरेन्द्र चत्तर, जय छजलानी, अनिल गादिया, विपिन खिलोसिया, सलीम भाई, राधेश्याम कुंद्ड़ा, बालाराम पटेस, किरण चौहान, मुफलत भाई, सुरेन्द्र सुरेका, मंगल अग्रवाल, पंकज पटेस, सुभाषमावा वाला, राजेशरांका, विजय बाथम, बाबूलाल औरा आदि ने किया।रतलाम व्यापारी महासंघ द्वारा दिएगएज्ञापन का नेतृत्व बाबुलाल राठी ने किया।
ज्ञापन के दौरान ही मिली खुशखबर
व्यापारियों के ज्ञापन वाचन के दौरान ही खबर आई कि मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान द्वारा घोषणा की गईहै कि उक्त अधिनियम को प्रदेशमें स्थगित कर दिया गया है। मुख्यमंत्री ने व्यापारियों को आश्वासन देते हुए कहा कि जब तक कैन्द्र सरकार खाद्य सुरक्षा कानुन की विसंगतियों को दुर नहीं कर देती वे इसे प्रदेश में लागु नहीं होने देगें। उन्होने इसके लिए कैन्द्र सरकार से बात करने की घोषणा भी की। मुख्यमंत्री की इस घोषणा से व्यापारियों में खुशी की लहर दौड़ गई और व्यापारियों ने अलग-अलग स्थानों पर आतिशबाजी कर और मिठाई वितरित कर खुशी का इजहार किया और मुख्यमंत्री को धन्यवाद भी ज्ञापित किया। व्यापारियों ने एक-दुसरे को भी माला पहनारकर जीत की बधाई दी।इसके बाद व्यापारियों ने हड़तास समाप्ती की घोषणा करते हुए हड़ताल को सफल बनाने के लिएसभी का आभार भी माना। दोपहर बाद किराना एवं अन्य दुकाने को पिछले तीन दिनों से बंद थी, वे सभी खुल गई। होटस व्यवसायियों ने आधे दिन बाद दुकान खोलने में असमर्थता जताते हुएगुरुवार से दुकाने खोलने की बात कही। मुख्यमंत्री की व्यापारियों के हित में की गई घोषणा के बाद व्यापारियों ने भी रात में रानी जी के मंदिर चौराहे पर आमसभा का आयोजन कर मुख्यमंत्री को धन्यवाद ज्ञापित किया।
ज्ञापन में उठाए यह मुद्दे
-देशकी बहुसंख्यक आबादी किराना दुकान, चायचपान की होटल , सब्जी की दुकाने आदि छोटे व्यवसाय के माध्यम से ्पना घर चलाते है।वह इस कानुन के प्रावधानों का पालन करने में असमर्थ है।
-भारत में भोजन प्रणाली ताजा गरम खाद्य सामग्री का सेवन करने की है।न की विदेशी की नकल में फ्रिज में रखकर खाने की।चाय, दुध, नमकिन, पोहे, कचोरी, सेव, ढाबा में भोजन आदि का निर्माणदस्ताने पहनकर करना असंभव है।
– खुली और गरम खाद्य सामग्री का पोषक मात्रा निकालना असंभव है।
-नगर पंचायत और नगर निगम प्रशासन धुल धुएं और प्रदुषण सेजनता के हितों का ख्याल रखने को तैयार नहीं है, मक्खी-मच्छरों की बहुतायात है।नालिया गंदगी से पटी हुई है।जिस पर शासन का ध्यान नहीं है।एसी परिस्थिति में यह कानून कैसे लागु होगा।
-सार्वजनिक जल वितरणप्रणाली में सिवरेज का पानी, किट निकलते रहते है।जब शुध्द पेयजल नहीं मिलता तो दुकानदार निर्माण के लिएशु्द पेयजल कहां से लाएगा।
घरोंमे चलने वाले पापड़, वड़ी, मठरी, तिल पपड़ी जैसा व्यवसाय चलाने वाली महिलाएं इनकी पोषक मात्रा निकालकर प्रिंट कराने में क्या समर्थ है।