November 18, 2024

मन मुताबिक वेतन नहीं होने से नाराज केंद्रीय कर्मचारी, 11 जुलाई से करेंगे हड़ताल

नई दिल्ली 30 जून (इ खबरटुडे)।सरकार भले ही 7वें वेतन आयोग की सिफारिशों को लागू करने का ढिंढोरा पीट रही हो। लेकिन केंद्रीय कर्मचारी इससे कतई खुश नहीं हैं। उन्होंने आगाह किया है कि यदि वेतन में और बढ़ोतरी की उनकी मांगों को स्वीकार नहीं किया तो 11 जुलाई से कम से कम 23 लाख केंद्रीय कर्मचारी हड़ताल पर जा सकते हैं।

केंद्रीय कर्मचारियों की संयुक्त कार्रवाई परिषद (एनजेसीए) के सचिव तथा आल इंडिया रेलवेमेन्स फेडरेशन (एआइआरएफ) के महासचिव शिवगोपाल मिश्रा ने कहा कि 7वें वेतन आयोग की रिपोर्ट अब तक की सबसे खराब रिपोर्ट है। पांचवे वेतन आयोग में मूल वेतन 50 फीसद व छठे वेतन आयोग में 40 फीसद बढ़ा था। जबकि 7वें आयोग ने केवल 14 फीसद बढ़ोतरी की है। न्यूनतम वेतन केवल 18 हजार रुपए किया गया है। जबकि महंगाई के सरकारी आंकड़ों के हिसाब से ही बिना भत्तों का वेतन कम से कम 23 हजार रुपए होना चाहिए। हमें 2.57 फीसद का मल्टीप्लायर फैक्टर भी मंजूर नहीं है।
सरकार ने केवल दो समितियां बनाई हैं। एक भत्तों और दूसरी नई पेंशन स्कीम पर पुनर्विचार के लिए। लेकिन इनकी रिपोर्ट आने में समय लगेगा। एकमात्र राहत की बात यह है कि ग्रुप इंश्योरेंस के लिए प्रस्तावित 1500-6000 रुपए तक मासिक कटौती को टाल दिया गया है। इससे कम से कम कर्मचारी अपने घर पहले जितना वेतन ले जा सकेंगे। अन्यथा उनका प्रभावी वेतन कम हो रहा था।
मिश्रा ने कहा कि आयोग ने रेलवे कर्मचारियों के अनेक भत्तों में कटौती कर दी है। शुरू से चले आ रहे इन भत्तों के बगैर कैसे काम होगा। यही वजह है कि रेलवे के दोनों फेडरेशन (एआईआरएफ तथा एनएफआईआर) हड़ताल में साथ हैं। इसके अलावा केंद्रीय कर्मचारियों के विभिन्न संगठनों का समर्थन भी हमें हासिल हैं। यहां तक कि भारतीय मजदूर संघ (बीएमएस) का सहयोग भी हमें हासिल है।
इस तरह पचास लाख केंद्रीय कर्मचारियों में से करीब 23 लाख के हड़ताल पर होने से यह दुनिया की सबसे बड़ी हड़ताल होगी। हालांकि अभी भी वक्त है। सरकार चाहे तो कोई हल निकल सकता है। हम वार्ता के लिए तैयार हैं। लेकिन मूल वेतन पर समझौता नहीं होगा। हम अर्थव्यवस्था को चोट नहीं पहुंचाना चाहते। लेकिन हमारे समक्ष कोई चारा नहीं बचा है।
कन्फेडरेशन आफ सेंट्रल गवर्नमेंट इम्प्लॉइज एंड वर्कर्स ने भी 11 जुलाई से हड़ताल का आह्वान किया है। इसके महासचिव एम. दुरई पांडियन ने चेन्नई में कहा, ‘हमें 7वें वेतन आयोग की सिफारिशें मंजूर नहीं हैं। सरकार ने हमारी मांगे नहीं मानी तो हम हड़ताल को मजबूर होंगे।’

You may have missed