December 25, 2024

मजदूरी छोड़ स्वरोजगार स्थापित कर रहीं ग्रामीण महिलायें

anuppur-1903

भोपाल,09 मार्च(इ खबरटुडे)। मध्यप्रदेश में महिलायें अपने परिवारों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने के लिये व्यवसायिक गतिविधियों से जुड़ रही हैं। इस मामले में ग्रामीण क्षेत्रों की महिलायें तेजी से आगे आ रही हैं। राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन और तेजस्विनी स्व-सहायता समूह की अवधारणा ने इन महिलाओं को सम्बल प्रदान किया है। गरीब और कमजोर वर्गों की महिलायें मजदूरी छोड़ इन स्व-सहायता समूहों की सहायता से स्वयं का रोजगार स्थापित कर रही हैं और सफल उद्यमी भी बन रही हैं।

ऊषा साहू अपने पति के साथ अनूपपुर जिले के जैतहरी विकासखण्ड के आदिवासी बाहुल्य ग्राम निगौरा में मजदूरी करती थी। स्थानीय लक्ष्मी स्व-सहायता समूह से जुड़ी, तो स्कूल में संचालित मध्यान्ह भोजन कार्यक्रम का हिस्सा बन गई। फिर भी आर्थिक स्थिति में वांछित सुधार नहीं हुआ क्योंकि इसकी महत्वकांक्षा थी अपना खुद का व्यवसाय स्थापित करने की।

गांव में राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के अंतर्गत म.प्र. दीनदयाल योजना में नये स्व-सहायता समूह निर्माण और पूर्व में बने स्व-सहायता समूहों के सशक्तिकरण का कार्य शुरू किया गया, तो ऊषा साहू स्व-सहायता समूहों की बैठक में भाग लेने लगी, मिशन के व्यवसायिक प्रशिक्षणों में भी भाग लिया। ऊषा ने सर्वप्रथम समूह से 5 हजार रूपये ऋण लेकर अपनी खेती को सुदृढ़ बनाया। फिर यह ऋण चुकता कर 25 हजार रूपये का ऋण लेकर साहूकार का कर्ज चुकाया। ऊषा पर निरंतर आगे बढ़ने की धुन सवार थी।

राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन की टीम ने ऊषा का उत्साह और लगन देखकर उसे मुर्गी पालन व्यवसाय शुरू करने की सलाह दी और मदद भी की। मुख्यमंत्री स्व-रोजगार योजना में उसे मुर्गीपालन के लिये बैंक से 2.50 लाख रूपये का ऋण दिलवाया गया। अब ऊषा साहू अपने पति के साथ खुद का मुर्गी पालन व्यवसाय बहुत अच्छी तरह संचालित कर रही है। हर माह 12-15 हजार रूपये आसानी से कमा रही है।

ईंट के भट्टे की मलिक बनी महिलायें : पन्ना जिले के ग्राम रैयासांटा में ईंट भट्टों पर मजदूरी करने वाली महिलाओं को अन्त्यावसायी सहकारी समिति ने सवित्री बाई फुले स्व-सहायता योजना की मदद से ईंट भट्टों का मलिक बना दिया है। गांव के सरस्वती तेजस्विनी स्व-सहायता समूह की सदस्य होने के कारण इन महिलाओं को वित्तीय मदद तत्परता से मिली।

सावित्री बाई स्व-सहायता योजना में सरस्वती तेजस्विनी स्व-सहायता समूह की इन महिला सदस्यों को 3 लाख रूपये ऋण मध्यांचल ग्रामीण बैंक की हरदुआ शाखा से दिलवाया गया। इस योजना में इन महिलाओं को 50 प्रतिशत अर्थात 1.50 लाख रूपये अनुदान मिला। अब ये महिलायें ईंट भट्टे की मजदूर नहीं, मलिक हैं। भट्टे की कमाई में बराबर की हिस्सेदारी हैं।

You may have missed

Here can be your custom HTML or Shortcode

This will close in 20 seconds