November 8, 2024

प्रायवेट स्कूल मान्यता एक दिसम्बर से ऑनलाइन

रतलाम,30 नवम्बर(इ खबरटुडे)। राज्य शासन ने सभी जिला कलेक्टर को अशासकीय हाई स्कूल एवं हायर सेकेण्डरी स्कूलों की नवीन एवं पुरानी मान्यता के नवीनीकरण के लिये नियमों का पालन करवाने के निर्देश दिये हैं।मान्यता नियमों के अनुसार न्यूनतम मापदण्डों का पालन अनिवार्य रूप से होना चाहिये।

शासन द्वारा नवीन एवं पुरानी मान्यता के नवीनीकरण के नियमों का प्रकाशन पूर्व में किया जा चुका है। जिलों से कहा गया है कि मापदण्डों में शिथिलीकरण का अधिकार केवल मंत्री, स्कूल शिक्षा की अध्यक्षता में गठित अपील समिति को है, इसीलिये नवीन मान्यता शिथिलीकरण या शर्तों के साथ स्वीकृत नहीं की जाये। न्यूनतम मापदण्डों का पालन करते समय दिशा-निर्देशों का पालन सुनिश्चित रूप से किया जाना चाहिये।
नियमों में स्पष्ट है कि हाई स्कूल के लिये भू-खण्ड का न्यूनतम क्षेत्रफल 4000 एवं हायर सेकेण्डरी के लिये 5600 वर्गफुट होना चाहिये। यदि पहले से ही उस भवन में प्राथमिकध्माध्यमिक अथवा दोनों संचालित हैं तो उसके क्षेत्रफल को हाई स्कूल एवं हायर सेकेण्डरी के लिये मान्य नहीं किया जाये। इसी तरह हाई स्कूल एवं हायर सेकेण्डरी स्कूलों के लिये खुली भूमि क्रमशरू 2600 तथा 3000 वर्गफुट होना आवश्यक है। प्रति छात्र के आधार पर भी निर्मित एवं खुली भूमि की गणना का प्रावधान नियमों में है। इसके   अनुसार प्रति छात्र 10 वर्गफुट निर्मित क्षेत्र एवं प्रतिक्षेत्र 5 वर्गफुट खुली भूमि होना चाहिये। भूमि तथा भवन दोनों के दस्तावेज संस्था की स्वयं की मालिकी या किराये पर हो तो संस्था के स्वयं के नाम पर ही हो। संस्था के नाम पर भूमि एवं भवन पंजीकृत नहीं होने पर उसे मान्य नहीं किया जाये।
अध्यापन कक्ष में 45 से अधिक विद्यार्थियों को नहीं बैठाया जा सकेगा-कलेक्टर
 
नवीन मान्यता के लिये पंजीकृत दस्तावेज में किरायेदारी अनुबंध की अवधि आगामी 2 शैक्षणिक सत्र के अंत तक की तिथि के लिये वैध होना चाहिये। भवन में अध्यापन कक्ष के अलावा एक-एक कक्ष प्राचार्य, कार्यालय एवं पुस्तकालय के लिये विषयवार प्रयोगशाला तथा समुचित संख्या में बालक-बालिकाओं के लिये प्रसाधन कक्ष होना चाहिये। किसी भी अध्यापन कक्ष में 45 से अधिक विद्यार्थियों को नहीं बैठाया जा सकेगा। हाई स्कूल में एक प्रयोगशाला तथा हायर सेकेण्डरी में विषयवार प्रयोगशाला कक्ष होना चाहिये। पुस्तकालय में पाठ्य-पुस्तकों के अलावा अतिरिक्त विषयों से संबंधित एवं ज्ञानोपयोगी पुस्तकों की पर्याप्त व्यवस्था होनी चाहिये। पुस्तकों में साम्प्रदायिकता को बढ़ाने तथा धर्म-जाति के आधार पर भेदभाव करने वाली पुस्तकें नहीं होना चाहिये। शासन द्वारा प्रतिबंधित पुस्तकें भी नहीं होना चाहिये।
संस्था के पास खेल मैदान के लिये पर्याप्त भूमि होनी चाहिये। अध्यापन कक्ष में विद्यार्थियों के बैठने के, प्रयोगशाला एवं पुस्तकालय में पढ़ने तथा पुस्तक रखने आदि के लिये भी फर्नीचर उपलब्ध हो। पीने के लिये शुद्ध पानी की समुचित व्यवस्था होनी चाहिये। निर्धारित मापदण्डों के अनुसार अध्यापकों की व्यवस्था तथा प्रयोगशाला एवं कार्यालय सहायक भी होना चाहिये। इन मापदण्डों का पालन आवेदन-पत्र प्रस्तुत करने के पहले ही पूर्ण हो, क्योंकि बाद में कमियों की पूर्ति के लिये समय देने का कोई प्रावधान नियमों में नहीं है।
शैक्षणिक सत्र 2015-16 के लिये नवीन मान्यता एवं पहले से मान्यता प्राप्त प्रकरणों के नवीनीकरण के लिये ऑनलाइन पोर्टल एक दिसम्बर से खोला जा रहा है। ऑनलाइन प्राप्त आवेदनों का समय-सीमा में निराकरण के निर्देश सभी जिला कलेक्टर को दिये गये हैं। ऐसे स्कूल जो पहले से मान्यता प्राप्त है और जिनकी मान्यता वर्ष 2015-16 में समाप्त हो गयी है और वे समय पर आवेदन नहीं दे पाये, उन्हें भी एक दिसम्बर से 31 दिसम्बर तक आवेदन की सुविधा दी गयी है।

You may have missed

Here can be your custom HTML or Shortcode

This will close in 20 seconds

Patel Motors

Demo Description


Here can be your custom HTML or Shortcode

This will close in 20 seconds