September 29, 2024

प्रतिबन्धात्मक आदेशों के उल्लंघन पर होगी कार्यवाही

रतलाम,15अक्टूबर(इ खबर टुडे)।लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 के तहत जो व्यक्ति भ्रष्ट आचरणों तथा निर्वाचन अपराधों का दोषी पाया जाता है, विधि के अनुसार उसका निर्वाचन शून्य घोषित किया जा सकता है या उसे जैसे कि विधि में बताया गया है जुर्माने से या दोनो से दण्डित किया जा सकता है

कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी श्रीमती रूचिका चौहान ने बताया कि निर्वाचन प्रक्रिया के दौरान सभी को लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 तथा भारतीय दण्ड संहिता के साथ साथ सम्पत्ति विरूपण अधिनियम 1994, कोलाहल नियंत्रण अधिनियम 1995, का पालन करना होगा। उन्होंने बताया कि धारा-125, के तहत चुनाव के सिलसिले में धर्म वंश, जाति समुदाय या भाषा की बुनियाद पर भारत के नागरिकों के विभिन्न वर्गो के बीच शत्रुता या घृणा की भावना को बढावा देने की चेष्टा करना संज्ञेय अपराध है।

इसके अलावा धारा-126, के तहत किसी मतदान क्षेत्र में मतदान समाप्त होने के समय से 48 घण्टे पूर्व तक आमसभा आयोजित करने या ऐसी सभा में हाजिर रहने की मनाही है। यह असंज्ञेय अपराध है। इसी तरह धारा-127 के तहत यदि कोई व्यक्ति इस धारा के अन्तर्गत वर्णित राजनीतिक आमसभा में बाधा डालने के उद्देश्य से कोई उपद्रव करता है अथवा ऐसा करने के लिये दूसरे को उकसाता है तो उसे 6 माह तक के कारावास या/एवं 2000/-रूपये के जुर्माने से दण्डित किया जा सकता है। यह अपराध संज्ञेय है।

धारा-127 (क) के तहत कोई भी व्यक्ति कियी निर्वाचन पुस्तिका, पोस्टर, को मुख पृष्ठ पर मुद्रक व प्रकाशक के नाम के बिना प्रकाशित नहीं करेगा और न ही करवायेगा। इस धारा का अपराध 6 माह तक के कारावास तथा 2000/- रूपये या दोनो के जुर्माने से दण्डनीय है। धारा-128 के तहत चुनाव कार्य में लगे शासकीय कर्मचारी मतदान एवं मतदान संबंधी प्रक्रिया को गोपनीय बनाये रखेंगे। इस धारा के तहत अपराध में तीन माह की सजा या जुर्माने से दण्डित होगा। यह अपराध असंज्ञेय है। धारा-129 के तहत कोई भी पुलिस अधिकारी किसी भी चुनाव में किसी को वोट देने या न देने के लिये प्रेरित नहीं करेगा और न मतदान करने के बारे में किसी भी प्रकार से किसी व्यक्ति पर कोई असर डालने की कोशिश करेगा। यह अपराध संज्ञेय है।

इसी तरह धारा-130 के तहत उस तारीख या उन तारीखों में जब कि किसी मतदान केन्द्र में तनाव होने वाला है उस मतदान केन्द्र से 100 मीटर के फासले के अन्दर किसी आम या निजी जगह में जिन बातों की मनाही है, उनमें वोट के लिये प्रचार, वोट के लिये याचना, किसी खास उम्मीदवार को वोट न देने के लिये किसी देने वाले को प्रेरित करना, चुनाव में वोट न देने के लिये किसी वोट देने वाले को प्रेरित करना शामिल है। इन अपराधों के लिए 250/- रूपये तक के जुर्माने से दण्डनीय है। यह अपराध संज्ञेय है। धारा-131 के तहत मतदान के समय किसी मतदान केन्द्र के अन्दर या उसके भीतर जाने के लिये बने दरवाजे या उसके करीब किसी आम या निजी जगह में लाउड स्पीकर बगैरह का इस्तेमाल करने या शोर करने पर तीन माह के कारावास एवं/या जुर्माने से दण्डनीय है। यह अपराध असंज्ञेय है। किसी पुलिस अधिकारी को यह अधिकार है कि वह मतदान के समय मतदान केन्द्र में या उसके करीब इस धारा के उल्लंघन को रोकने के लिये जरूरी कदम उठा सकता है और जरूरी बल प्रयोग कर सकता है और इस प्रकार की खिलाफ मर्जी के लिये इस्तेमाल में लाये जाने वाले लाउड स्पीकर या दीगर यंत्र को जप्त कर सकता है।

धारा-132 के तहत मतदान केन्द्र में ड्यूटी के लिये तैनात कोई भी पुलिस अधिकारी किसी व्यक्ति को जो उस मतदान केन्द्र पर मतदान के लिये निर्धारित किये गये समय के बीच में दुर्व्यवहार करता है या चुनाव केन्द्र के अध्यक्ष द्वारा कायदे के मुताबिक दिये गये आदेशो को नहीं मानता है वहॉ से हटा सकता है। मतदान केन्द्र के उपर बताये गये मुताबिक हटा दिये जाने के बाद पीठासीन अधिकारी की ईजाजत के बिना उस मतदान केन्द्र के अन्दर फिर से आना संज्ञेय अपराध है। धारा-133 के तहत चुनाव हेतु किराये पर अथवा अन्य तरीके से किसी प्रत्याशी अथवा उसके एजेन्ट अथवा अन्य व्यक्ति द्वारा प्रत्याशी की सहमती से मतदाताओं को चुनाव केन्द्र तक लाने अथवा उसे निकट स्थान तक लाने/ले जाने के लिये किसी प्रकार के परिवहन की व्यवस्था करना चुनाव में भ्रष्ट आचरण के तहत आता है। इस अपराध के लिए तीन माह के कारावास एवं जुर्माने से दण्डनीय है। यह अपराध असंज्ञेय है। धारा-134 (ख) के तहत चुनाव डयूटी पर तैनात कर्मचारियों के अलावा अन्य कोई भी व्यक्ति मतदान के दिन मतदान केन्द्र के पास घातक हथियारो से जो आर्म्स एक्ट से परिभाषित है, के साथ भ्रमण नहीं करेगा। इस धारा का अपराध करने पर दो वर्ष का कारावास या/एवं जुर्माने का प्रावधान है। यह अपराध संज्ञेय है। धारा-135 के तहत जो कोई बूथ कैप्चरिंग का अपराध करता है वह न्यूनतम एक वर्ष से तीन वर्ष तक के कारावास एवं जुर्माने से दण्डित होगा तथा किसी शासकीय कर्मचारी द्वारा यह अपराध करने पर न्यूनतम तीन से पांच वर्ष की संजा एवं जुर्माने से दण्डित होगा। धारा-135 (ग) के तहत मतदान समाप्त होने के नियत सीमा के 48 घण्टे पूर्व की अवधि में उस मतदान क्षेत्र के भीतर शराब या मादक पदार्थो का विक्रय या वितरण किया जाना मना है। इस अपराध के लिए 6 माह तक का कारावास तथा/या 2 हजार रू. तक का जुर्माना किया जा सकता है। धारा-136 के तहत किसी नामांकन पत्र को छलपूर्वक नष्ट अथवा खराब करना, निर्वाचन अधिकारी द्वारा लगाये गये नोटिस अथवा अन्य किसी दस्तावेज को नष्ट करने या खराब करने तथा किसी इव्हीएम मशीन को कब्जे में लेने, जैसे अपराध वहां ड्यूटी पर तैनात कर्मचारी द्वारा करने पर दो वर्ष, तथा किसी अन्य व्यक्ति द्वारा ये अपराध करने पर उसे 6 माह तक का कारावास एवं/या जुर्माने से दण्डित किया जा सकता है। यह अपराध संज्ञेय है।

भारतीय दण्ड संहिता की धारा-171 के तहत किसी व्यक्ति द्वारा किसी अन्य व्यक्ति को अपने पक्ष में अथवा अन्य किसी के पक्ष में मतदान करने के लिये किसी प्रकार से ईनाम/पारितोषिक अथवा अन्य कोई लालच देकर प्रेरित या आश्वासन दिया जाना इस धारा के तहत अपराध होगा। परन्तु किसी लोक नीति की घोषणा इसके अन्तर्गत नहीं आती। इसी तरह धारा-171-ग के तहत जो कोई किसी व्यक्ति को किसी के पक्ष में मतदान करने या न करने के लिये किसी प्रकार की क्षति की धमकी देता है वह इस अपराध का अपराधी होगा। इसके लिए 1 वर्ष तक का कारावास तथा जुर्माने की सजा हो सकती है। यह अपराध असंज्ञेय है। धारा-171-घ के तहत कोई भी किसी अन्य व्यक्ति के नाम मतदान करनो हेतु प्रेरित करता है या दुष्प्रेरित करता है तो वह इस अपराध का अपराधी होगा। उपरोक्त तीनो अपराध में अपराधी एक साल तक के कारावास या जुर्माने से दण्डित किया जा सकता है। धारा 171-छ के तहत कोई व्यक्ति किसी चुनाव को प्रभावित करने के लिये किसी प्रत्याशी के व्यक्ति सील या आचरण के संबंध में जान बूझकर कोई असत्य कथन करता है तो वह इस धारा के तहत अपराधी होगा। यह अपराध जुर्माने से दण्डनीय है। धारा-171 ज के तहत जो कोई व्यक्ति प्रत्याशी की अनुमति के बिना प्रत्याशी के पक्ष में किसी प्रकार का विज्ञापन प्रकाशित करता है या अन्य कोई व्यय करता है/करवाता है तो वह इस धारा के तहत 500/- रूपये तक के जुर्माने से दण्डित किया जा सकता है। इसके अलावा धारा-171 झ के तहत विधि अथवा नियम के तहत जो व्यक्ति जिस निर्वाचन के संबंध में व्यय का लेखा जोखा रखा जाना है, ऐसा करने में असफल रहता है वह 500/- रूपये तक के जुर्माने से दण्डित किया जा सकता है। उपरोक्त धाराओ में अभियुक्त को जुर्माने से दण्डित जा सकता। धारा 171 की समस्त धाराऐ ख से लेकर झ तक असंज्ञेय एवं जमानती है।

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