प्रजातंत्र की संजीवनी है मतदाता – प्रो.अजहर हाशमी
राष्ट्रीय मतदाता दिवस पर कार्यक्रम संपन्न
रतलाम 25 जनवरी (इ खबरटुडे)। प्रो.अजहर हाशमी ने कहा कि मतदाता प्रजातंत्र की संजीवनी होता है। वह प्रजातंत्र को शक्ति और तेज प्रदान करता है। मतदाता ऐसी पतवार होता है जिसके बिना प्रजातंत्र की नाव का चल पाना दुष्कर होता है। प्रो.हाशमी आज यहां रोटरी हॉल में राष्ट्रीय मतदाता दिवस के अवसर पर आयोजित समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में उद्बोधन दे रहे थे।
उन्होंने कहा कि किसी भी लोकतंत्र की गरिमा मतदाता की जागरूकता पर निर्भर करती है। अतएव यह जरूरी है कि मतदाता मतदान के प्रति जागरूक हो।वस्तुत: जागरूक मतदाता ही प्रजातंत्र की इमारत की नींव का पत्थर होता है। मुख्यमंत्री से लेकर प्रधानमंत्री तक की भाग्य रेखा उकेरने की शक्ति मतदाताओं के हाथ में होती है। वह अपने हाथों से ही प्रजातंत्र की तकदीर और तस्वीर रचता है।प्रो.हाशमी ने राष्ट्रीय मतदाता दिवस के ऐतिहासिक सदंर्भों पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि नवयुवा मतदाताओं को जरूरी तौर पर मतदान प्रक्रिया में भागीदारी करनी चाहिए। उन्हें पूरी चेतना, सजगता और बुद्धिमता के साथ अपने मताधिकार का प्रयोग करना चाहिए। उन्होंने कहा कि सतत् जागरूकता ही प्रजातंत्र का पुरस्कार है। जो लोग अपने मताधिकार के प्रयोग के प्रति उदासीन हैं उन्हें व्यवस्था के बारे में शिकायत करने का कोई नैतिक अधिकार नहीं होता।उन्होंने कहा कि मतदाताओं का वोट ऐसी युक्ति है जो प्रजातंत्र को शक्ति देती है।
कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे कलेक्टर राजीव दुबे ने कहा कि राष्ट्रीय मतदाता दिवस पर आयोजित कार्यक्रम सभी को अपने मताधिकार का इस्तेमाल करने का संदेश देता है। लोकतंत्र की सफलता आम मतदाता की जागरूकता पर ही निर्भर करती है।उन्होंने इस विसंगति को रेखांकित किया कि विभिन्न स्तरों के चुनावों में मतदाताओं की जागरूकता का स्तर भिन्न-भिन्न होता है। कलेक्टर ने अपील की कि सभी स्तरों पर होने वाले चुनावों में मतदाता आवश्यक रूप से मतदान के अपने अधिकार का प्रयोग करें। सभी की सहभागिता ही जनतंत्र को सच्चे अर्थों में आम जनता का तंत्र बनाती है। श्री दुबे ने आशा व्यक्त की कि हाल ही में संपन्न हुए विधानसभा निर्वाचन की भांति मतदाता आगामी लोकसभा निर्वाचन में भी बड़े पैमाने पर वोट देने के अपने अधिकार का प्रयोग करेंगे।
इस अवसर पर अपर कलेक्टर निर्मल उपाध्याय ने कहा कि आज का आयोजन लोगों को अपने जनतंत्र के प्रति दायित्व-बोध कराने की दृष्टि से बेहद महत्वपूर्ण है। मतदाता दिवस के परिप्रेक्ष्य में हमें मतदान करने के अपने दायित्व को पूरी शिद्दत से अंगीकार करना चाहिए। श्री उपाध्याय ने कहा कि अधिकार और कर्तव्य का पारस्परिक संबंध अविच्छिन्न है। जहां नागरिक इस सत्य को स्वीकारते हैं वहीं जनतांत्रिक पद्धतियां श्रेष्ठ सिद्ध होती हैंै।अपर कलेक्टर ने कहा कि एक सफल गणतंत्र के रूप में भारत ने समूचे विश्व में अपनी एक अलग पहचान बनाई है।नतीजतन सारी लोकतांत्रिक व्याख्याएं भारत के परिप्रेक्ष्य में परिभाषित होती हैंै। उन्होंने आम नागरिक में जनतंत्र के प्रति दायित्व-बोध का महत्व भी प्रतिपादित किया। अपर कलेक्टर ने पहली बार वोट डालने वाले नई पीढ़ी के मतदाताओं का आव्हान किया कि वे आने वाले निर्वाचनों में जरूरी तौर पर अपने इस अधिकार का प्रयोग करें। यदि मतदाता को जागरूक बनाने के लिए संचालित अभियान अपेक्षित कामयाबी हासिल करता है तो भारतीय लोकतंत्र विश्व के अन्य राष्ट्रों के लिए भी अनुकरणीय बनेगा।
कार्यक्रम के आरंभ में मुख्य अतिथि प्रो.अजहर हाशमी ने मां सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण कर दीप प्रज्जवलित किया। मुख्य अतिथि व अन्य अतिथियों का पुष्पहारों से स्वागत किया गया। डिप्टी कलेक्टर के.सी.जैन ने स्वागत उद्बोधन देते हुए राष्ट्रीय मतदाता दिवस समारोह के आयोजन की पृष्ठभूमि पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि 25 जनवरी 1949 को भारत निर्वाचन आयोग की स्थापना की गई थी। इसी परिप्रेक्ष्य में राष्ट्रीय मतदाता दिवस समारोह मनाया जाता है।इस अवसर पर मुख्य अतिथि प्रो.हाशमी के नेतृत्व में उपस्थित सभी व्यक्तियों ने भारत राष्ट्र की लोकतांत्रिक परम्परा और प्रतिष्ठा को बनाए रखने तथा धर्म,जाति,प्रजाति,समुदाय,भाषा या किसी प्रकार के प्रलोभन से प्रभावित हुए बिना हर चुनाव को निर्भय होकर स्वतंत्र, निष्पक्ष और शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न कराने की शपथ ली। समारोह में मुख्य चुनाव आयुक्त के संदेश का वाचन भी किया गया।
कार्यक्रम में राष्ट्रीय मतदाता दिवस के उपलक्ष्य में आयोजित की गई विभिन्न प्रतियोगिताओं के विजेताओं को पुरस्कार भी वितरित किए गए। निबंध प्रतियोगिता में अक्षय दिनेश उपाध्याय शा.उ.मा. वि.क्रमांक-एक रतलाम, मयूर रमेशचन्द्र लक्षकार शा.उ.मा.वि.बड़ावदा एवं कु.शिवना लूनचंद मईड़ा शा.उत्कृष्ट उ.मा.वि.रतलाम को क्रमश:प्रथम,द्वितीय एवं तृतीय पुरस्कार दिए गए। इसी प्रकार चित्रकला प्रतियोगिता में समता शिक्षा निकेतन उ.मा.वि.रतलाम की कु.वंशिका मुरार को पहला,इसी विद्यालय की कु.चारू सुराना को दूसरा तथा शा.उत्कृष्ट उ.मा.वि.रतलाम के श्री नीरज पांचाल को तीसरा पुरस्कार दिया गया। आदिम जाति कल्याण विभाग व्दारा आयोजित निबंध एवं चित्रकला प्रतियोगिता में शा. मॉडल उ.मा.वि.बाजना की छात्रा कु.आयुषी कुमावत को पहला पुरस्कार प्राप्त हुआ। इसी प्रकार महाविद्यालय स्तर पर भी जिला स्तरीय प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया। वाद-विवाद प्रतियोगिता पक्ष में शा.कन्या महाविद्यालय की कु.देविका व्यास,भगतसिंह शासकीय महाविद्यालय जावरा के वैभव चौपड़ा और शा.कला एवं विज्ञान महाविद्यालय की कु.प्रियंका शर्मा प्रथम,द्वितीय एवं तृतीय पुरस्कार दिए गए। विपक्ष में भगतसिंह शासकीय महाविद्यालय जावरा के रूचित कोलन शा.कला एवं विज्ञान महाविद्यालय के पिन्टू खान तथा कैलाशनाथ काटजू विधि महाविद्यालय के कमलेश राठौड़ को प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय पुरस्कार मिले। स्लोगन प्रतियोगिता में शा.कन्या महाविद्यालय की कु.अनुशा द्विवेदी व कु.सोनू गुर्जर को पहला व दूसरा पुरस्कार मिला जबकि रॉयल महाविद्यालय रतलाम के भरत कुमार तिवारी को तीसरा पुरस्कार प्राप्त हुआ।निबंध प्रतियोगिता में भगतसिंह शा.महाविद्यालय जावरा की कु.सारिका सोनी,शा.कला एवं विज्ञान महाविद्यालय रतलाम की कु.प्रियंका शर्मा तथा शा.कन्या महाविद्यालय रतलाम की कु.देविका व्यास को क्रमश: प्रथम,द्वितीय एवं तृतीय पुरस्कार प्रदान किए गए।सभी प्रतियोगिताओं में प्रथम स्थान पाने वाले प्रतियोगियों को एक हजार रूपए,द्वितीय स्थान पाने वालों को 500रूपए तथा तृतीय स्थान पाने वालों को 250 रूपए और प्रशस्ति पत्र प्रदान किए गए।
इस मौके पर मुख्य अतिथि प्रो.हाशमी एवं कलेक्टर राजीव दुबे ने नए मतदाताओं को उनके इपिक भी वितरित किए। समारोह में एसडीएम रतलाम सुनील कुमार झा,तहसीलदार वीरेन्द्र कटारे, निर्वाचन पर्यवेक्षक एस.एस.चौहान व राधेश्याम भी उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन आशीष दशोत्तर ने किया। संयुक्त कलेक्टर आर.के.नागराज ने अतिथियों का आभार माना।