पुरूष भी जिम्मेदारी निभायें, प्लान बनाये – सीएमएचओ
रतलाम 24 नवम्बर (इ खबरटुडे)। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी जिला रतलाम ने बताया कि परिवार कल्याण के साधन अपनाने में महिलाओं के साथ-साथ पुरूषों को भी अपनी जिम्मेदारी समझ कर आगे आना चाहिए। महिला परिवार कल्याण आॅपरेषन की अपेक्षा पुरूष कल्याण आॅपरेषन में आसानी, समय की बचत, खतरा कम होता हैं। पुरूषों को परिवार का मुखिया होने के नाते अपनी जिम्मेदारी समझ कर परिवार का नियोजन करना चाहिए।
उल्लेखनीय हैं कि दिनांक 15 नवम्बर से 15 दिसम्बर के मध्य पुरूष नसबंदी माह के रूप में मनाया जा रहा है। माह के दौरान विभाग के मैदानी कर्मचारी 15 नवम्बर से 30 नवम्बर के बीच दम्पत्ति सम्पर्क पखवाड़े के दौरान परिवार कल्याण के हितग्राहियों से घर-घर सम्पर्क करेेगे।
दम्पत्तियों से विशेष कर पुरूष नसबंदी अपनाने के साथ ही परिवार कल्याण के अन्य साधन जैसे महिला नसबंदी, कापर-टी, ओरल पिल्स, पीपीआईयुसीडी के लिये भी प्रेरित करेगे। दिनांक 1 दिसम्बर से 15 दिसम्बर के बीच दम्पत्तियों के आॅपरेषन का कार्य षिविरों के दौरान किया जायेगा। उल्लेखनीय हैं कि सरकार द्वारा पुरूष नसबंदी अपनाने वाले हितग्र्राहियों को दो हजार रूपये की राषि एवं प्रेरक को तीन सौ रूपये, महिला नसबंदी अपनाने वाले हितग्राही को चैदह सौ रूपये की राषि एवं प्रेरक को दो सौ रूपये, प्रसव पश्चात सात दिवस के भीतर नसबंदी अपनाने वाले हितग्राही को बाईस सौ रूपये की राषि एवं प्रेरक को दो सौ रूपये प्रदान किये जाते है। परिवार कल्याण के अन्य साधनों में प्रसव पश्चात पीपीआईयुसीडी अपनाने वाले हितग्राहियों की संख्या में बढोत्तरी हुई है। पीपीआईयुसीडी के अपनाने से दम्पत्ति बच्चों में जन्म के अंतर को आसानी से बना सकते है।
जिला चिकित्सालय रतलाम में प्रतिदिन परिवार कल्याण आॅपरेषन कराने की सुविधा उपलब्ध है। दो बच्चों वाले दम्पत्ति स्थायी साधन अपना कर ग्रीन कार्ड बनवाकर शासकीय योजनाओं में प्राथमिकता के आधार पर लाभ प्राप्त करते है। इन दिनों सरकार द्वारा परिवार कल्याण षिविरों की गुणवत्ता पर विषेष ध्यान दिया जा रहा है। परिवार कल्याण षिविरों के दौरान सभी चिकित्सकों एवं पैरामेडिकल स्टाफ को गुणवत्ता के सभी मानकों का पालन करने हेतु निर्देषित किया गया है। परिवार कल्याण के साधन अपनाने से मात्र मृत्यु दर तथा शिषु मृत्यु दर में तेजी से गिरावट लायी जा सकती है।