पर्यावरण संरक्षण के लिये पौधे लगाने थे 14 हजार, लगाए मात्र 750
नगर निगम के उद्यान विभाग द्वारा की गई धांधली की मुख्य सचिव को शिकायत
उज्जैन,14 जुलाई (इ खबरटुडे)।एक तरफ सरकार पर्यावरण संरक्षण के नाम पर पौधे लगाने के लिए प्रोत्साहित कर रही है, सामाजिक संस्थाएं पौधारोपण कर शहर में हरियाली लाने के प्रयास कर रही है वहीं दूसरी ओर पौधारोपण के नाम पर भ्रष्टाचार का एक ऐसा मामला सामने आया है जिसमें नगर निगम उद्यान विभाग के अधिकारियों ने सांठगांठ कर शासन को करोड़ों रूपयों का चुना लगा दया। महामृत्युंजय द्वार से हरिफाटक ब्रिज तक रोड़ डिवाइडरों में 79 प्रकार के 14 हजार पौधे लगाये जाने थे जबकि यहां मात्र 750 पौधे ही लगाए गए।
पूर्व नेता प्रतिपक्ष रवि राय के अनुसार सिंहस्थ महापर्व के नाम पर महामृत्युंजय द्वार से हरिफाटक ब्रिज तक एक किलोमीटर क्षेत्र में डिवाइडरों के बीच (हार्टीकल्चर) वृक्षारोपण करना था। इसके लिए 79 प्रकार के पौधे लगाने एवं अन्य कार्य हेतु 2 करोड़ का टेंडर जारी किया गया था। टेण्डर शर्तों अनुबंध पत्र एवं वर्क आॅर्डर अनुसार तीन माह की समय सीमा में 75 प्रजाति के पौधे, वृक्ष एवं हेज लगानी थी। वृक्षों की उंचाई 3 मीटर 4.50 मीटर तक एवं पौधों की उंचाई आधा मीटर से अधिक रखनी थी। परंतु आज तक न तो स्थल पर 75 प्रजाति के पौधे लगे हैं और ना ही वर्क आॅर्डर के 10 माह पश्चात भी 4.50 मीटर के पौधे स्थल पर नहीं लगाये गये जबकि उक्त कार्य की लागत राशि वर्क आॅर्डर अनुसार 1 करोड़ 13 लाख 70 हजार है। इस राशि में से अधिकतम राशि का भुगतान निगम उद्यान अधिकारी चंद्रकांत शुक्ला, योगेन्द्र पटेल, अपर आयुक्त विशालसिंह चैहान, ठेकेदार मेसर्स अर्जन कंस्ट्रक्शन के रोहित पुरूषवानी को करवा दिया गया है। उक्त स्थल पर मात्र 750 पौधे ही लगे हैं जबकि टेण्डर शर्तों में 13 हजार 700 पौधे जो कि 75 प्रजाति के लगाये जाना थे और हेज के 24 हजार 800 पौधे लगाये जाना थे। परंतु स्थल पर उक्त संख्या पर पौधे नहीं लगाये गये।
यह मार्ग इंदौर से हरिफाटक ब्रिज तक टोल कंपनी के आधिपत्य में है और उसी के द्वारा रोड़ निर्माण, डिवाइडर निर्माण, चैराहों का विकास किया गया परंतु निगम के अधिकारियों द्वारा योजना वध्द तरीके से सड़क विकास निगम से एनओसी लेकर डिवाइडरों में वृक्षारोपण के नाम पर मिलीभगत कर शासन को लगभग 1 करोड़ की हानि पहुंचाई है। क्योंकि उक्त डिवाईडरों में पौधारोपण, संधारण का कार्य टोल एजेंसी की 10 वर्षों में है फिर निगम के अधिकारियों ने क्यों उक्त कार्य की स्वीकृति, टेण्डर, भुगतान किया। रवि राय के अनुसार इस संबंध में मध्यप्रदेश शासन के मुख्य सचिव को मय दस्तावेज शिकायत की गई है तथा पौधे लगाने के नाम पर शासन को चूना लगाने वालों के खिलाफ जांच कर कार्रवाई की मांग की है।