नरेंद्र मोदी के आगे महागठबंधन और राहुल-प्रियंका की जोड़ी फेल
नई दिल्ली,23 मई (इ खबरटुडे)। लोकसभा चुनाव 2019 के लिए वोटों की गिनती जारी है. सबकी नज़र उत्तर प्रदेश पर थी. हर किसी के मन में यही सवाल था कि क्या प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का नेतृत्व उत्तर प्रदेश लोकसभा चुनावों में मायावती और अखिलेश यादव की जोड़ी को हरा पाएंगे? अभी लोकसभा चुनाव के नतीजे घोषित नहीं हुए हैं, लेकिन शुरुआती रुझानों में बीजेपी बेहतरीन प्रदर्शन करती नज़र आ रही है.एग्जिट पोल में दिखाए गए आंकड़ें भी कुछ ऐसा ही दावा कर रहे थे. खासकर पूर्वांचल में, जहां पर मोदी लहर सबसे मज़बूत दिख रही है. और इसी क्षेत्र में कांग्रेस ने प्रियंका गांधी को प्रभारी बनाया था.
दरअसल, कैराना, गोरखपुर और फूलपुर के लोकसभा उपचुनाव के नतीजों से ही तय हो गया था कि में महागठबंधन ही बीजेपी को चुनौती दे सकता है. इसी मद्देनजर समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी साथ आए. पुरानी दुश्मनी को दरकिनार कर मायावती और अखिलेश यादव ने हाथ मिलाने का फैसला किया. लेकिमें हो रही वोटों की गिनती कुछ और कहानी बयां कर रही है. नरेंद्र मोदी एक बार फिर उत्तर प्रदेश की पहली पसंद बनते दिख रहे हैं. अब सवाल उठता है कि ऐसा कैसे हो गया? क्या उत्तर प्रदेश की जनता ने जातीय समीकरण से ऊपर उठकर वोट डाला है. शुरुआती रुझान तो यही कहते हैं. वैसे, ये रुझान हैं. इन पर आखिरी मत ना बनाएं.
अभी सारे आंकड़ें सामने तो नहीं आएं हैं, लेकिन कांग्रेस का ब्रह्मास्त्र माने जाने वाली प्रियंका गांधी का भी कुछ खास प्रभव नहीं दिख रहा है. शुरुआती रुझान में राहुल गांधी अपने पारिवरिक सीट अमेठी से पीछे चल रहे हैं. एक बार तो रायबरेली से सोनिया गांधी भी पीछे चली गईं. यानी कांग्रेस के खुश होने की कोई वज़ह नहीं दिखती है.