November 17, 2024

नदी नहीं जननी है रक्षा हमको करनी है, उदघोष के साथ यात्रा बड़वाह पहुँची

यात्रा को मार्ग में सिख, जैन और मुस्लिम समाज का मिला समर्थन

भोपाल,07 मार्च(इ खबरटुडे)। ‘नमामि देवि नर्मदे’- सेवा यात्रा 86 वें दिन खरगोन जिले के बड़वाह विकासखंड के ग्राम रामगढ़ से रवाना हुई। यात्रा में शामिल ग्रामीणजन नर्मदा नदी संरक्षण के नारे ‘नदी नहीं जननी है रक्षा हमको करनी है’ नदी नहीं यह माता है हम सबकी भाग्य विधाता है’’ ’’पेड़ पत्थर और पुराण नर्मदा मैया की पहचान’’ का उदघोष कर रहे थे। खरगोन जिले में यात्रा चौथे दिन रामगढ़ से रवाना हुई। यात्रा कटघरा और मेहताखेड़ी होती हुई बड़वाह नगर पहुँची। रामगढ़ से कटघरा तक के पूरे मार्ग में ऐसा महसूस नहीं हुआ कि एक गाँव से दूसरे गाँव पहुँचे हों। पूरे मार्ग रास्ते में नर्मदा सेवा यात्रियों के स्वागत की अनोखी परम्परा देखने को मिली।

सिख समाज ने थामा कलश और जैन समाज ने ध्वज
बड़वाह पहुँचने पर समाज के सभी वर्ग विशेष रूप से अल्पसंख्यक वर्ग के प्रतिनिधियों ने बढ़-चढ़कर नर्मदा सेवा यात्रा का स्वागत किया। बड़वाह नगर में प्रवेश पर यहाँ के निवासियों में गजब का उल्लास देखा गया। सिख समाज के प्रतिनिधि ने कलश थामा तो जैन समाज के नागरिकों ने ध्वज लेकर नगर में प्रवेश किया। इतना ही नही मुस्लिम समाज ने फूलों की वर्षा की। वहीं सिक्ख समाज के प्रतिनिधि हरमीत सिंह ने बताया कि उनका परिवार पिछले 75 वर्ष से बड़वाह में निवास कर रहा है। हरमीत का कहना है कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अभिनव पहल से नर्मदा संरक्षण के अभियान में अधिक से अधिक लोग संकल्प के साथ जुड़ रहे हैं। नर्मदा सेवा यात्रा जन-आंदोलन का रूप ले चुकी है। प्रतिनिधियों का मानना है कि नर्मदा नदी सभी धर्मों के लोगों को जीवन देती है। नदी को धर्म विशेष की आस्था से जोड़कर देखना बेईमानी होगी। समाज के सभी वर्गों के दृढ़ संकल्प से ही नर्मदा नदी का सही मायने में संरक्षण हो सकेगा।

बड़वाह में प्रवेश करते ही नगर पालिका अध्यक्ष सुश्री प्रीति राय ने यात्रा की आगवानी की। यात्रा में महिलाएँ और बालिकाएँ कलश लेकर चल रही थीं। नगर के मुख्य मार्ग में नागरिकों ने पुष्प वर्षा से यात्रा में चल रहे जन-समूह का अभिनदंन किया यात्रा में विधायक हितेन्द्र सिंह सोलंकी, सांसद सुभाष पटेल, अनुसूचित जाति आयोग के अध्यक्ष भूपेन्द्र आर्य और विधायक राजकुमार मेव नर्मदा ध्वज लेकर चले।

नर्मदा का पर्यावरणीय महत्व
नर्मदा नदी प्रदेश के 16 जिलों में 1079 किलो मीटर बहती है। नदी प्रदेश के करीब 4 करोड़ वासियों की प्यास बुझाती है। खरगोन जिला नर्मदांचल के रूप में जाना जाता है। जिले में नर्मदा सेवा यात्रा के दौरान नागरिकों को जगह-जगह नदी के संरक्षण और स्वच्छ रखने का संकल्प दिलाया गया। ग्रामीणों के साथ हुए जन-सवांद में नर्मदा नदी के किनारों पर फलदार वृक्ष लगाने की बात कहीं गई। ग्रामीणों को बताया गया कि निजी भूमि पर वृक्ष लगाने पर किसानों को 20 हजार रूपये का सहयोग प्रति हेक्टर 3 साल तक दिया जाऐगा। नर्मदा से लगे गाँव में नर्मदा सेवा समिति का गठन किया गया। समिति के सदस्य निरंतर रूप से नर्मदा के घाटों की सफाई में सहयोग करेंगे। सेवा समिति में महिलाओं की भी भागीदारी सुनिश्चित की गई है। खरगोन जिले के 66 गाँव नर्मदा नदी के किनारे बसे हुए हैं।

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