नकली चेक से लाखो की ठगी करने वाले गिरोह के चार सदस्य पुलिस की गिरफ़्त मे,माल बरामद
रतलाम,17 अप्रैल ( (इ खबरटुडे)। इलेक्ट्रानिक दुकानों पर जाकर फर्जी नाम और चेक से एसी और एलईडी लेकर ठगी की वारदात करने वाले गिरोह का पुलिस ने पर्दाफाश कर दिया है। पुलिस ने मुख्य आरोपी सहित चार लोगों को गिरफ्तार कर उनसे करीब पांच लाख रुपए मूल्य के एसी और एलईडी बरामद किए है, जो आरोपी रतलाम के व्यापारियों को चुना लगाकर ले गए थे। पुलिस के अनुसार आरोपियों ने रतलाम और जावरा की कुल चार दुकानों पर ठगी की वारदातों को कबुला है।
सोमवार को पुलिय नियंत्रण कक्ष पर एसपी अमितसिंह ने मामले की जानकारी दी। एसपी सिंह ने बताया कि स्टेशन रोड थाना अंतर्गत दोबत्ती स्थित कोठारी मार्केट में संचालित इलैक्ट्रानिक दुकान कूल सेंटर से फर्जी चैक थमाकर लाखों रुपए की कीमत के एसी और एलईडी टीवी ले जाकर धोखाधड़ी करने की शिकायत सामने आई थी। पुलिस ने इस मामले में दुकान संचालक खुसरों खान की शिकायत के आधार पर धोखाधड़ी का प्रकरण दर्ज किया था।
मंहगे मोबाइल और गाड़ी से आए प्रभाव में
दुकान संचालक खान ने बताया कि 8 मार्च को उसकी दुकान पर तीन युवक आए , जो चारपहिया वाहन से आए थे। आरोपियों के पास मंहगे मोबाइल और हाथों में सोनेकी अंगुंठिया पहन रखी थी। मुख्य आरोपी ने अपना नाम संदिप बताया और कहा कि नयागांव क्षेत्र में उन्होंने नई दुकान खोली है। तीनों ने वोल्टाज कंपनी के 4 एसी और एक विडियोकॉन की एलईडी खरीदने की बात कही। उन्होंने बताया कि इतनी राशि नगद नहीं होने से एक्सिस बैंक के खाते से चैक देंगे। तीनों ने अपना पता जावरा तथा जावरा के पास गांव में होने की बात बताई। इसके बाद 10 मार्च को तीनों दोबारा दुकान आए और एक्सिस बैंक का चैक क्रमांक 330722 में 1 लाख 12 हजार रुपए की राशि भरकर सौंपा। दूसरे चैक में 1 लाख 11 हजार रुपए की राशि भरकर दिया। इसके बाद दुकान से वोल्टाज के 4 एसी और विडियोकॉन की 40 इंची एक एलईडी लेकर चले गए तथा दो इलईडी दो दिन बाद लेने की बात कही। उनके द्वारा दुकान संचालक से पूछा गया कि एसी फिट करने के लिए कर्मचारी कब भेंजेगे। इसपर संचालक ने शाम को एसी फिट करने के लिए बताए गए स्थान पर कर्मचारी भेजा लेकिन बताए गए स्थान पर कोई नहीं मिला। इसपर चेक के साथ दिए गए फोन नंबर पर संचालक नेकई बार फोन लगाया। पहले तो व्यक्ति टाल मटोल करते रहे, लेकिन बाद में फोन बंद कर लिया। इसके बाद आकर चैक बैंक में लगाया तो 16 मार्च को बैंक द्वारा जानकारी दी गई कि यह बैंक खाता 2016 में ही बंद कर दिया गया था। संचालक ने बताया कि इसके बाद से ही वह स्वयं तीनों व्यक्तियों की तलाश करते रहे, लेकिन उन्हें आरोपियों में से कोई भी नहीं मिला, जिसके बाद उन्होने पुलिस में रिपोर्ट दर्ज कराई। खुसरो खान ने बताया कि जो आरोपी मुख्य रुप से बात करने आया था, आरोपी के रहन सहन और उन्होने अकंल-अकंल कर जिस तरीके से बात की उससे कोई भी उसकी बातों में आ जाता।
तीन अन्य दुकानदारों को भी ठगा
एसपी अमितसिंह ने बताया कि मुख्य आरोपी ने अपना नाम संदिप बताया था और जो चेक उसने दिए थे वह जिस व्यक्ति के नाम का है वह उत्तर प्रदेश का रहने वाला है। एसपी ने मामले के पर्दाफाश के लिए टीम का गठन किया। साइबर सेल की मदद से मोबाइल नम्बर की जानकारी प्राप्त करने पर चार संदिग्ध व्यक्ति ट्रेस हुए। पुलिस ने इस मामले में आशुतोष उर्फ आशु पिता जितेन्द्रसिंह राठौर 25 वर्ष निवासी रतलामी गेट जावरा, धर्मेन्द्र पिता कैलाश 23 वर्ष निवासी हरियाखेड़ा थाना ओद्योगीक क्षैत्र जावरा, अर्जुन बैरागी पिता भेरुदास 20 वर्ष निवासी जावरा और सलमान पिता कल्लन खान 21 वर्ष निवासी हाटपिपल्या थाना बड़वदा को गिरफ्तार किया। पुछताछ में आरोपियों ने अनूकूल इलैक्ट्रानिक्स रतलाम से 4 एलईडी, क्राउन विजन रतलाम से 2 एलईडी और देवराज इलेक्ट्रानिक्स जावरा से 2 एलईडी स्वंय को संदीप बताकर फर्जी चेक देकर ठगना भी कबुल किया। पुलिस ने आरोपियों की निशानदेही पर करीब पांच लाख रुपए का माल बरामद कर लिया है।
कर्ज ने बनाया ठग
एसपी अमितसिंह ने बताया कि मुख्य आरोपी आशुतोष है। पुछताछ में उसने बताया कि वह पूर्व में शेयर मार्केट का काम करता था। इसमें उसे काफी कर्जा हो गया था और वह कर्जा उतारने के लिए ही वह ठगी की वारदात करने लगा। उसने कुछ सामान उन लोगों को दे दिया था,जिन्हे उसे पैसा देना था। आरोपी ने पुछचाछ मेें बताया कि उत्तर प्रदेश के जिस व्यक्ति के चेक उसने दिए है, उसका नां संदिप था। वह जावरा में नौकरी करता था और उससे उसका लेनदेन था। लेनदेन के हिबास में उक्त व्यक्ति ने आशुतोष को चेक दिए थे। कुछ चेक तो उसने बैंक में लगा दिए थे और जो चेक बच गए थे, वही चेक उसने देकर ठगी की वारदात की।
पांच हजार का इनाम
एसपी अमितसिंह ने बताया कि मामले के पर्दाफाश के लिए एएसपी गोपाल खांडेल एवं सीएसपी विवेकसिंह चौहान के निर्देशन में थाना प्रभारी अजय सारवान के नेतृत्व में टीम का गठन किया था। टीम में एएसआई ईशाक मो. खान, आरक्षक युसूफ मंसुरी,संदीप सिंह चौहान ,मुकेश सिंह चौहान, लक्ष्मीनारायण रितेश की भूमिका रही। टीम को एसपी ने पांच हजार का पुरस्कार देने की घोषणा की है।