धार्मिक महत्व की पंचक्रोशी यात्रा जयकारे के साथ शुरु
यात्रा प्रारंभ, प्रशासन व्यवस्था दुरुस्ती में लगा
तीन पड़ाव पर यात्री, पिंगलेश्वर-त्रिवेणी-कायावरुणेश्वर और नलवा तक पहुंचे यात्री
उज्जैन,14 अप्रैल (इ खबरटुडे)। धार्मिक महत्व की पंचक्रोशी यात्रा विधिवत वैशाख कृष्ण दशमी सोमवार से भगवान शिव और श्रीकृष्ण के जयकारों के साथ शुरु हुई। हर-हर सदाशिव और हाथ लकड़िया चंदन की, जय बोलो यशोनंदन की… के जयकारे आस्था और विश्वास के साथ यात्रियों ने लगाये। इससे पूर्व पटनी बाजार स्थित नागचंद्रेश्वर महादेव मंदिर पर श्रध्दालु भगवान के दर्शन करने पहुंचे। यहां श्रध्दालुओं ने भगवान से बल लेकर 118 कि.मी. की यात्रा के लिये रवाना हुए। रास्तेभर श्रध्दालु भजन-कीर्तन करते चल रहे थे। यात्रा शुरु होने वाले दिवस पर भी प्रशासन व्यवस्थाएं दुरुस्ती में लगा रहा। प्रशासनिक अधिकारी कुछ पड़ाव पर पहुंचे। विधिवत यात्रा से पूर्व दो दिनों से यात्रा पर रवाना होने से श्रध्दालुओं की स्थिति नलवा के रास्ते से लेकर पिंगलेश्वर तक बनी हुई है।
आस्था और विश्वास की 118 किलोमीटर लंबी पंचक्रोशी यात्रा सोमवार को अधिकृत रूप से आरंभ हुई। शनिवार-रविवार को भी यात्रा पर निकल पड़े पहले जत्थों ने जहां सोमवार शाम को करोहन और नलवा में दस्तक दे दी। रविवार को रवाना होने वाला जत्था करोहन में कायावरुहणेश्वर महादेव प्रांगण में पड़ाव कर रहा है, वहीं शनिवार को रवाना होने वाला एक जत्था नलवा पहुंचने की तैयारी में है। रविवार को रवाना हुआ जत्था एकादशी का पूजन कायावरुणेश्वर मे करेगा।
मौसम से राहत, मार्ग में आफत
मौसम ने भी इस वर्ष पंचक्रोशी यात्रियों को तपन से राहत दी है। बेमौसम बरसात ने माहौल में ठंडक घोल दी है। दिनभर सूर्य भी आग नहीं उगल सका, बादल छाये रहे। दोपहर में तो बूंदा बांदी भी होती रही। इस बार अपेक्षाकृत रूप से पंचक्रोशी यात्रियों की संख्या में कमी आई है। फसल बिगड़ जाने के कारण अंचलों से कम संख्या में श्रध्दालु आये। फिर भी पिछले दो दिनों से यात्रियों का प्रस्थान जारी है। शाम तक श्रध्दालु नागचंद्रेश्वर से बल लेकर पंचक्रोशी यात्रा पर रवाना होते रहे। ग्रामीण क्षेत्रों के मार्गों में तपन की राहत के साथ आफत भी बनी है। कई क्षेत्रों में कीचड़ और गंदगी के हालात हैं वहीं श्रध्दालुओं के लिए लगाये गये टेण्ट गीले हुए हैं। उनके लिये लगाई गई दरियां गंदी हो चुकी है। हवा चलने के कारण टेण्ट उड़ते रहे।
अधिकारी पहुंचे पड़ाव स्थलों पर
118 किलो मीटर लम्बी पंचोशी यात्रा प्रारम्भ हो चुकी है। यात्रीगण प्रथम पड़ाव पिंगलेश्वर से रवाना होकर करोहन के रास्ते में हैं। पंचक्रोशी पड़ावों पर प्रशासन द्वारा की जा रही व्यवस्थाओं का जायजा लेने के लिये संभागायुक्त डॉ. रवीन्द्र पस्तोर के नेतृत्व में विभिन्न पड़ावों पर स्टेण्डअप मीटिंग आयोजित की गई। इस अवसर पर कलेक्टर कवीन्द्र कियावत, पुलिस अधीक्षक एम.एस.वर्मा एवं मेला अधिकारी अविनाश लवानिया भी मौजूद थे। पंचक्रोशी भ्रमण के लिये सभी अधिकारी एक ही बस में बैठकर गये थे। संभागायुक्त ने सबसे पहले उंडासा उप पड़ाव पर जाकर व्यवस्थाओं का निरीक्षण किया। यह पड़ाव यद्यपि अन्तिम पड़ाव है, फिर भी उन्होंने अधिकारियों को यहां व्यापक व्यवस्थाएं करने के निर्देश देते हुए कहा कि खानपान की व्यवस्था के लिये आसपास के ग्रामों के स्व-सहायता समूह को स्टॉल लगाया जायें। उन्होंने बारिश के कारण पड़ाव स्थल की जमीन खराब होने से इसको सुव्यवस्थित करने के निर्देश दिये। साथ ही उन्होंने मुख्य चिकित्सा अधिकारी को जहरीले जानवरों के काटने की दवाईयां पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध कराने को कहा है। संभागायुक्त ने पंचक्रोशी मार्ग के प्रमुख चौराहों पर पर्याप्त रोशनी की व्यवस्था करने के निर्देश नगर निगम एवं ग्राम पंचायतों को दिये हैं। उन्होंने जिला पंचायत के अधिकारी को विभिन्न पड़ावों पर लगाये गये डयूटी चार्ट को व्यवस्थित करते हुए व्यक्ति विशेष को सौंपे गये कार्यों का विवरण स्पष्ट करने को कहा है।
पंचक्रोशी यात्रियों से चर्चा की
संभागायुक्त ने पिंगलेश्वर पड़ाव पर पहुंच कर पेटलावद जिला झाबुआ से आये हुए पंचक्रोशी यात्रियों के दल से चर्चा की एवं उनके लिये की गई व्यवस्थाओं के बारे में जानकारी प्राप्त की। यात्रियों ने बताया कि वे इस यात्रा में प्रशासन द्वारा की गई व्यवस्थाओं से खुश हैं, यद्यपि उनके द्वारा किसी भी चीज की इच्छा जाहिर न करते हुए ईश्वर आराधना में लीन रहने की बात बताई। उन्होंने बताया कि उन्हें बारिश होने से भी कोई परेशानी नहीं है और वे आनन्दपूर्वक भक्तिमार्ग की यात्रा कर रहे हैं। इसके बाद संभागायुक्त शनि मन्दिर पहुंचे तथा वहां की व्यवस्थाओं का जायजा लिया। उन्होंने शनि मन्दिर परिसर में साफ-सफाई की व्यवस्था ठीक करने को कहा है। इस अवसर पर विभिन्न विभागों के अधिकारीगण मौजूद थे।
श्रध्दालुओं की सहजता को नजरअंदाजी में न लें
कलेक्टर ने अधिकारियों को स्पष्ट किया कि पंचक्रोशी यात्रा में आने वाले श्रध्दालु की सहजता को नजरअंदाजी की भावना में नहीं लें। उनके लिये सभी व्यवस्थाएं समय-सीमा में तत्परता से की जाना सुनिश्चित की जाये। उनके ठहरने के लिये पर्याप्त संख्या में स्थानों का इंतजाम हो। यात्रा मार्ग में सफाई पर विशेष ध्यान दिया जाये। आखरी श्रध्दालु जब तक अगले पड़ाव की ओर प्रस्थित न हो जायें, तब तक उस पड़ाव के लिये तैनात व्यवस्था प्रभारी अपना स्थान नहीं छोड़ें। बृहस्पति भवन सभाकक्ष में कलेक्टर ने पंचक्रोशी यात्रा व्यवस्थाओं की समीक्षा बैठक में अधिकारियों को यह निर्देश दिये हैं। बैठक में एसपी एम.एस. वर्मा भी उपस्थित थे।
व्यवस्थाएं चाक-चौबंद हों
पंचक्रोशी यात्रा मार्ग पर श्रध्दालुओं के लिये सभी व्यवस्थाएं चाक-चौबन्द तरीके से की जायें। यात्रियों को यकायक मौसम परिवर्तन की वजह से किसी दिक्कत का सामना नहीं करना पड़े। सभी पड़ावों पर तैनात कर्मियों को पता हो कि उन्हें क्या कार्य करना है। मार्ग में विद्युत, जलापूर्ति, खानपान सामग्री, ठहराने एवं शयन व्यवस्था, गन्दगी निपटान जैसी व्यवस्थाओं में कोई कमी न रहे।
कचरा निपटान की बेहतर व्यवस्था हो
कलेक्टर ने निर्देश दिये कि पंचक्रोशी यात्रा मार्ग में कचरा निपटान की व्यवस्था बेहतर तरीके से की जाये। उन्होंने अभी तक की व्यवस्था पर असंतोष व्यक्त करते हुए निर्देश दिये कि चाय, नाश्ते व खानपान के कचरे को समेटने के लिये मार्ग में स्थान-स्थान पर डस्टबीन, कटे ड्रम इत्यादि रखे जायें। सफाई के लिये ग्राम पंचायतों की सहायता से पर्याप्त अमला तैनात करवाया जाये। यात्रियों के लिये आवश्यकता के अनुरूप बिछात व्यवस्था, तारपोलीन, टेन्ट आदि पर्याप्त संख्या में उपलब्ध रहे।
प्रभारी को शोकाज नोटिस
कलेक्टर ने आवश्यक व्यवस्था नहीं किये जाने पर पिंगलेश्वर पड़ाव के लिये तैनात व्यवस्था प्रभारी श्रीवास्तव के विरूध्द एक वेतन वृध्दि रोकने हेतु शोकॉज नोटिस जारी करने के निर्देश दिये।
भजन-कीर्तन की व्यवस्था की जाये
कलेक्टर ने कहा कि पंचक्रोशी यात्रियों के लिये कला पथक दलों और ग्रामीण भजन मण्डलियों के माध्यम से भजन-कीर्तन एवं सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाये। यह व्यवस्था रात्रि में खासतौर पर रहे, जब यात्रीगण अपने पड़ावों पर विश्राम कर रहे होंगे तब उनके लिये भजन-कीर्तन के माध्यम से धार्मिक भावना से ओतप्रोत वातावरण बना रहे।
स्टॉलों पर सामग्री की जानकारी प्रदर्शित की जाये
पंचक्रोशी यात्रा मार्ग पर दुग्ध महासंघ उज्जैन द्वारा यात्रियों के लिये दुग्ध एवं दुग्ध निर्मित सामग्रियों यथा- छाछ, मट्ठा, श्रीखंड, पेड़ा इत्यादि उपलब्ध करवाये गए हैं। कलेक्टर ने दुग्ध संघ के अधिकारी को निर्देश दिये कि यात्रियों को यह पता होना चाहिये कि उनके स्टाल पर किस प्रकार की सामग्री उपलब्ध है। इसके लिये स्टालों के बाहर सुलभ प्रदर्शित डिस्प्ले बोर्ड लगवाये जायें।
यात्रियों के लिये अलाव की व्यवस्था की जाये
कलेक्टर ने कहा कि मौसम में अचानक परिवर्तन होने से यात्रा मार्ग में भी ठण्डक एवं कीचड़ की समस्या उत्पन्न हो गई है। यात्रियों को परेशानी से बचाने के लिये जनपदों के मुख्य कार्यपालन अधिकारी लकड़ियों की व्यवस्था करके अलाव जलवायें। इसके साथ ही यात्रियों को कंबल भी उपलब्ध करवाये जायें। यात्रा मार्ग पर तैनात अमला रात्रि में भी पूर्ण समय अपनी डयूटी को अंजाम दे।
निरीक्षक को निलंबन के निर्देश, पीओ को फटकार
बैठक में कलेक्टर द्वारा व्यवस्थाओं की समीक्षा के दौरान जानकारी मिली कि पिंगलेश्वर पड़ाव पर 12 अप्रैल को मत्स्य निरीक्षक जी.के.बरैया अनुपस्थित थे। इस पर सख्त नाराजगी व्यक्त करते हुए कलेक्टर ने उन्हें निलम्बित करने के निर्देश दिये। इसके अलावा यह जानकारी भी मिली कि खाचरौद जनपद के अधिकारी को पंचक्रोशी यात्रा डयूटी आदेश प्राप्त नहीं हुआ है। इस पर कलेक्टर ने जिला पंचायत के अधिकारी एस.के.श्रीवास्तव को सख्त फटकार लगाते हुए उन्हें निष्ठा से कार्य करने के निर्देश दिये।
महाकाल में भीड़ नहीं
इस बार पंचक्रोशी यात्री की संख्या में कमी का आलम यह था कि सोमवार तथा पंचक्रोशी यात्रा की तिथि होने के बावजूद महाकाल में दिनभर गर्भ गृह में प्रवेश खुला रहा। सहायक प्रशासक अधिकारी दिलीप गरूढ़ के अनुसार चुंकि यादा भीड़ नहीें थी इसलिये प्रवेश रोकना प्रासंगिक नही था।