दो कंपनियों के वाणिज्यिक विवाद को व्यक्तिगत बनाकर धोखाधडी का केस बना दिया स्टेशन रोड पुलिस ने
रतलाम,13 अगस्त (इ खबरटुडे)। पुलिस अधिकारियों को धन बल और रसूख से प्रभावित कर लिया जाए,तो फिर उनसे कुछ भी करवाया जा सकता है। स्टेशन रोड पुलिस का एक ऐसा ही मामला सामने आया है,जिसमें दो कंपनियों के बीच चल रहे वाणिज्यिक विवाद के बीच पुलिस ने एक पक्ष के प्रभाव में आकर बिना जांच पडताल के दूसरी कंपनी के निदेशकों के खिलाफ धोखाधडी का आपराधिक प्रकरण दर्ज कर लिया। पुलिस ने यह तक नहीं देखा कि असल में कोई धोखाधडी हुई भी या नहीं?
मुंबई स्थित चिनार शिपिंग एंड इंफ्रास्ट्रक्चर प्रा.लि.के निदेशकों और चार्टर्ड एकाउंटेंट के खिलाफ स्टेशन रोड पुलिस थाने पर विगत दिनों धोखाधडी का प्रकरण दर्ज किया गया था। अखबारों के माध्यम से आपराधिक प्रकरण दर्ज होने की जानकारी मिलने पर चिनार शिपिंग कंपनी के निदेशकों ने पुलिस अधीक्षक गौरव तिवारी को एक आवेदन पत्र देकर पूरे मामले की वस्तुस्थिति बताई है। एसपी को दिए गए आवेदन में उन्होने कहा है कि शिकायतकर्ता लेक्सयो एनर्जी प्रा.लि.के मनोज कुलकर्णी द्वारा पुलिस को की गई शिकायत पर बिना जांच किए ही स्टेशनरोड पुलिस ने आपराधिक मामला दर्ज कर लिया,जबकि यह विवाद व्यक्तियों के बीच ना होकर दो कंपनियों के बीच है। मजेदार तथ्य यह भी है कि दोनो कंपनियों के बीच हुए विवाद को लेकर न्यायालयीन कार्यवाही भी जारी है। ऐसी स्थिति में पुलिस को इसमें हस्तक्षेप करने की अधिकारिता ही प्राप्त नहीं है।
अपने आवेदन में चिनार शिपिंग कंपनी के निदेशक अवनीन्द्र कुमार त्रिपाठी ने बताया कि पुलिस द्वारा दर्ज की गई एफआईआर में चिनार शिपिंग कंपनी के निदेशक अवनीन्द्र त्रिपाठी और राघवेन्द्र दुबे पर एकाउंटेंट अजय तिवारी और चार्टर्ड एकाउंटेंट राजेश शुक्ला की मदद से क्रमश: 24 लाख और 09 लाख रु. अवैध तरीके से प्राप्त करने का आरोप लगाया गया है। जबकि वास्तविकता यह है कि उक्त धनराशि का प्रोविजन कंपनी के बैलेंस शीट में किया गया है,लेकिन इस धनराशि का भुगतान आज तक अवनीन्द्र त्रिपाठी और राघवेन्द्र दुबे को किया ही नहीं गया है। जब धनराशि का भुगतान ही नहीं हुआ है,तो इस आधार पर धोखाधडी का प्रकरण कैसे दर्ज किया जा सकता है।
चिनार कंपनी के निदेशक ने एसपी को दी गई अपनी शिकायत में बताया है कि चिनार शिपिंग कंपनी और लेक्सयो एनर्जी प्रा.लि के आपसी विवाद में चिनार शिपिंग कंपनी द्वारा नेशनल कंपनी ला ट्रिब्यूनल में याचिका दायर की गई थी और चिनार शिपिंग कंपनी की याचिका पर माननीय नेशनल कंपनी लॉ बोर्ड ने आदेश दिनांक 13 अप्रैल 2015 के द्वारा कंपनी के सुचारु संचालन के लिए श्रीमती मंजरी कक्कर को कंपनी का स्वतंत्र चैयर पर्सन नामित किया है। कंपनी लॉ बोर्ड के इस आदेश के बाद से कंपनी के समस्त वित्तीय अधिकार उन्ही के पास है। कंपनी का आडिट और समस्त भुगतान कपंनी ला बोर्ड द्वारा नामित चेयर पर्सन श्रीमती कक्कर द्वारा ही किए जाते है। ऐसी स्थिति में जब कंपनी के निदेशकों के पास कोई वित्तीय अधिकार ही नहीं है,तो उनके द्वारा वित्तीय अनियमितता कैसे की जा सकती है?
श्री त्रिपाठी ने अपने आवेदन में बताया कि जिस बैलेंस शीट के आधार पर लैक्सयो एनर्जी प्रा.लि. के मनोज कुलकर्नी ने आपराधिक प्रकरण दर्ज कराया है,वह उन्हे तीन वर्ष पूर्व भेजी गई थी। तीन वर्ष पूर्व भेजी गई बैलेंस शीट के आधार पर अब एफआईआर दर्ज कैसे की जा सकती है?
चिनार शिपिंग कंपनी के निदेशक अवनीन्द्र कुमार त्रिपाठी ने बताया कि चिनार शिपिंग कंपनी ने वर्ष 2011 में रतलाम निवासी योगेश शर्मा और जयप्रकाश शर्मा से एक अनुबंध करके उन्हे चिनार शिपिंग कपनी के निदेशक मंडल में शामिल किया था। लेकिन उक्त दोनो व्यक्तियों ने निदेशक मंडल में शामिल होने के बाद से ही अपने दायित्वों के निर्वहन में घोर लापरवाही बरतने के साथ साथ अपनी शक्तियों को दुरुपयोग करते हुए ऐसे कार्य किए जिससे कि कंपनी को भारी नुकसान उठाना पडा। उक्त दोनो निदेशकों ने कंपनी के प्रबंध निदेशक की अनुमति के कंपनी से एक करोड रुपए का गलत तरीके से आहरण भी कर लिया। इस वित्तीय कदाचार पर उक्त दोनो व्यक्तियों के विरुध्द मुंबई पुलिस द्वारा वर्ष 2015 में धोखाधडी और अमानत में खयानत का आपराधिक मामला भी दर्ज किया गया था। उक्त प्रकरण मुंबई के न्यायालय में विचाराधीन है। इसी वर्ष उक्त दोनो व्यक्तियों योगेश शर्मा और जयप्रकाश शर्मा ने चिनार शिपिंग कंपनी के निदेशक मंडल से इस्तीफा दे दिया और लेक्सयो एनर्जी प्रा.लि. की ओर से एक जूनियर कर्मचारी मनोज कुलकर्णी को अपना प्रतिनिधि नियुक्त कर दिया गया।
श्री त्रिपाठी ने अपने आवेदन में कहा है कि वर्ष 2015 से ही लेक्सयो एनर्जी प्रा.लि.के योगेश शर्मा और जयप्रकाश शर्मा द्वारा चिनार शिपिंग कंपनी के विरुध्द लगातार झूठी शिकायतें की जा रही है और अपने प्रभाव क्षेत्र रतलाम में धनबल व रसूख के चलते वे चिनार शिपिंग कंपनी के निदेशकों के खिलाफ असत्य और आधारहीन शिकायतें कर आपराधिक प्रकरण दर्ज करवाने में भी सफल हो गए है । श्री त्रिपाठी ने बताया कि जप्रकाश शर्मा ने पूर्व में भी पुलिस थाना स्टेशनरोड पर उनके विरुध्द धोखाधडी की एफआईआर दर्ज करवाई थी,जिसे माननीय उच्च न्यायालय द्वारा 18 अप्रैल 2018 को निरस्त कर दिया गया। माननीय उच्च न्यायालय इन्दौर खंडपीठ ने स्पष्ट किया कि यह सारा विवाद व्यापारिक लेनदेन से संबधित है अत: यह आपराधिक मामला ना होकर वाणिज्यिक विवाद है तथा इसे मध्यस्थता के लिए भेज दिया गया।
श्री त्रिपाठी ने एसपी को दिए अपने आवेदन में कहा है कि यह सारा विवाद चिनार शिपिंग कंपनी तथा लेक्सयो एनर्जी कंपनी का विवाद है,जिसको लेकर चिनार शिपिंग कपनी द्वारा कंपनी ला बोर्ड में वाद दायर किया गया है और यह वाद विचाराधीन है। ऐसी स्थिति में उनके विरुध्द आपराधिक प्रकरण दर्ज किया जाना पूरी तरह अवैधानिक है। उन्होने एसपी श्री तिवारी से मांग की है कि उक्त पूरे मामले की निष्पक्ष जांच करवाकर चिनार शिपिंग कंपनी के निदेशकों के खिलाफ दर्ज की गई एफआईआर को निरस्त किया जाए।