November 15, 2024

दोनों पार्टियों के कई बागी हुए निर्दलीय,अब चलेगा मनाने रिझाने का खेल,रतलाम और आलोट में कोई बागी नहीं

रतलाम,9 नवंबर (इ खबरटुडे)। नामांकन दाखिल करने का अंतिम समय समाप्त होने के बाद सामने आई जानकारियों के मुताबिक जिले की सैलाना,जावरा और रतलाम ग्रामीण सीटों पर दोनों प्रमुख पार्टियों के कई असंतुष्ट नेता बागी हो गए है। कांग्रेस नेता डीपी धाकड,हमीरसिंह और भाजपा की विधायक संगीता चारेल समेत अनेक नेताओं ने निर्दलीय प्रत्याशी के रुप में नामांकन दाखिल किए है। दोनों ही प्रमुख पार्टियों के लिए बागियों की मौजूदगी सिरदर्द साबित हो सकती है। जिले की जावरा,सैलाना और रतलाम ग्रामीण पर जहां दोनो पार्टियों के बागी मैदान में है,वहीं रतलाम शहर और आलोट बागी मुक्त है।
नामाकंन पत्र दाखिल करने का समय समाप्त होने के बाद अब दोनो ही पार्टियों में नाराज नेताओं को मनाने रिझाने का खेल चलेगा और नाम वापसी का का अंतिम समय समाप्त होने के बाद वस्तुस्थिति सामने आएगी। जिले की पांच विधानसभी सीटों में सर्वाधिक नामांकन सैलाना सीट पर दाखिल किए गए है। यहां भाजपा ने जनता दल छोडकर आए नारायण मईडा को अपना प्रत्याशी बनाया है तो कांग्रेस ने हर्षविजय गेहलोत पर दांव लगाया है। सैलाना की भाजपा विधायक संगीता चारेल टिकट काटे जाने से बेहद नाराज है और उन्होने आज निर्दलीय प्रत्याशी के रुप में नामांकन दाखिल किया है। सैलाना सीट भाजपा के लिए हमेशा से बेहद कठिन रही है। सैलाना सीट पर संगीता चारेल भाजपा की पहली विधायक रही है। संगीता चारेल का निर्दलीय रुप से मैदान में होना भाजपा के लिए बडा सिरदर्द साबित हो सकता है।
जिले की जावरा सीट पर दोनों ही पार्टियों के नेता बागी हुए है। किसान आन्दोलन से चर्चित हुए डीपी धाकड,डॉ.हमीरसिंह और युसूफ कडपा ने जावरा से निर्दलीय प्रत्याशी के रुप में नामांकन दाखिल किए है। कांग्रेस ने यहां से केके सिंह को अपना उम्मीदवार बनाया है। लेकिन यहां भाजपा के लिए भी कई समस्याएं खडी है। पिपलौदा नगर परिषद के अध्यक्ष श्याम बिहारी पटेल और विश्वजीत सिंह ने भी निर्दलीय प्रत्याशी के रुप में पर्चा दाखिल किया है। अब दोनो ही पार्टियों के लिए बागी नेता बडी चुनौती बने हुए है।
रतलाम ग्रामीण में भी दोनो ही पार्टियों के लिए बागी मुसीबत बन सकते है। भाजपा प्रत्याशी दिलीप मकवाना को हराने के लिए भाजपा नेत्री पूनम सोलंकी मैदान में उतरी है,तो कांग्रेस द्वारा अंतिम समय पर प्रत्याशी बदले जाने के बाद थावर लाल भूरिया के सामने डॉ.अभय ओहरी चुनौती बनकर खडे है। हांलाकि डॉ ओहरी कांग्रेस के सदस्य नहीं थे,लेकिन उन्होने कांग्रेस से टिकट मांगा था।
रतलाम और आलोट सीटों की स्थिति कुछ अलग है। रतलाम शहर सीट पर दोनो ही पार्टियों के अधिकृत प्रत्याशियों को सीधा मुकाबला करना है। यहां कोई बागी नहीं हुआ है। कमोबेश यही स्थिति आलोट की भी है। हांलाकि आलोट में कांग्रेस प्रत्याशी मनोज चावला की उम्मीदवारी का विरोध हुआ था,लेकिन किसी नेता ने बागी होकर निर्दलीय रुप से फार्म नहीं भरा है।
जिले की पांचों सीटों पर भाजपा और कांग्रेस के अलावा बहुजन समाज पार्टी,जनता दल लोकतांत्रिक,आप जैसी कई पार्टियों के प्रत्याशी भी मैदान में आए है,लेकिन इनका प्रभाव नगण्य है। रतलाम सिटी से सपाक्स ने भी उम्मीदवार उतारा है। लेकिन यह भी महत्वहीन है।

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