दर्द से कराहती छात्रा ने बैंच पर तोड़ा दम, कोरोना की आशंका में नहीं सौंपा शव
श्योपुर/विजयपुर02 मई (इ खबरटुडे)। विजयपुर कस्बे में डॉक्टरों की बड़ी लापरवाही सामने आई है। यहां रातभर पेटदर्द से एक छात्रा कराहती रही। परिजन कई बार डॉक्टरों को बुलाने पहुंचे लेकिन अस्पताल के तीन डॉक्टरों में से एक ने भी घर का दरवाजा तक नहीं खोला।
दर्द से कराहती छात्रा ने अस्पताल की बैंच पर ही दम तोड़ दिया। इसके बाद आए डॉक्टरों ने स्वजन को शव न सौंपते हुए कोरोना संक्रमित की तरह अंतिम संस्कार कर दिया। गोहरा गांव के रमेश शाक्य की 18 साल की बेटी मोनिका को शुक्रवार रात 9 बजे गंभीर हालत में अस्पताल लाया गया। अस्पताल में कोई डॉक्टर नहीं मिला।
उसे पेट दर्द हो रहा है, बुखार और सांस लेने में तकलीफ है तो कर्मचारियों ने ही छात्रा को कोरोना जैसे लक्षण बता दिए। अस्पताल में पदस्थ तीनों डॉक्टरों में से एक भी छात्रा का इलाज करने नहीं आया। इस बीच छात्रा की मौत हो गई। करीब तीन घंटे उसका शव अस्पताल की बैंच पर ही पड़ा रहा।
मामले को रफादफा करने के लिए मृत छात्रा को रात में ही ग्वालियर रेफर करना बता दिया। बीएमओ डॉ. केएल पचौरिया ने विजयपुर एसडीएम को जानकारी देते हुए बताया कि हमने तो छात्रा को रेफर कर दिया लेकिन एंबुलेंस छात्रा को गोहरा से लेकर विजयपुर अस्पताल आई वह ग्वालियर नहीं गई।
संक्रमित देह की तरह अंतिम संस्कार डॉक्टर और स्थानीय प्रशासन ने लापरवाही के आरोप से बचने के लिए छात्रा की मौत का कारण कोरोना संक्रमण बता दिया। शव को सोडियम हाइपोक्लोराइड से सैनिटाइज करवाया गया। श्योपुर से एक विशेष पॉलीथिन बैग विजयपुर मंगवाया गया जिसमें शव सील पैक करवाया।
स्वजन को छात्रा की देह के आसपास नहीं आने दिया। अपनी निगरानी में अंतिम संस्कार करवाया। इसके बाद छात्रा के पिता, भाई सहित परिवार के चार सदस्यों के कोरोना सैंपल लेकर उन्हें क्वारंटाइन कर दिया गया है।
रात को 11 बजे मैं बीमार छात्रा को देखने गया था। उसके बाद रेफर किया है, लेकिन एंबुलेंस के स्टाफ ने यह कहते हुए ग्वालियर ले जाने से मना कर दिया कि यह मरीज कोरोना संक्रमित है। उक्त बालिका एक महीने से बीमार थी।- डॉ. केएल पचौरिया, बीएमओ, विजयपुर