डैमेज कंट्रोल में जुटी भाजपा,एमआइसी में बदलाव की आहट
कांग्रेस द्वारा अविश्वास प्रस्ताव लाए जाने के बाद असंतुष्ट भाजपा पार्षदों से बातचीत शुरु
रतलाम,7 मार्च (इ खबरटुडे)। महापौर और संगठन से नाराज सात भाजपा पार्षदों के इस्तीफें के मामले को लपकते हुए कांग्रेस ने निगमाध्यक्ष के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव की मांग कर भाजपा को सकते में ला दिया है। पार्षदों के इस्तीफे के बावजूद उन्हे मनाने के लिए अब तक कोई प्रयास नहीं करने वाली भाजपा कांग्रेस के हरकत में आते ही डेमेज कंट्रोल में जूट गई है और निगम अध्यक्ष की कुर्सी बचाने के लिए असंतुष्ट पार्षदों से बातचीत के प्रयास किए जाने लगे है।
पार्टी के सूत्र बताते है कि इस्तीफा दे चुके पार्षदों से बातचीत के प्रयास शुरु कर दिए गए है और वरष्ठि नेताओं द्वारा भी उनसे बातचीत की जा रही है। पार्टी को विश्वास है कि असंतुष्ट पार्षदों को मना लिया जाएगा और यदि अविश्वास प्रस्ताव पर वोटिंग होती है तो पार्षद भाजपा के खिलाफ नहीं जाएगें। दूसरी और यह भी चर्चा है कि संगठन द्वारा अभी तक इन पार्षदों की सुध नहीं ली गई ना हीं इनकी नाराजगी को दूर करने का प्रयास किया गया, जिसके बाद इन पार्षदों के पास शक्ति प्रदर्शन कर अपनी ताकत दिखाने का यही मौका है और इसके लिए वे विरोधी कदम भी उठा सकते है।
एमआईसी में बदलाव की आहट
सूत्र बताते है कि भाजपा द्वारा असंतुष्ट पार्षदों के इस्तीफों को अभी तक स्वीकार नहीं किया गया है, एसे में उन्हे संतुष्ट करने के लिए एमआईसी में फिर से फेरबदल किया जा सकता है। असंतुष्ट पार्षदों की नाराजगी का प्रमुख कारण एमआईसी में निर्दलीय रुप से चुनाव लड़े पार्षदों को शामिल किया जाना है। ऐसे में संभावना है कि स्थितियों को देखते हुए निर्दलीय पार्षदों को हटाकर उनके स्थान पर असंतुष्ट पार्षदों को एमआईसी में शामिल किया जा सकता है।
कांग्रेस में भी सबकुछ आसान नहीं
कांग्रेस ने भले ही निगमाध्यक्ष के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने के लिए एकजुट होकर 21 पार्षदों की परेड कलेक्टर के सामने करा दी है, लेकिन कांग्रेस के लिए भी सबकुछ आसान नहीं है। कांग्रेस के अदंर चल रही गुटबाजी के कारण अविश्वास प्रस्ताव पर जीत हासिल करना कांग्रेस के लिए भी टेढ़ी खीर है। नेता विपक्ष को लेकर ही कांग्रेस के अंदर खींचातानी चल रही है और हर बार प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष के सामने यह मुद्दा उठता है एसे में यदि भाजपा के पार्षद नहीं मानते है तो भी कांग्रेस के अंदर ही निगमाध्यक्ष पद को लेकर दंगल होने की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता है।
दूसरी ओर भाजपा के एक जिला पदाधिकारी ने दावा किया कि भाजपा के सभी पार्षद पार्टी के साथ है। असंतुष्ट पार्षद भी पार्टी के साथ है और उन्हे जल्द मना लिया जाएगा। कांग्रेस के मनसुबे कभी कामयाब नहीं हो पाएगें। निगमाध्यक्ष की कुर्सी को किसी तरह का खतरा नहीं है।