November 26, 2024

जिला प्रशासन की कमजोरी के चलते टांय टांय फिस्स हुई माफिया के खिलाफ मुहिम

रतलाम,25 दिसंबर (इ खबरटुडे)। प्रदेश की राजधानी भोपाल से लेकर प्रदेश के कई अन्य स्थानों पर प्रशासन द्वारा माफियाओं के खिलाफ कडी कार्यवाहियां की जा रही है। राजधानी भोपाल में ही प्रशासन ने कई भूमाफियाओं के अवैध निर्माण तोडे है,तो कई बेशकीमती सरकारी जमीनों के अवैध कब्जे हटाए गए है। लेकिन यहां रतलाम में जिला प्रशासन की कमजोरी के चलते माफिया के खिलाफ शुरु हुई मुहिम टांय टांय फिस्स हो गई है।
मुख्यमंत्री कमलनाथ द्वारा प्रशासनिक अधिकारियों को माफिया के खिलाफ कार्यवाही करने के निर्देश दिए जाने के बाद रतलाम में कार्यवाही की शुरुआत तो की गई थी,लेकिन एक ही दिन में इस मुहिम का दम निकल गया। प्रशासनिक अमला बडे लाव लश्कर के साथ बाजना रोड स्थित एक मैरिज गार्डन पर पंहुचा था और यहां एमओएस नहीं छोडे जाने को लेकर तोडफोड शुरु की गई थी।
यह कार्यवाही देर रात तक चलती रही थी। लेकिन अगले दिन से ही माफिया के खिलाफ शुरु किए गए अभियान की हवा निकल गई। प्रशासन ने उस मैरिज गार्डन को छोड कर अपना रुख शहर की तरफ किया और लोकेन्द्र टाकीज चौराहे पर बनी कुछ गुमटियों को तोड दिया गया। इसके बाद से लेकर अब तक कहीं कोई हलचल नजर नहीं आई है।
दिखाने के लिए जिले के ग्रामीण इलाकों में छुटपुट कार्यवाहियां की जा रही है। इसमें भी छोटे व्यवसाईयों की गुमटियां तोडने जैसे ही काम किए जा रहे हैं।
इसके विपरित शहर में सरकारी जमीनों पर अवैध कब्जों,नियम विपरित निर्माण जैसी अनेक गडबडियां बेरोकटोक जारी है। शहर के व्यस्ततम व्यापारिक क्षेत्रों में बनाए गए अधिकांश बहुमंजिला व्यावसायिक काम्प्लेक्स भवनों में भूमिगत पार्किंग एरिया को बंद कर वहां दुकानें बना दी गई है। व्यावसायिक काम्प्लेक्स भवनों में पार्किंग बंद कर दिए जाने से सड़कों पर ट्रैफिक जाम की स्थिति बनी रहती है। शहर की तमाम बहुमंजिला इमारतों की यही हालत है। अनेक निजी अस्पतालों में भी पार्किंग की जगह गायब कर दी गई है। लेकिन सुस्त और लचर जिला प्रशासन इस ओर देखने को ही राजी नहीं है।
यही नहीं, बेशकीमती सरकारी जमीनों पर अवैध कब्जे कर उन पर पक्के निर्माण एि जा चुके हैं। पुराने कलेक्टोरेट के नजदीक ही इसका सबसे बडा उदाहरण मौजूद है,जहां सरकारी जमीन पर भवन खडे हैं। शहर की अनेक कालोनियों में उद्यान के लिए आरक्षित भूमि पर प्लाट काट दिए गए है। रतलाम राजवंश की सम्पत्तियों में हेराफेरी के मामले अब भी जारी है। लोकेन्द्र भवन में बिना प्राधिकार के न सिर्फ निर्माण किया जा रहा है,बल्कि नियमों को ताक पर रखकर खुली भूमि में प्लाट काटने की भी तैयारी है। शहर में हर ओर ढेरों गडबडियां है,लेकिन सुस्त और अकर्मण्य जिला प्रशासन को इनमें से कोई गडबडी नजर नहीं आ रही है।
मुख्यमंत्री के साफ निर्देशों के बावजूद जिला प्रशासन सिर्फ दिखावे की कार्यवाही कर रहा है और असल माफिया बेखौफ अपनी कारगुजारियों में लगे हुए है। प्रशासन की दिखावे की कार्यवाही में गरीब और छोटे व्यवसाईयों को निशाना बनाया जा रहा है और उन्हे उनके रोजगार से वंचित किया जा रहा है। प्रशासन के इस सुस्त रवैये के बावजूद सत्तासीन कांग्रेस पार्टी के जनप्रतिनिधि और नेताओं का मौन बने रहना कई सवाल खडे कर रहा है।

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